MBBS छात्रों के धरने पर पहुंचे भूपेंद्र हुड्डा, बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ विधानसभा में आवाज उठाने का दिया भरोसा

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 16 Nov, 2022 07:03 PM

bhupendra hooda meets mbbs students in rohtak

हुड्डा ने कहा कि लाखों की बॉन्ड पॉलिसी और 20 गुना फीस बढ़ोतरी के चलते गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अपने बच्चों को मेडिकल शिक्षा नहीं दिला पाएंगे।

रोहतकः हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा बुधवार को बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में धरने पर बैठे मेडिकल छात्रों से मिलने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का भरोसा दिलाया। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में बॉन्ड पॉलिसी लागू करने का सरकार का फैसला नीतिगत तौर पर गलत है। उन्होंने कहा कि लाखों की बॉन्ड पॉलिसी और 20 गुना फीस बढ़ोतरी के चलते गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अपने बच्चों को मेडिकल शिक्षा नहीं दिला पाएंगे। यहीं वजह है कि हरियाणा में दाखिले के इच्छुक विद्यार्थी अन्य राज्यों में पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं।

 

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प्रदेश सरकार पर शिक्षा का व्यवसायीकरण करने का लगाया आरोप

 

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने प्रदेश में 5 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए थे। उसी दौरान कैंसर इंस्टिट्यूट और एम्स जैसे मेडिकल संस्थान हरियाणा में खोले गए थे। इसके बावजूद उनकी सरकार ने कभी भी इस तरह का फैसला नहीं लिया है। कांग्रेस के शासनकाल में विद्यार्थियों को नाममात्र फीस में मेडिकल शिक्षा दिलाने का काम किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार शिक्षा को व्यवसाय नहीं, बल्कि जिम्मेदारी समझती थी। वहीं प्रदेश की गठबंधन सरकार शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रही है।

 

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बॉन्ड पॉलिसी में किए गए संशोधन से संतुष्ट नहीं हैं छात्र

 

सरकारी संस्थानों से एमबीबीएस कर रहे छात्रों पर लगाई गई 40 लाख रुपए की बांड पॉलिसी को लेकर छात्र 10 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद प्रदेश की गठबंधन सरकार पर इस प्रदर्शन का कोई दबाव बनता हुआ नहीं दिख रहा है। हालांकि सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी में कुछ संशोधन करते हुए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। वहीं छात्र उस संशोधन के बाद भी पॉलिसी को पूरी तरह से खत्म करने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल सरकार ने कोर्स की शुरुआत में बॉन्ड की राशि जमा करने की बजाए बैंक से ऋण एग्रीमेंट बनवाने की मांग रखते हुए बॉन्ड पॉलिसी में संशोधन किया था।

 

बॉन्ड पॉलिसी के बदले लोन एग्रीमेंट बनाने को लेकर हो रहा बवाल

 

विद्यार्थियों का कहना है कि बॉन्ड पॉलिसी के मामले में सरकार की मंशा साफ नहीं दिखाई दे रही है। अभी भी छात्र और संस्थान के बीच में बैंक को थर्ड पार्टी रखा गया है। इससे यह साफ है कि बॉन्ड पॉलिसी की राशि पर बहुत ज्यादा ब्याज भी उन्हें ही चुकाना पड़ेगा। इसलिए मांग करते हैं कि बॉन्ड पॉलिसी को बिल्कुल वापस लिया जाए। छात्रों ने कहा कि जब तक सरकार बॉन्ड पॉलिसी को पूरी तरह वापस नहीं लेगी, तब तक उनका यह धरना इसी प्रकार चलेगा। 

 

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