हरियाणा की सियासत में बरकरार है चौटाला गांव की गूंज

Edited By Isha, Updated: 24 Sep, 2019 10:37 AM

chautala village resonates in haryana s politics

राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के जिला सिरसा के गांव चौटाला की राजनीतिक कहानी काफी दिलचस्प व हैरान करने वाली है, क्योंकि हरियाणा का अंतिम छोर पर बसा यह गांव चौटाला शायद देश का ऐसा

डेस्कः राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के जिला सिरसा के गांव चौटाला की राजनीतिक कहानी काफी दिलचस्प व हैरान करने वाली है, क्योंकि हरियाणा का अंतिम छोर पर बसा यह गांव चौटाला शायद देश का ऐसा इकलौता गांव होगा जिसने देश को 2 बार उप-प्रधानमंत्री व हरियाणा को 7 बार मुख्यमंत्री देने के साथ-साथ इस गांव से संबंधित 12 राजनेताओं को विधानसभा एवं 5 नेताओं को लोकसभा एवं राज्यसभा में भेजा।  गौरतलब है कि देश के आजाद होने से पहले ही चौटाला गांव की सियासत में अहम भूमिका रही है। देश आजाद होने से पहले सन् 1938 में विधानसभा चुनाव हुए और चौ. देवीलाल उस समय सिरसा-फतेहाबाद की संयुक्त सीट से प्रबल दावेदार थे। मगर कम उम्र के चलते वह चुनावी मैदान में नहीं उतर सके।

ऐसे में उनके बड़े भाई साहब राम सिहाग संयुक्त पंजाब के समय सन् 1938 में सबसे पहले सिरसा व फतेहाबाद के संयुक्त क्षेत्र से विधायक बने। देश आजाद हुआ और 1952 में पहले आम चुनाव हुए। इस चुनाव में देवीलाल सिरसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। इसके बाद 1958 में डबवाली, 1962 में फतेहाबाद, 1974 में रोड़ी, 1977 में भट्टू कलां और फिर 1982, 1985 व 1987 में महम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। वे वर्ष 1989 से 1991 तक वी.पी. सिंह व चंद्रशेखर की सरकार में उप-प्रधानमंत्री पद पर भी विराजमान हुए और 6 अप्रैल, 2001 को जब इस दुनिया से अलविदा लिया, तब भी वे राज्यसभा सदस्य थे। 

ओमप्रकाश चौटाला से पहले प्रताप बने थे विधायक
हरियाणा के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद वर्ष 1967 में राज्य में पहला विधानसभा चुनाव हुआ। साहिब राम व देवीलाल के बाद देवीलाल के पुत्र प्रताप चौटाला 1967 में हुए प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव में ऐलनाबाद से विधायक बने। ओमप्रकाश चौटाला ने साल 1970 अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। 1970 में वह ऐलनाबाद से उप-चुनाव जीतकर विधायक बने। चौटाला 1970, 1990, 1993,1996, 2000, 2009 में विधायक बने। इसी गांव के बृजलाल गोदारा 1972 में ऐलनाबाद से विधायक बने। 1977 में बरवाला हलके से जयनारायण वर्मा विधायक चुने गए और वह भी गांव चौटाला के रहने वाले थे। एक और कद्दावर नेता मनीराम इसी गांव में पैदा हुए। वह 1977, 1987, 1996  में विधायक बने। हरियाणा योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रणजीत सिंह 1987 में रोड़ी से विधायक बने।

गांव चौटाला के ही मनीराम के पुत्र डा. सीताराम 2000 एवं 2009 में विधायक बने। 2009 में अजय सिंह चौटाला डबवाली से विधायक बने। अजय सिंह तो राजस्थान के नोहर व दात्ताराम गढ़ से भी विधायक रह चुके हैं। साल 2000 में अभय चौटाला रोड़ी से जबकि 2010 एवं 2014 में ऐलनाबाद से विधायक बने। 2014 में नैना चौटाला डबवाली से विधायक बनीं तो 2014 में दुष्यंत चौटाला हिसार से सांसद बने थे। 

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