Edited By Yakeen Kumar, Updated: 05 May, 2025 09:51 PM

जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय सिंह चौटाला ने कहा है कि हरियाणा-पंजाब के जल बंटवारे पर हुई सर्वदलीय बैठक में जेजेपी ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया था, अब केंद्र और राज्य सरकार मिलकर हरियाणा के हक का पानी दिलाने का काम करें।
चंडीगढ (चंद्र शेखर धरणी) : जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय सिंह चौटाला ने कहा है कि हरियाणा-पंजाब के जल बंटवारे पर हुई सर्वदलीय बैठक में जेजेपी ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया था, अब केंद्र और राज्य सरकार मिलकर हरियाणा के हक का पानी दिलाने का काम करें। डॉ चौटाला ने कहा कि एसवाईएल के हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के पक्ष में कब का आया हुआ है, लेकिन केंद्र ने अब तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया। इतना ही नहीं अब पंजाब सरकार विधानसभा में भी जल को लेकर बिना मतलब के प्रस्ताव पारित करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे संवैधानिक संकट को समझना चाहिए और तुरंत उचित कदम उठाना चाहिए।
अजय चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार की राज्यों के प्रति संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी का स्टैंड दोनों राज्य में अलग-अलग है, ऐसी राजनीति के चलते यह मसले बिना बातचीत के लटके हुए है। डॉ चौटाला ने कहा कि जल बंटवारे के विवाद के चलते हरियाणा के किसानों को सिंचाई का पानी तो मिलना दूर, प्रदेश के लोग पेयजल के लिए तरस रहे है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है, इसलिए मजबूरन पैसे खर्च करके टैंकरों का पानी पीने को मजबूर है।
वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड केंद्र सरकार के अधीन है और बोर्ड जल बंटवारे पर निर्णय ले चुका है, लेकिन इसके बावजूद पंजाब सरकार द्वारा हरियाणा को उसके हिस्से का पानी नहीं देना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की राजनीति से साफ दिखता है कि वे दिल्ली में हार के बाद फ्रस्ट्रेशन में है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पीने के पानी पर विवाद खड़ा करके पंजाब सरकार हरियाणा और राजस्थान पर अपनी हार की फ्रस्ट्रेशन निकालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब को बोर्ड से मंजूर पानी को हरियाणा को देना होगा। पूर्व डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि सर्वदलीय बैठक में जेजेपी ने एसवाईएल को लेकर भी हरियाणा सरकार को सुझाव दिया था कि वे केंद्र से जवाब मांगे कि वे क्यूं हरियाणा को उसका हक दिलाने में देरी कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पेयजल संकट के लिए राज्य सरकार का गैर जिम्मेदार रवैया भी है, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाना सरकार की विफलता है।
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