Edited By Manisha rana, Updated: 23 Nov, 2024 04:31 PM
भाजपा के ऐतिहासिक फैसलों में एक ‘आरक्षण में वर्गीकरण’ के बाद डीएससी समाज पूरे जोश में है। विधानसभा चुनाव के दौरान हरियाणा की राजनीति में नया अध्याय जोड़ने वाले डीएससी समाज को ‘आरक्षण में वर्गीकरण’ खूब भा रहा है।
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): भाजपा के ऐतिहासिक फैसलों में एक ‘आरक्षण में वर्गीकरण’ के बाद डीएससी समाज पूरे जोश में है। विधानसभा चुनाव के दौरान हरियाणा की राजनीति में नया अध्याय जोड़ने वाले डीएससी समाज (वंचित अनुसूचित जाति) को ‘आरक्षण में वर्गीकरण’ खूब भा रहा है। अब इस समाज के युवाओं के मन से नौकरी और रोजगार की चिंता खत्म हुई है। ‘आरक्षण में वर्गीकरण’ का डायरेक्ट लाभ डीएससी समाज को मिल रहा है और इस समाज के लोग भाजपा को इसका श्रेय देने से भी कतई पीछे नहीं हट रहे। यह वही डीएससी समाज है, जिसने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान अचानक भाजपा के पक्ष में "टर्निंग प्वाइंट" बना दिया था।
भाजपा ने आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लिया तो डीएससी समाज ने भी भाजपा को सिर-माथे पर बैठाने में कसर नहीं छोड़ी। ध्यान देने लायक है कि इसी साल चुनावी बेला में 22 सितंबर को डीएससी समाज ने जींद में बड़ी रैली की और भाजपा के सम्मान में पलक पावड़े बिछा दिए। रैली से पहले तक हरियाणा विधानसभा चुनाव का मिजाज दूसरा ही चल रहा था, लेकिन जैसे ही डीएससी समाज ने रैली की तो माहौल एक तरफा भाजपा के पक्ष में होता चला गया। भाजपा के पक्ष में माहौल बनने का कारण भी वाजिब है, दरअसल बड़े आंदोलनों के बाद हरियाणा में अक्तूबर 1994 में आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लागू किया गया, लेकिन डीएससी समाज को कांग्रेस सरकार ने 2005 में आरक्षण में वर्गीकरण का लाभ देना बंद कर दिया था। इससे आहत समाज लगातार संघर्ष करता रहा, मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा और सर्वोच्च न्यायालय ने अगस्त 2024 में आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला समाज के हक में किया।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने क्षण भर भी देर नहीं लगाई और पहली कलम से आरक्षण के वर्गीकरण का फैसला लागू कर दिया। फैसला लागू होने और इस बड़े समाज द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनाव का रुख बदलने से साफ हो गया है कि भाजपा का एक बड़ा वोट बैंक डीएससी समाज और मजबूती से भाजपा के लिए तैयार हो गया है। डीएससी समाज भाजपा के लिए भविष्य में भी ऐसे ही सीना तानकर खड़ा रहेगा इसका उदाहरण 24 नवंबर को जींद में नजर आएग। 24 नवंबर को भगवान वाल्मीकि की राज्यस्तरीय जयंती समारोह के मौके पर जींद के एकलव्य स्टेडियम में डीएससी समाज द्वारा मुख्यमंत्री नायब सैनी का मान-सम्मान किया जाएगा।
राजनीतिक मायने
भगवान वाल्मीकि की राज्यस्तरीय जयंती समारोह हरियाणा की राजनीति में इतिहास लिखेगा। दशकों तक अपने हकों से वंचित रहे डीएससी समाज अब खुद के लिए भाजपा को सबसे बेहतर मान रहा है। इसके बड़े राजनीतिक मायने इसलिए भी हैं कि इस समाज को किसी भी राजनीतक दल ने आज तक वो तवज्जों नहीं दी जिसका हकदार डीएससी समाज था। अब डीएससी समाज के हक भाजपा में सुरक्षित हैं और डीएससी समाज के रूप में भाजपा का बड़ा वोट बैंक सुरक्षित है। हरियाणा की राजनीति की दिशा तय करने वाला यह समाज अब भाजपा के लिए हमेशा तैयार खड़ा नजर आने वाला है। जिस तरह कांग्रेस में लगातार वंचित समाज के नेताओं को नीचा दिखाने का काम किया जा रहा है, उससे भी समाज खासा नाराज है और कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए भी तैयार है। इस विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ, जब कांग्रेस की दलित नेत्री कुमारी सैलजा पर अभद्र टिप्पणी की गई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का एक बयान तक नहीं आया। आने वाले समय में भी डीएससी समाज भाजपा की ढाल बनकर काम करेगा।
ऐतिहासिक होगा समारोह, लाखों लाग आएंगे
इस कार्यक्रम को सफल करने के लिए अपनी पूरी ताकत जमीन पर लगाने वाले हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि 24 नवंबर जींद के एकलव्य मैदान में प्रदेश सरकार की तरफ से भगवान वाल्मीकि की राज्यस्तरीय जयंती का आयोजन किया जा रहा है। इस पर्व पर समाज के लाखों लोग मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का मान-सम्मान करेंगे। प्रदेश की 90 विधानसभाओं से पूरे जोश और उत्साह के साथ देखने को मिल रहा है। लाखों लोग जींद के ऐतिहासिक एकलव्य मैदान में पहुंचेंगे। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वे अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण के लिए संघर्ष करने वाले समाज के महान लोगों का आभार व्यक्त करते हैं। आज जींद के एकलव्य मैदान में पत्रकारों से संवाद करते हुए मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि कांग्रेस अपना आधार खो चुकी है। हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों ने फिर साबित कर दिया कि दलित वोट भाजपा के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं।
राहुल गांधी पर कड़ी टिप्पणी
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि "राहुल गांधी की सुनता ही कौन है। वे जो बोलते हैं, वह कोई नहीं सुनता।" बेदी ने आगे कहा कि राहुल गांधी दिल्ली और पंजाब में आम आदमी से लड़ने का दावा करते हैं, लेकिन हरियाणा में आकर गले मिलते हैं। बेदी ने कांग्रेस नेता पर तंज करते हुए यह भी कहा कि राहुल गांधी पहले जलेबी की फैक्ट्री लगाने और लोगों के खातों में ₹8500 डालने की बातें करते थे, लेकिन इन दावों का कभी कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का हरियाणा में कोई प्रभाव नहीं है, और उनकी बातों पर अब कोई ध्यान नहीं देता।
इस अवसर पर, कृष्ण बेदी ने केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने हरियाणा में आरक्षण के मुद्दे को पहली बैठक में उठाया और उसे मंजूरी दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही, उन्होंने हरियाणा और पंजाब के बीच चंडीगढ़ को लेकर चल रहे विवाद पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने पंजाब द्वारा किए जा रहे दावों को खारिज किया। कृष्ण बेदी के साथ पार्टी के पार्टी के वरिष्ठ नेता व हिसार प्रभारी जवाहर सैनी जिला अध्यक्ष तेजेंद्र ढुल, पार्टी व समाज के वरिष्ठ नेता भारत भूषण टॉक समेत अन्य कई कार्यकर्ता थे।
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