दुर्गा को मिलेगा जीवन साथी, हरियाणा वन्य एवं जीव विभाग ने शुरु की खोज

Edited By Deepak Paul, Updated: 11 Feb, 2019 11:12 AM

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अब दुर्गा 2 साल की हो चुकी है। हरियाणा के वन्य एवं जीव विभाग ने दुर्गा के हमसफर की तलाश शुरू कर दी है। दुर्गा के साथी की खोज के लिए विभाग ने विभिन्न राज्यों के चिडिय़ाघरों से बातचीत का सिलसिला शुरू कर दिया है।

चंडीगढ़(अर्चना): अब दुर्गा 2 साल की हो चुकी है। हरियाणा के वन्य एवं जीव विभाग ने दुर्गा के हमसफर की तलाश शुरू कर दी है। दुर्गा के साथी की खोज के लिए विभाग ने विभिन्न राज्यों के चिडिय़ाघरों से बातचीत का सिलसिला शुरू कर दिया है। 3 साल की उम्र में तेंदुओं को अपने पार्टनर के साथ रखा जा सकता है। दुर्गा की उम्र के अनुरूप तेंदुआ मिलते ही उसे हरियाणा लाया जाएगा और दुर्गा के 3 साल के होते ही उसे दुर्गा के साथ एक ही पिंजरे में रखा जाएगा। बीते साल हरियाणा के वन्य एवं जीव विभाग ने परिवार से बिछुड़ी दुर्गा (मादा तेंदुआ) को न सिर्फ बचाया, बल्कि राज्य के चिडिय़ाघर में आश्रय भी दिया था। सालभर पहले दुर्गा एक किसान को पंचकूला से 14 किलोमीटर दूर खेत में रोते-बिलखते हुए मिली थी। दुर्गा की मां उसे छोड़कर कहीं चली गई थी।

किसान ने दुर्गा के बाबत हरियाणा के वन्य एवं जीवन विभाग को जानकारी देकर मदद मांगी। विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर दुर्गा को रैस्क्यू किया। विभाग ने उसे पहले पीपली के चिडिय़ाघर में रखकर इलाज करवाया और उसके बाद रोहतक के चिडिय़ाघर में रख लिया। चूंकि दुर्गा अपनी मां से बहुत कम उम्र में बिछुड़ गई थी, इसलिए वह पिंजरे में आने वाले लोगों पर गुर्राने के बजाय उनके साथ खेलना पसंद करती है। इतना ही नहीं, रोहतक चिडिय़ाघर के 8 साल के चीते के लिए भी संगिनी की तलाश शुरू की जा चुकी है। 12 साल के इस चीते को भी विभाग ने राज्य के ही एक जंगल के साथ लगते खेत से रैस्क्यू किया था। लोगों से खुद को बचाने के चक्कर में चीता चोटिल हो गया था। जब तक चीता फिट नहीं हो जाता, उसे वापस जंगल में छोड़ा नहीं जा सकता था। टांग की चोट का इलाज चिडिय़ाघर के वैटर्नरी एक्सपटर््स के पास लंबा चला, इसलिए चीता यहीं का होकर रह गया और उसने चिडिय़ाघर को ही अपना घर मान लिया।

फिलहाल, चीते को कोई नाम नहीं दिया गया है परंतु जल्द ही वन्य एवं जीव विभाग के अधिकारी इस चीते को भी नाम दे देंगे। चीते के लिए पार्टनर खोजने की पहले भी कोशिश की गई थी परंतु उसकी उम्र के मुताबिक मादा चीता नहीं मिल सकी थी। अब फिर चीते के लिए साथी खोजा जा रहा है। दुर्गा और चीते के अलावा चिडिय़ाघर की एक पेलिकन बर्ड के लिए भी जीवनसाथी की तलाश की जा रही है।

नियमों को ध्यान में रखा जा रहा है
हरियाणा के वन्य एवं जीव विभाग के पिं्रसीपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरैस्ट (वाइल्ड लाइफ) वी.एस. तंवर का कहना है कि सैंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों को ध्यान में रखते हुए चिडिय़ाघर के जानवर और परिंदों के लिए साथियों की खोज की जा रही है। दुर्गा और चीते के साथियों के बदले में हरियाणा से ङ्क्षचकारा एक्सचैंज किए जाएंगे, जबकि पेलिकन बर्ड के लिए पंजाब को हरियाणा चिडिय़ाघर से ही कोई न कोई परिंदा दे दिया जाएगा। हरियाणा में वाइल्ड लाइफ के हर पहलू का ध्यान रखा जाता है। भले ही वह उनके खान-पान की बात हो या फिर जीवनसाथी की तलाश।

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