डिप्टी सीएम के आदेश के बाद करोड़ो का नुकसान हुआ गेहूं की जांच करने पहुंची टीम, रिकार्ड खंगाला और जुटाए साक्ष्य

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 09 Feb, 2023 04:05 PM

after the order of deputy cm the team reached to investigate

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आदेश के बाद  पूंडरी व शहर स्थित गोदामों में भंडारण किए गए करीब 22 करोड़ 70 लाख रुपए का 11.794 मीट्रिक टन गेहूं खराब होने के मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सहायक डायरेक्टर सुरेंद्र सहारण की टीम जांच के लिए कैथल...

कैथल(जयपाल): डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आदेश के बाद  पूंडरी व शहर स्थित गोदामों में भंडारण किए गए करीब 22 करोड़ 70 लाख रुपए का 11.794 मीट्रिक टन गेहूं खराब होने के मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सहायक डायरेक्टर सुरेंद्र सहारण की टीम जांच के लिए कैथल पहुंची। टीम ने यहां मामले से जुड़े रिकार्ड को खंगाला और विभागीय अधिकारियों से भी जानकारी जुटाई।

 

डिप्टी के सीएम के आदेश के बाद बनी थी जांच कमेटी

 

बता दें कि 2 फरवरी को जाट शिक्षण संस्थान में भाग लेने के लिए आए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कैथल में खराब हुए गेहूं को लेकर अधिकारियों की लापरवाही की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले में जांच को लेकर कमेटी का गठन किया गया है। इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि खराब हुए गेहूं की भी चोरी हुई है, जिसमें शामिल तीन विभागों हैफेड, हरियाणा वेयर हाउस और खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की जांच करवाई जाएगी। प्रदेशभर में करीब 82 करोड़ रुपए का गेहूं खराब हुआ था।

 

क्लीन चिट में बताया गया कि प्राकृतिक कारणों से खराब हुई गेहूं

 

 

वहीं इस मामले को लेकर पिछले दिनों एसडीएम की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने उपायुक्त को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें सभी जिम्मेदार अधिकारियों को क्लीन चिट देते हुए बताया गया था कि गेहूं खराब होने का कारण लंबे समय तक भंडारण व समय पर इसका उठान न होना है। प्राकृतिक कारणों के चलते यह गेहूं खराब हुआ है, इसमें किसी का कोई कसूर नहीं है। इस रिपोर्ट के बाद मुख्यालय स्तर पर इसकी जांच को लेकर कमेटी का गठन किया गया था।

 

ये था मामला

 

पूंडरी व कैथल के गोदामों में अक्टूबर 2022 में गेहूं खराब होने का मामला सामने आया। जिसके बाद सड़े हुए गेहूं को बेचने के लिए गोलमाल होने लगे। जिसकी भनक लगते ही चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। पहले तो इस मामले में जिला स्तर पर संबंधित विभाग व जिला प्रशासन की तरफ से जांच की गई थी, लेकिन इस जांच में मौसम को ही कसूरवार ठहरा दिया गया था। वहीं मामला अखबारों में प्रकाशित होने के बाद सरकार ने इस पर संज्ञान लिया था। इस मामले में सबसे पहले पूंडरी के हैफेड के गोदामों में रखा गेहूं सड़ा हुआ मिला था। एक हजार से अधिक गेहूं के कट्टों पर पानी डाला गया था। जबकि जिला प्रशासन की टीम ने इसे खुले आसमान में पड़ा होने के कारण खराब होने की बात कही थी। वहीं तत्कालीन डीएफएससी प्रमोद कुमार ने कहा था कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है। जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

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