Edited By Mohammad Kumail, Updated: 10 Aug, 2023 06:51 PM

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलिट ब्यूरो के सदस्य तथा पूर्व सांसद नीलोत्पल बसु, वर्तमान में राज्यसभा सांसद ए ए रहीम और वी शिवदासन, हरियाणा सचिवमंडल के सदस्य इंद्रजीत सिंह, सविता, संदीप सिंह, उषा सरोहा, अख्तर हुसैन, अशोक शर्मा,...
नूंह (एके बघेल) : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलिट ब्यूरो के सदस्य तथा पूर्व सांसद नीलोत्पल बसु, वर्तमान में राज्यसभा सांसद ए ए रहीम और वी शिवदासन, हरियाणा सचिवमंडल के सदस्य इंद्रजीत सिंह, सविता, संदीप सिंह, उषा सरोहा, अख्तर हुसैन, अशोक शर्मा, वीरेंद्र सिंह और अन्य लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नूंह का दौरा किया।
इन सभी नेताओं ने उन स्थानों को देखा जहां कई दुकानों और अन्य आवासों को बुलडोजर से ढहा दिया गया था। पीड़ितों ने नेताओं को अपनी व्यथा सुनाई। प्रतिनिधिमंडल ने शांति समिति के सदस्यों सिद्दीक अहमद मेव और रमजान चौधरी से भी बातचीत की। बाद में वकीलों से भी मुलाकात की तथा आम नागरिकों से भी बातचीत की है। उन्होंने सेक्टर 57 में अंजुमन मस्जिद का दौरा किया, जिसे संरक्षित किया जाना था, लेकिन पुलिस विफल रही और 31 जुलाई की रात को उन्मादी सांप्रदायिक भीड़ ने मुख्य इमाम की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हिंसा प्रभावित नूंह का दौरा करने वाला यह विपक्षी दल का पहला प्रतिनिधिमंडल था।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सरकार प्रायोजित हिंसा को रोका जाए तथा अपराधियों को पकड़ने के नाम पर बेकसूर युवाओं की धरपकड़ बंद की जाए। नूंह इलाका हमेशा से ही शांति का प्रतीक रहा है इसे सांप्रदायिक हिंसा में न झोंका जाए। सीपीआईएम सांसद इस पूरे घटनाक्रम और उसके बाद सरकार द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न को संसद में उठाएंगे। प्रतिनिधिमंडल ने नूंह के लोगों से भी शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की।
प्रतिनिधि मंडल में मांग की इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच हाई कोर्ट की निगरानी में की जाए। इसके लिए जिम्मेदार समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए और किसी भी बेकसूर को ना फंसाया जाए। नूंह में साधारण लोगों के घरों, दुकानों और व्यवसायिक संस्थानों को तोड़ने की कार्रवाई तुरंत बंद की जाए और सामान्य स्थिति बहाल की जाए तथा बेकसूर लोगों की धरपकड़ बंद की जाए। जिन परिवारों ने अपने परिजनों को खोया है, उसकी भरपाई किसी भी रूप में संभव नहीं फिर भी हिंसा में हुए जान-माल के नुकसान की भरपाई की जाए। सरकार सभी को मुआवजा दे। मोनू मानेसर व बिट्टू बजरंगी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। नफरत और हिंसा भङकाने वाले प्रदर्शनों और लामबंदियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। गौरक्षा के नाम पर हथियारबंद दस्तों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
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