Edited By Isha, Updated: 14 Jul, 2020 01:22 PM
हरियाणा के जींद जिले के गन्ना किसानों के लिए बड़ा संकट खड़ा होता दिखाई दे रहा है। दो साल पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जींद शुगर मिल की क्षमता 16 हज़ार क्विंटल से बढ़ाकर 22 हज़ार
जींद (अनिल): हरियाणा के जींद जिले के गन्ना किसानों के लिए बड़ा संकट खड़ा होता दिखाई दे रहा है। दो साल पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जींद शुगर मिल की क्षमता 16 हज़ार क्विंटल से बढ़ाकर 22 हज़ार क्विंटल प्रतिदिन पिराई की घोषणा की थी लेकिन योजना अधर में लटकी हुई है। गौरतलब है कि गन्ना पिराई का सीजन दिवाली से एक सप्ताह पहले शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है जिसके चलते आज किसान शुगर मिल में लामबद्ध हुए । किसानों ने आरोप लगाया की अबकी बार गन्ना पिराई के लिए वो आखिर कहा जाए क्योंकि प्रोडक्शन भी ज्यादा होगा और किसानों ने गन्ना पिछले साल के मुकाबले ज्यादा एकड़ में उगाया है।
शुगर मिल के चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा ने बताया कि शुगर मिल का विस्तार दो फेज में होना है और पहले फेज का काम शुरू किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इसका काम कब तक होगा ये सरकार पर निर्भर करता है और जैसे ही आदेश आएंगे हम विस्तार का काम शुरू कर देंगे। जींद गन्ना मिल की क्षमता को बढ़ाने के लिए किसान मिल में लामबद्ध हुए किसानों का कहना है हम अबकी बार गन्ना कहा लेकर जाए क्योंकि जींद मिल की क्षमता बहुत कम है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हमने उत्पादन भी ज्यादा किया है लेकिन अब तक इसका विस्तार नही किया गया है। उन्होंने बताया कि अबकी बार गन्ना मिल का विस्तार नही होने से किसान संकट झेलने को मजबूर होंगे इसलिए सरकार को ध्यान देना चाहिए। यहां के केन मैनेजर का मानना है कि अबकी बार 2800 एकड़ ज्यादा जमीन में गन्ना बोया गया है। आमतौर पर हर साल 13 हज़ार एकड़ में गन्ना होता था लेकिन अबकी बार 15 हज़ार एकड़ जमीन में गन्ना उगाया गया है। अबकी बार उत्पादन में ज्यादा होने की उम्मीद है।