Edited By Manisha rana, Updated: 23 Oct, 2024 01:01 PM
रोहतक पी.जी.आई. एक बार फिर गंभीर अवस्था में आए मरीज को जीवनदान देने के लिए चर्चा में है। इस बार पी.जी.आई. की टीम ने दिल के आर-पार तेजधार हथियार को 4 घंटे के ऑप्रेशन के बाद निकाला है। मरीज की जान खतरे से बाहर है।
रोहतक : रोहतक पी.जी.आई. एक बार फिर गंभीर अवस्था में आए मरीज को जीवनदान देने के लिए चर्चा में है। इस बार पी.जी.आई. की टीम ने दिल के आर-पार तेजधार हथियार को 4 घंटे के ऑप्रेशन के बाद निकाला है। मरीज की जान खतरे से बाहर है।
बता दें कि पी.जी.आई. में भर्ती हुए सोनीपत निवासी मरीज के दिल में घुसे चाकू को निकालकर चिकित्सकों ने उसकी जान बचाई है। यह पहला मौका था जब ऐसा कोई केस रोहतक पी.जी.आई. पहुंचा जिसके हृदय को तेजधार हथियार ने जख्मी कर रखा हो। सोनीपत निवासी मरीज की मां संतोष ने कहा कि उसका बेटा होटल में खाना पैक करवा रहा था। इसी दौरान कुछ लोग ड्राइवर को जबरन लेकर जा रहे थे। ड्राइवर को बचाने के चक्कर में उसके बेटे से मारपीट की और धमकी देकर आरोपी चले गए। आरोपियों ने वापस आकर चाकू मारकर उसे घायल कर दिया। चाकू का हैंडल निकल गया था और चाकू सीने में ही रह गया था। उसे सोनीपत अस्पताल लेकर गए थे, वहां से रोहतक पी.जी.आई. रैफर कर दिया।
रोहतक पी.जी.आई.एम.एस. के निदेशक कम हृदय शल्य चिकित्सा विभाग के सीनियर प्रोफैसर डॉ. एस. एस. लोहचब ने बताया कि इस तरह का यह हमारा पहला केस है जिससे मरीज के हार्ट को तेजधार हथियार ने जख्मी किया हुआ था। उन्होंने बताया कि जब मरीज को ओ.टी. में ले जाकर छाती खोलकर जांच की तो पता चला कि चाकू चौथे कॉस्टोकॉन्ड्रल जंक्शन से होते हुए दाएं फेफड़े, पेरीकार्डियम से होते हुए दाएं एट्रीयम में घुसा हुआ था। ऐसे में यदि चाकू को सीधा निकाल दिया जाता तो अत्यधिक रक्तस्त्राव होने के चलते मरीज की जान जा सकती थी।
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