सत्ता की मलाई के बंटवारे में उलझीं भाजपा-जजपा : सुर्जेवाला

Edited By Isha, Updated: 13 Nov, 2019 11:09 AM

bjp jjp got entangled in the sharing of power surjewala

हरियाणा में शासन व्यवस्था और कानून व्यवस्था को लेकर गहरी ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कांग्रेस कार्य समिति के स्थाई आमंत्रित सदस्य रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने कहा है कि प्रदेश में चुनाव परिणाम आए हुए 20 दिन बी

चंडीगढ़ (पांडेय): हरियाणा में शासन व्यवस्था और कानून व्यवस्था को लेकर गहरी ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कांग्रेस कार्य समिति के स्थाई आमंत्रित सदस्य रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने कहा है कि प्रदेश में चुनाव परिणाम आए हुए 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन भाजपा-जजपा शासन व्यवस्था पर ध्यान न देकर मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में उलझे हैं और उन्हें जनता की दुख-तकलीफ से कोई सरोकार नहीं है।

यहां जारी एक बयान में सुर्जेवाला ने कहा कि 24 अक्तूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से प्रदेश में किसी विभाग का कोई मंत्री न होने से पूरी तरह से ऊहापोह की स्थिति है, जनता के काम अटके पड़े हैं और उनकी कोई सुनने वाला है क्योंकि अधिकारी भी अनिश्चितता के इस दौर में दैनिक कार्यों में भी कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। हैरत की बात है कि भाजपा- जजपा की प्रदेश सरकार ने कुल 60 महीनों में से लगभग एक महीना केवल मंत्रियों के चयन, विभागों के बंटवारे में ही बिता दिया है। सुर्जेवाला ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से तहस-नहस हो चुकी है, हर रोज हत्या, अपहरण और अपराधों की खबर शांत हरियाणा की छवि को धूमिल कर रही है। प्रदेश सरकार के विभागों में न कोई मुखिया है, न ही कोई जिम्मेदारी है, ऐसे में शासन व्यवस्था पूरी तरह से पंगु हो चुकी है। जनता के दो तथाकथित रहनुमा अपने-अपने राजनीतिक हित साधने में लगे हुए हैं, लगता है उन्हें न राज्य की ङ्क्षचता न ही कानून की रक्षा की ङ्क्षचता। सवाल यह है कि सत्ता और कुर्सी के आगे हरियाणा का हित कहां है?

सुर्जेवाला ने याद दिलाया कि हरियाणा के किसान का धान व बाजरा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिला, पी.आर. धान 1,835 रुपए प्रति किं्वटल की बजाय 1,650 रुपए में पीटा; इसी प्रकार 5,000 रुपए प्रति किं्वटल वाला 1121 धान 2,100 रुपए प्रति किं्वटल में पीटा। इसी प्रकार बेमौसमी बरसात से मंडी में खराब हो गया, सरकार ने न एक फूटी कौड़ी मुआवजा  दिया और न ही पीड़ित किसानों की कोई खबर ली।  मंदी के कारण प्रदेश के उद्योगों और संस्थानों में तालाबंदी हो रही है, जिससे आए दिन पानीपत-गुडग़ांव- फरीदाबाद जैसे शहरों से सैंकड़ों कामगारों व मजदूरों के बेरोजगार होने के समाचार छप रहे हैं। इसी प्रकार प्रदूषण के नाम पर 17 दिन से पानीपत में 500 से अधिक फैक्टरी बंद, 4 लाख श्रमिक खाली रहे और 500 करोड़ का नुकसान हो गया पर प्रदेश सरकार इन सब जरूरी मामलों पर चुप्पी और बेरुखी बनाए हुए है। ट्रैफिक पुलिस ने एक बार फिर जनता पर हजारों रुपए के ट्रैफिक चालान करने शुरू कर दिए हैं, लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में काबिज भाजपा-जजपा नेता जनता के सरोकारों से बिल्कुल बेखबर बनी हुई है।

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