Edited By Mohammad Kumail, Updated: 20 Sep, 2023 08:54 PM

आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ अशोक तंवर ने बुधवार को दिल्ली के सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अभी तक तो हमने सुना था कि दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर हैं, लेकिन...
दिल्ली : आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ अशोक तंवर ने बुधवार को दिल्ली के सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अभी तक तो हमने सुना था कि दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर हैं, लेकिन आज पहली बार आकर दिल्ली के स्कूलों को देखा है। इन स्कूलों में स्पेशल साइंस की पढ़ाई होती है। यहां के बच्चे अच्छे-अच्छे मेडिकल और इंजिनियरिंग कॉलेजों में जाते हैं। उन्होंने कहा कि जहां हरियाणा में शिक्षा प्रणाली दम तोड़ रही है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं का भी बुरा हाल है।
तंवर ने कहा कि जहां दिल्ली के स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ रहे हैं, हर कक्षा में प्रोजेक्टर लगे हुए हैं और ऊपर-नीचे जाने के लिए लिफ्ट हैं। वहीं, हरियाणा के स्कूलों में न पीने का पानी, न शौचालय और न बिजली है। उन्होंने कहा कि इसी साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कुल 1,391 छात्रों ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) पास की है, जबकि 730 छात्रों ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, और 106 छात्रों ने जेईई एडवांस परीक्षा सफलता हासिल की है। इससे दिल्ली के सरकारी स्कूलों के स्तर का पता लगाया जा सकता है।

आप नेता ने आगे कहा कि हरियाणा के अंदर 60 लाख बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं। इसमें 26 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि यू डाइस, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में 62 फीसदी बच्चे दसवीं और 70 फीसदी 12वीं में फेल हो जाते हैं। उन्होंने बताया की प्रदेश के स्कूलों में 32 फीसदी बच्चे नौवीं कक्षा में फेल हो जाते हैं। सरकार की पॉलिसी के अनुसार, आठवीं तक किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जाता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के स्कूलों में दसवीं में 43 फीसदी बच्चे फेल हो जाते हैं और बारहवीं में 20 फीसदी बच्चे फेल हो रहे हैं। उन्होंने कहा की केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अधिकृत यूडाइस की रिपोर्ट को मानें तो पिछले 4 साल में नौवीं कक्षा में 5 लाख बच्चे फेल हुए।

वहीं, उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। हरियाणा में आबादी के हिसाब से 10 हजार डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन अभी तक 4000 ही डॉक्टर हैं। 6000 पद खाली पड़े हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करने वाली हरियाणा सरकार भी स्वास्थ्य सेवाओं की तरह ही बीमार है। सरकारी अस्पताल में न डॉक्टर और न दवाइयां हैं। उन्होंने कहा कि जहां हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं का जनाजा निकल चुका है, वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 520 से ज्यादा मोहल्ला क्लीनिक खोल रखे हैं। वहां लोगों को 450 प्रकार के टेस्ट व सभी बेसिक दवाइयां, जिसमें 125 प्रकार की दवाइयां शामिल है, के साथ सभी प्रकार की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं निशुल्क दी जाती हैं। मोहल्ला क्लीनिकों में प्रति दिन 60 हजार से अधिक लोग अपना उपचार करवाते हैं।
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