5वां हरियाणवी बना किसी दूसरे राज्य का संवैधानिक प्रमुख

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 29 May, 2018 09:39 AM

constitutional head of another state by 5th harianvi

सत्ता के गलियारों के अंग-संग रहे प्रो.गणेशीलाल को अपना मुकाम मिल ही गया। उड़ीसा जैसे जटिल प्रदेश का राज्यपाल उन्हें बनाया गया है। संघ की पाठशाला से राजनीति का ककहरा सीखने वाले और सियासत में करीब 55 बरस का अनुभव रखने वाले प्रो.गणेशीलाल हरियाणा .....

सिरसा(नवदीप): सत्ता के गलियारों के अंग-संग रहे प्रो.गणेशीलाल को अपना मुकाम मिल ही गया। उड़ीसा जैसे जटिल प्रदेश का राज्यपाल उन्हें बनाया गया है। संघ की पाठशाला से राजनीति का ककहरा सीखने वाले और सियासत में करीब 55 बरस का अनुभव रखने वाले प्रो.गणेशीलाल हरियाणा के ऐसे 5वें नेता हैं, जो किसी दूसरे राज्य के संवैधानिक प्रमुख बने हैं।

हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री रहे भगवत दयाल, अम्बाला के सांसद रहे सूरजभान, भिवानी की सांसद रह चुकी चंद्रावती, कुरुक्षेत्र गुरुकुल के प्राचार्य रहे देवव्रत के बाद गणेशीलाल किसी दूसरे राज्य के राज्यपाल बनाए गए हैं। इनमें से आचार्य देवव्रत वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं। दरअसल, हरियाणा में भगवत दयाल शर्मा ऐसे पहले हरियाणवी थे जो किसी दूसरे प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख बनाए गए। 1977 से लेकर पं.भगवत दयाल शर्मा 30 अप्रैल, 1990 तक उड़ीसा, जबकि 18 जुलाई, 1981 से मई 1984 तक वे मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे। 

1998 से 2000 तक सूरजभान उत्तरप्रदेश के राज्यपाल और बाद में 2000 से 2003 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे। चंद्रावती 19 फरवरी, 1990 से लेकर 18 दिसम्बर, 1990 तक पांडेचेरी की लैंफ्टिनैंट गवर्नर रही। पानीपत के समालखा के रहने वाले कुरुक्षेत्र गुरुकुल के प्रधानाचार्य रहे आचार्य देवव्रत को 12 अगस्त को 2015 को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया।

1962 में जुड़े संघ से
1 मार्च, 1942 को प्रो.गणेशीलाल का सिरसा में जन्म हुआ। उन्होंने अंग्रेजी में स्नातक ऑनर्स की। इसके बाद उन्होंने गणित में स्नातकोत्तर डिग्री ली। 1964 से 1991 तक प्रो.गणेशीलाल हरियाणा के विभिन्न महाविद्यालयों में प्राध्यापक के पद रहे। प्राध्यापक नियुक्त होने से पहले ही वे 1962 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के  साथ जुड़ गए और इस दौरान हिसार व रोहतक विभाग के कार्यवाह रहे। 1976 में वे आपातकाल के दौरान जेल में भी गए। 1991 में वे भाजपा सिरसा जिला के अध्यक्ष रहे। 1996 में सिरसा विधानसभा से विधायक बने और 1996 से 1999 से हविपा व भाजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। वर्ष 2000 में उन्होंने हिसार के आदमपुर से भजनलाल के खिलाफ चुनाव लड़ा।

भाजपा में रहे अहम ओहदों पर
इसके बाद तो वे भाजपा में अनेक अहम ओहदों पर रहे। 2001 से 2004 तक हरियाणा भाजपा के उपाध्यक्ष रहे और 2004 में भाजपा के प्रदेश प्रमुख बने। 2006 तक वे इस पद रहे। वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में वे हरियाणा भाजपा चुनाव प्रबंध कमेटी, हरियाणा भाजपा चुनाव प्रचार कमेटी, हरियाणा भाजपा स्क्रीङ्क्षनग कमेटी के चेयरमैन रहे। अप्रैल 2015 में गणेशीलाल को भाजपा की अनुशासन समिति का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। 

रोचक बात यह है कि भाजपा सरकार गठन के बाद से ही गणेशीलाल को किसी राज्य का राज्यपाल बनाए जाने की चर्चाएं थीं। साल 2015 में भी गणेशीलाल को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने की चर्चाएं चलीं लेकिन उन्हें इस पद नियुक्त नहीं किया गया। अब उन्हें राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माने जाने वाले उड़ीसा प्रांत का राज्यपाल बनाया गया है।

गौरतलब है कि प्रो.गणेशीलाल से पहले सिरसा की सियायत में देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला खास पदों पर रह चुके हैं। देवीलाल 1989 में देश के उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं, जबकि उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला 4 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अब गणेशीलाल राज्यपाल जैसी संवैधानिक पोस्ट पर नियुक्त हुए हैं। 
 

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