Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 26 Jul, 2024 07:06 PM

इंटरनेशनल लेवल पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए सीबीआई ने गुड़गांव से 43 लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने गुड़गांव के डीएलएफ साइबर सिटी एरिया में रेड करते हुए 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, अपराध सिद्ध ...
गुड़गांव, (ब्यूरो): इंटरनेशनल लेवल पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए सीबीआई ने गुड़गांव से 43 लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने गुड़गांव के डीएलएफ साइबर सिटी एरिया में रेड करते हुए 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, अपराध सिद्ध करने वाले दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन विवरण, कॉल रिकॉर्डिंग, पीड़ितों का विवरण एवं पीड़ितों को निशाना बनाने हेतु प्रयोग की गई ट्रांसक्रिप्ट की कॉपियां बरामद की हैं।
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जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-III के अंतर्गत कार्रवाई की है। अधिकारियों की मानें साल 2022 से कॉल सेंटर के माध्यम से कई देशों में साइबर अपराध नेटवर्क चलाया जा रहा था। इस पर कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों यथा एफबीआई (यूएसए) एवं इंटरपोल के सहयोग से कार्रवाई की गई।
अधिकारियों ने बताया कि 22 जुलाई को केस दर्ज करने के बाद दिल्ली, गुड़गांव एवं नोएडा में 7 स्थानों पर तलाशी ली गई। यह पता चला कि इस नेटवर्क को वितरित केंद्रों में समन्वित किया जा रहा था, जिसका निर्देशन मुख्य रूप से डीएलएफ साइबर सिटी, गुरुग्राम से संचालित कॉल सेंटर से किया जा रहा था।
रेड के दौरान, लाइव साइबर आपराधिक गतिविधियों को पकड़ा एवं काफी मात्रा में अपराध साबित करने वाले साक्ष्य एकत्र किए गए। जांच टीमों ने अब तक 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, अपराध सिद्ध करने वाले दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन विवरण, कॉल रिकॉर्डिंग, पीड़ितों का विवरण एवं पीड़ितों को निशाना बनाने हेतु प्रयोग की गई ट्रांसक्रिप्ट की प्रतिलिपियां बरामद की हैं। पीड़ितों से नकली पहचान के आधार पर संपर्क किया गया एवं उन्हें अपने सिस्टम पर मॉलिशियस सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए पॉप अप पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करते थे।
इसके बाद लोगों का कंप्यूटर हैक कर लिया जाता था और डाटा रीस्टोर करने की ऐवज में रुपयों की मांग की जाती थी। जांच के दौरान सामने आया कि साइबर ठगी की राशि कई देशों से हांगकांग के रास्ते तक पहुंचाई जाती थी। अधिकारियों ने बताया कि आगामी कार्रवाई के लिए इंटरपोल के माध्यम से एफबीआई एवं कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संपर्क किया जा रहा है। अब तक 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।