गब्बर इज बैक? विज की दिल्ली में राष्ट्रीय नेतृत्व से मुलाकात के चलते प्रदेश राजनीति में हलचल बढ़ी

Edited By Saurabh Pal, Updated: 10 Jun, 2024 10:17 PM

anil vij met the bjp national leadership in delhi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार देश में एनडीए की सरकार बनने पर देश की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। वहीं अब प्रदेश की राजनीति में भी बदलाव की चर्चाएं शुरू हो गई है। उन चर्चाओं को उस वक्त और अधिक पंख लगते नजर आए...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धऱणी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार देश में एनडीए की सरकार बनने पर देश की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। वहीं अब प्रदेश की राजनीति में भी बदलाव की चर्चाएं शुरू हो गई है। उन चर्चाओं को उस वक्त और अधिक पंख लगते नजर आए हैं। जब पूर्व गृहमंत्री अनिल विज द्वारा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह  व सड़क परिवहन जहाज रानी मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मुलाकात की है! बताया जा रहा है कि यह मुलाकात तीनों नेताओं को पुनः केंद्र सरकार में मंत्री बनने पर शिष्टाचार भेंट के रूप में बधाई देने के लिए की गई है, जबकि सूत्रों की माने तो भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह  द्वारा पूर्व गृहमंत्री अनिल विज निजी रूप से फोन कर दिल्ली बुलाया गया था। बाबा शनिवार शाम को ही एक रात पहले दिल्ली से दो दिनों के प्रवास के बाद अंबाला कैंट लौटे थे।

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पिछले दिनों प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बदले जाने से नाराज हुए। अनिल विज को जल्द ही फिर से सरकार या संगठन में कोई अहम जिम्मेवारी मिल सकती है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदलकर उनकी जगह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी को मुख्यमंत्री की  कमान सौंप दी गई थी। इस दौरान बाबा नाराज हो गए थे उन्होंने कहा कि वे छह बार के विधायक हैं। लेकिन पार्टी द्वारा इतनी बड़ी बात उनसे छुपाई गई है। ऐसे में इनके साथ किस प्रकार काम किया जा सकता है। इसके बाद से केंद्रीय पर्यवेक्षकों के समक्ष अपनी बात कह कर अनिल विज उनकी निजी गाड़ी से अंबाला कैंट रवाना हो गए थे। इसके बाद अगले दिन होने वाले मंत्रिमंडल में भी वे शामिल नहीं हुए थे।

जबकि उनकी नाराजगी के चलते उस वक्त कई विधायकों को झंडी  वाली कर मिलने का सपना टूटा था! उसके कई दिनों बाद हुई मंत्रिमंडल विस्तार में फिर कई नए चेहरे शामिल कर लिए गए लेकिन उसे दौरान मंत्री बनने वाले कई नेताओं के मायूसी हाथ लगी थी! यही नहीं दोनों पंजाबी चेहरों के सरकार से बाहर होने के चलते विशेष कर पंजाबी समुदाय सहित प्रदेश के अन्य समुदायों में भी उनके प्रशंसकों में मायूसी और नाराजगी देखने को मिली थी!  हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और नायब सैनी करनाल पंजाबी सीट से लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव अच्छे मार्जिन से जीतने में कामयाब रहे! लेकिन इसके बावजूद भाजपा को प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 5 से हाथ धोना पड़ा है जिसमें अंबाला ,सोनीपत, रोहतक, हिसार व सिरसा सभी जगह पंजाबी समुदाय की अच्छी खासी तादाद है!

इसके अलावा भाजपा के भाजपा के वोट बैंक में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है ! लोकसभा चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी 10 की 10 लोकसभा सीटें दोबारा जीतने के दावे भी पुख्ता नजर आते थे! जबकि अनिल विज द्वारा सरकार या संगठन में शामिल होने को लेकर किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है! वैसे भी वह हमेशा ही यह बात कहते हैं कि वे जिस हाल में भी हैं !उसी में खुश रहते हैं और जहां भी खड़े हो जाते हैं वहीं से चौक के छक्के लगते हैं! ऐसे में उन्हें कभी भी किसी पद का लोभ या लालच नहीं रहा! वे तो संघ व पार्टी के एक सच्चे वफादार और ईमानदार सिपाही हैं! जिसमें देश प्रथम ,पार्टी द्वितीय और व्यक्तिगत हितों को तीसरे स्थान पर तरजीह दी जाती है! राजनीति में चर्चाओं का बाजार हमेशा ही गर्म रहता है!खैर यह तो आने वाला कल ही बताएगा  बाबा की आने वाले दिनों में सरकार या संगठन में क्या भूमिका रहेगी! लेकिन उनके मंत्रिमंडल में शामिल न होने से मायूस उनके समर्थकों के चेहरे पर फिर से खुशी देखने को मिल रही है! वे भी इस आस में है कि विज फिर से बड़ी भूमिका में नजर आए।

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