Edited By Gourav Chouhan, Updated: 02 Aug, 2022 03:57 PM
किताबों को लेकर होने वाली देरी को लेकर मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सरकारी स्कूल में दाखिले के साथ ही बच्चों को किताबें मुहैया कराई जा सके।
यमुनानगर(सुरेंद्र): हरियाणा के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को सत्र खत्म होने तक भी किताबें मुहैया ना कराने के मामले सामने आते रहे हैं। इसे देखते हुए इस बार बच्चों को किताबें मुहैया कराने को लेकर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने अधिकारियों की एक बैठक ली। किताबों को लेकर होने वाली देरी को लेकर मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सरकारी स्कूल में दाखिले के साथ ही बच्चों को किताबें मुहैया कराई जा सके।
जल्द ही प्रदेश के सभी स्कूलों में उपलब्ध कराए जाएंगे डेस्क
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर ने कहा कि इस मामले की जांच करवाई जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ यह प्रयास किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी गलती ना हो। इसी के साथ हरियाणा के कई स्कूलों भी बच्चों को जमीन पर बिठा कर पढ़ाई करवाने को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। गुज्जर ने बताया 200 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश के सभी स्कूलों में डेस्क उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जगाधरी व करनाल के सरकारी स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
हरियाणा के स्कूलों के रखरखाव, सौंदर्यीकरण, चारदीवारी, शौचालय, पीने के पानी सहित अन्य व्यवस्था करने पर सभी तरह के खर्च का अधिकार अब स्कूल में बनाई गई एसएमसी द्वारा ही किया जाता है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को इसलिए यह पावर दी गई है ताकि कमेटी के सदस्य आपस में विचार-विमर्श कर खर्च होने वाली राशि व कार्य का निर्णय ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा के करनाल व जगाधरी ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में एक नया पायलट प्रोजेक्ट लागू किया गया है। इसके तहत स्कूलों में सौंदर्यीकरण, चारदीवारी, रास्ता, शौचालय, पीने का पानी, ड्यूल डेस्क, कमरे की मरम्मत आदि का कार्य करवाया जा रहा है। इन दोनों स्थानों पर यह राशि एसएमसी द्वारा ही खर्च की जा रही है। अगर दोनों ब्लॉक में इस प्रोजेक्ट के अच्छे परिणाम हुए तो साल के अंत तक यह योजना पूरे प्रदेश में लागू कर दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह इसलिए किया गया है, ताकि एसएमसी सही जगह, सही तरीके से फंड खर्च कर सके।
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