Edited By vinod kumar, Updated: 20 Sep, 2020 05:55 PM
राज्यसभा में आज विपक्ष के भारी हंगामें के बीच कृषि सुधारों के दो विधेयकों ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020'' तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020'' को पारित कर दिया गया। विपक्ष...
डेस्क: राज्यसभा में आज विपक्ष के भारी हंगामें के बीच कृषि सुधारों के दो विधेयकों ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020' तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020' को पारित कर दिया गया। विपक्ष जहां इसका विरोध कर रहा है, वहीं बीजेपी इन विधेयकों को ऐतिहासिक बता रही है।
इसको लेकर हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने एक ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मंडी का व्यापारी, या मंडी का कोई भी कानून किसान को 3 दिन में भुगतान की गारंटी नहीं देता, आज का यह विधेयक किसान को 3 दिन में भुगतान की गारंटी देता है।
मंडी का व्यापारी, या मंडी का कोई भी कानून किसान को 3 दिन में भुगतान की गारंटी नहीं देता,
आज का यह विधेयक किसान को 3 दिन में भुगतान की गारंटी देता है।#KisanWithPMModi pic.twitter.com/M2oZuGxMSf
— Om Prakash Dhankar (@OPDhankar) September 20, 2020
वहीं इन विधेयकों के लेकर पहलवान बबीता फोगाट ने ट्वीट किया। उन्होंने दूसरी पार्टियों पर निशाना साधा। बबिता ने ट्वीट कर लिखा कि किसान अपने प्रधानमंत्री पर पूर्णतः विश्वास करता है। किसानों के अंदर किसी तरह का कोई कंफ्यूजन नहीं है, यह भ्रम तो सिर्फ विरोधी पार्टी वाले फैला रहे हैं।
किसान अपने प्रधानमंत्री पर पूर्णतः विश्वास करता है। किसानों के अंदर किसी तरह का कोई कंफ्यूजन नहीं है यह भ्रम तो सिर्फ विरोधी पार्टी वाले फैला रहे हैं।#KisanWithPMModi pic.twitter.com/81AJsM4AXG
— Babita Phogat (@BabitaPhogat) September 20, 2020
बीजेपी नेता लगातार इन विधेयकों के बारे में किसानों को समझाने में जुटे हुए हैं। देश में कृषि अध्यादेश को लेकर सबसे ज्यादा आक्रोश हरियाणा के किसानों में दिख रहा है। वह इसको लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज किसान सड़कों पर उतरे और रोड जाम किए।
हरियाणा में बीजेपी नेता लगातार किसानों को विश्वास दिला रहे हैं कि यह बिल उनके हित में हैं, लेकिन किसान इस अपने हित में ना मानकर लगातार विरोध कर रहे हैं। किसान संगठन सरकार को घेर रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी भरोसा दिला चुके हैं, लेकिन किसान इस पर उग्र बने हुए हैं।