जींद के बाद अब बरोदा में भी सियासी कांटा 'चुभाने' और 'निकालने' का खेल हुआ शुरू!

Edited By Shivam, Updated: 30 Oct, 2020 12:19 AM

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बरोदा विधानसभा उपचुनाव में अब जबकि केवल चार दिन का समय शेष रह गया है तो वहीं अब जींद विधानसभा उपचुनाव की तरह बरोदा की इस चुनावी जंग में भी सियासी कांटा चुभाने और निकालने का खेल शुरू हो गया है।

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): बरोदा विधानसभा उपचुनाव में अब जबकि केवल चार दिन का समय शेष रह गया है तो वहीं अब जींद विधानसभा उपचुनाव की तरह बरोदा की इस चुनावी जंग में भी सियासी कांटा चुभाने और निकालने का खेल शुरू हो गया है।

जींद उपचुनाव के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अन्य कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में अप्रत्यक्ष रूप से रणदीप सिंह सुर्जेवाला पर वार करते हुए हुड्डा से मुखातिब होते हुए यह तंज कसा था कि 'हमने आपका कांटा निकाल दिया है।’ अर्थात पार्टी में हुड्डा विरोधी सुर्जेवाला को हरा दिया जाएगा। ठीक वैसा ही दृश्य गुरुवार को बरोदा में भी उस वक्त देखने को मिला जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा शुरू किए गए प्रचार अभियान के दौरान गांव कथूरा में बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कांग्रेस की सियासत में रणदीप सुर्जेवाला के बढ़ते सियासी कद का हवाला देकर चौधर का दंभ भरने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस में कमजोर करने का प्रयास करते हुए उन पर कड़ा हमला बोला। या यूं कहिए कि मनोहर सरकार के बिजली मंत्री ने अब रणदीप की मार्फत हुड्डा को सियासी कांटा चुभोने का काम किया है। जींद उपचुनाव और बरोदा उपचुनाव में अंतर सिर्फ यह है कि जींद में स्वयं रणदीप सुर्जेवाला कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे और बरोदा में उम्मीदवार भले ही कोई और हो मगर प्रतिष्ठा पूरी तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ही दांव पर है।

रणदीप के बाद अब हुड्डा को चुभोया सियासी कांटा
गौरतलब है कि जनवरी 2019 में हुए जींद उपचुनाव के दौरान जब कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था तो उस वक्त निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से बाहर मौजूद कांग्रेस नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा व कुलदीप बिश्नोई आदि के बीच तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने सुर्जेवाला पर तंज कसते हुए हुड्डा के कंधे पर हाथ रख कर कहा था कि हुड्डा साहब हमने आपका कांटा निकाल दिया, जिस पर मौजूद कांग्रेसियों में खूब ठहाके लगे थे और इससे संबंधित वीडियो न केवल सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए बल्कि सियासी गलियारों में इस सियासी कांटे की कई दिनों तक खूब चर्चा भी रही। 

आज वैसी ही स्थिति बरोदा विधानसभा क्षेत्र के गांव कथूरा में उस समय बन गई जब एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हुड्डा किस दम पे चौधर लाने की बात कहते हैं? जबकि वास्तविकता यह है कि कांग्रेस में ही उनकी खुद की 'चौधर’ नहीं है। रणजीत सिंह ने जींद की मानिंद रणदीप सुर्जेवाला को आधार बनाते हुए हुड्डा को सियासी कांटा 'चुभोते’ हुए कहा कि आज रणदीप सुर्जेवाला कांग्रेस में बहुत बड़ी पहुंच रखते हैं जो कभी सोनिया गांधी के सबसे विश्वासपात्र सलाहकार अहमद पटेल की भी नहीं रही। उन्होंने कहा कि सुर्जेवाला मीडिया के प्रभारी, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, सोनिया गांधी की सलाहकार टीम के सदस्य व राष्ट्रीय महासचिव के साथ कर्नाटक जैसे बड़े राज्य के प्रभारी हैं, ऐसे में हुड्डा उनके सामने कहां खड़े नजर आते हैं और किस मुंह से चौधर लाने की बात कह रहे हैं? तंवर व सैलजा जैसे प्रदेशाध्यक्ष भी हुड्डा विरोधी ही बनाए गए। दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस के इन दो बड़े नेताओं को कांटा चुभोने अथवा निकालने वाले दोनों ही नेता मनोहर लाल सरकार के मंत्री ही हैं।

मुख्यमंत्री ने भी छोड़े हास्य बाण 
बरोदा विधानसभा उपचुनाव के तहत गुरुवार को प्रचार करने उतरे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बेशक मतदाताओं से विकास के आधार पर भाजपा के पक्ष में वोटों की अपील की लेकिन उनका अंदाज काफी अलग था। मुख्यमंत्री खट्टर ने बड़े चुटिले लिहाज से दिल खोल बातें की जिससे पूरी सभा का माहौल अलग सा बनता दिखाई देने लगा। मुख्यमंत्री ने लोगों को गुदगुदाते हुए हास्य अंदाज में टिकट वितरण का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि आज मैं आपके सामने एक राज खोल रहा हूं, कथूरा गांव के ही एक बड़े नेता भाजपा टिकट के दावेदार थे और हम भी उन्हें सबसे ऊपर मान कर चल रहे थे मगर उनका मन विचलित हो गया और वे हमारे विरोधी दलों के नेताओं से संपर्क बनाने लगे मगर उनको उधर से भी न हो गई और हमने भी इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने इस पर एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक व्यक्ति धार्मिक स्थल पर प्रसाद लेने गया और प्रसाद लेने के बाद उसका मन बेइमान हो गया, जिस पर उसने प्रसाद वाला हाथ पीछे करके दूसरे हाथ से फिर प्रसाद लेने का प्रयास किया तो उसे दोबारा प्रसाद तो नहीं मिला और साथ ही पीछे से एक कुत्ता उसके हाथ प्रसाद भी खा गया। इस किस्से पर लोगों ने खूब ठहाके लगाए।

मनोहर के मायने समझा गए खट्टर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज खूब मूड में नजर आए और उन्होंने मनोहर के मायने भी अलग अलग तरीक से पांच रूपों में समझाए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारी मनोहर सरकार है, हमने 6 वर्षों में मनोहर काम किए हैं और अब चुनावी रूपी मनोहर मौका है और यदि यहां के लोगों ने हमें विजयी बनाकर मनोहर कार्य कर दिया तो फिर बरोदा भी मनोहर हो जाएगा।

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