20 साल तक पत्रकारिता करने वाले हर पत्रकार को मिले पेंशन, MWB ने सरकार के समक्ष उठाई मांग

Edited By Isha, Updated: 03 Aug, 2024 01:27 PM

every journalist who has done journalism for 20 years should get pension

हरियाणा सरकार की ओर से पत्रकारों को दी जाने वाली पेंशन के नियमों में बदलाव की मांग करते हुए मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन ने स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम एक ज्ञापन सौंपा। कुरुक्षेत्र के जिला अध्यक्ष पवन चोपड़ा और...

कुरुक्षेत्र( विनोद खूंगर) :  हरियाणा सरकार की ओर से पत्रकारों को दी जाने वाली पेंशन के नियमों में बदलाव की मांग करते हुए मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन ने स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम एक ज्ञापन सौंपा। कुरुक्षेत्र के जिला अध्यक्ष पवन चोपड़ा और प्रमोद कौशिक ने अपने साथियों के साथ सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि सरकार की ओर से पत्रकारों को दी जाने वाली पेंशन में कईं नियम बनाए गए है। इतना ही नहीं इनमें पत्रकारिता के अनुभव के साथ मान्यता प्राप्त होना भी शामिल है। उन्होंने ज्ञापन के जरिए मांग की कि इन नियमों में बदलाव करते हुए 20 साल तक लगातार पत्रकारिता करने वाले हर पत्रकार को पेंशन देने की मांग की।

उन्होंने कहा कि अधिकतर पत्रकार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं होते हैं। ऐसे में सरस्वती का ज्ञान रखने वाले और दुनिया को हर सच्चाई से अवगत करवाने वाले पत्रकारों के पास हमेशा ही लक्ष्मी का अभाव रहता है। वृद्धा अवस्था में तो उन्हें काफी कठिनाई आती है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह 20 वर्ष तक लगातार पत्रकारिता करने वाले हर पत्रकार को पेंशन प्रदान करें। 

मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि पेंशन के लिए पत्रकारों की आयु सीमा को कम कर 60 की बजाए 55 वर्ष किया जाना चाहिए। साथ ही हरियाणा में मान्यता प्रदान करने वाले नियमों का सरलीकरण किया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा पत्रकारों को मान्यता मिल सके। साथ ही मासिक पत्रिका निकालने वाले संस्थानों से अधिकृत पत्रकारों को CA के सर्टिफिकेट पर मान्यता दी जानी चाहिए।

मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन को पंचकूला में प्रेस क्लब चंडीगढ़ की तर्ज पर मुख्यालय बनाने के लिए एक कनाल का प्लाट दिया जाए। इसके साथ ही पत्रकारों को टोल फ्री सुविधा भी दी जाए। उन्होंने कहा कि जब देश में लोकतंत्र के तीन स्तंभों को टोल टैक्स पर छूट है तो फिर चौथा स्तंभ कहलाए जाने वाले मीडिया को भी इसमें छूट मिलनी चाहिए। 

हरियाणा रोडवेज की ओर से मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्रतिवर्ष 4 हजार किलोमीटर की यात्रा का लाभ दिया जाता, जिसे असीमित किया जाना चाहिए, क्योंकि अनेक बार पत्रकारों को अपने संस्थान के मुख्यालय या फिर प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ आना-जाना पड़ता है। ऐसे में यह किलोमीटर की बंदिश खत्म होनी चाहिए।

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