इस्तीफा देने के बाद हुड्डा पर भड़के अनिल धंतौड़ी, बोले- 80 साल के बुजुर्ग के साथ नहीं चल पाएंगे युवा

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 04 Oct, 2022 10:53 PM

after resigning from congress anil dhantauri looked furious at hooda

अनिल धंतोडी द्वारा कांग्रेस पार्टी को त्यागना और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर संगीन आरोप लगाना एक महज इत्तेफाक या दुर्भावना नहीं हो सकती।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में राहुल गांधी के बेहद चहेते नेताओं की लिस्ट में शुमार, कांग्रेस संगठन के बेहद वरिष्ठ पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके युवा नेता अनिल धंतोडी द्वारा कांग्रेस पार्टी को त्यागना और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर संगीन आरोप लगाना एक महज इत्तेफाक या दुर्भावना नहीं हो सकती। लगातार लंबे समय से हरियाणा कांग्रेस में एक दूसरे को कमजोर करने की रणनीति के तहत कई नेता जहां कांग्रेस छोड़ने पर मजबूर देखे गए हैं, वहीं कांग्रेस हाईकमान के नजदीकी लोगों के पर कतरने की पॉलिसी पर भी काम होते देखा गया है। कांग्रेस पार्टी के बहुत से नेता हालांकि बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन बहुत से मुखर अंदाज में सरेआम नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आड़े हाथों में ले रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस में ही नहीं राष्ट्रीय कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां और कई प्रदेशों के चुनावों में प्रभारी की भूमिका निभाने वाले शाहाबाद मारकंडा के पूर्व विधायक धंतोडी ने पंजाब केसरी से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए अपने कई दर्द दिल के बयां किए। उन्होंने साफ तौर पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर पुत्र मोह में कांग्रेस को खत्म करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने यह दावा किया कि अगर इसी प्रकार से हाईकमान पार्टी की चौधर हुड्डा के हाथ में रखेगी तो अगले 20 साल तक भी हरियाणा में सरकार कांग्रेस नहीं बना पाएगी। उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा को जहां राजनीतिक रूप से अपरिपक्व नेता बताया वही पिता की छत्रछाया के कारण सांसद बनने की बात कही और साथ ही साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पढ़कर जैसे बुजुर्ग नेता बननेे पर भी उन्होंने एतराज किया। यह तो तय है कि धंतोडी जैसे बेहद परिपक्व वक्ता का कांग्रेस से जाना एक बड़ा नुकसान साबित होगा, वहीं उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भाजपा की नीतियों और नेताओं की सोच से बेहद प्रभावित हूं। उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

 

प्रश्न:- हरियाणा में राहुल गांधी के बेहद नजदीकी टॉप फाइव की लिस्ट में होने के बावजूद कांग्रेस के प्रति ऐसे भाव क्यों उत्पन्न हुए ?

उत्तर:- यह सवाल भी वाजिब है और समय भी वाजिब है। हरियाणा के यमुनानगर से मेरे राजनीति की शुरुआत हुई। मुकंद लाल कॉलेज में छात्र था और एनएसयूआई छात्र संगठन से निरंतर मेहनत करते हुए आगे बढ़ा और राष्ट्रीय युवा कांग्रेसी के महासचिव पद तक पहुंचा। हरियाणा में युवा कांग्रेस का चुनाव भी लड़ा। अपने जीवन के महत्वपूर्ण 22 साल कांग्रेस को दिए। 2009 में शाहबाद मारकंडा के लोगों के प्यार ने मुझे विधानसभा में भेजा। तीन बार चुनाव लड़ने का भी मौका मिला। लेकिन आज ना तो कांग्रेस की दिशा ठीक है और ना ही नेतृत्व। राहुल को बहुत समझाने के बावजूद वह नेतृत्व करना नहीं चाहते। 80 साल के बुजुर्ग खड़गे को लाना कहां तक जायज है। बेशक वह बुजुर्ग- सम्माननीय और कद्दावर नेता हो, लेकिन देश का युवा उनके साथ नहीं चल पाएगा। 22 साल सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने 10 साल का प्रधानमंत्री का कार्यकाल भी देखा। लेकिन आज कांग्रेस विचारधारा और नेतृत्व के मामले में विफल हो चुकी है। 25 से 45 साल के नौजवान से कांग्रेस बिल्कुल मुंह मोड़ चुकी है।

 

प्रश्न:- हरियाणा में डायरेक्टली उदयभान और इनडायरेक्टली भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पूरी ताकत देने पर आपका नजरिया क्या है ?

उत्तर:- यह आपका सवाल हाल के हालातों के अनुसार बिल्कुल वाजिब है। हुड्डा 75 साल के बुजुर्ग -सम्मानीय नेता है। लेकिन मेरी ही उम्र के दीपेंद्र हुड्डा के पुत्र मोह में इतने फंसे हैं कि उन्होंने हरियाणा से कांग्रेस को खत्म कर दिया है। 18 साल से उनके नेतृत्व में कांग्रेस उनके नेतृत्व में चल रही है। 2005 में चौधरी भजन लाल प्रदेश अध्यक्ष थे, उनके नेतृत्व में कांग्रेस 67 सीटें जीती। लेकिन कमान हुड्डा को सौंप दी गई। 2005 से 09 तक हुड्डा मुख्यमंत्री रहे और अगले चुनाव में यह सीटें घटकर 67 से 40 पर रह गई। 27 सीटें हाथ से निकल गई और फिर 2009 से 2014 तक हुड्डा मुख्यमंत्री रहे और 40 से घटकर सीटें अगले चुनाव में मात्र 15 रह गई। 25 सीटें और हाथ से निकल गई यानी 10 साल के इनके कार्यकाल में सीटें 67 से घटकर मात्र 15 तक सिमट गई। हुड्डा के नेतृत्व की यह उपलब्धि भी कांग्रेस हाईकमान ने नहीं देखी। 2019 का चुनाव भी प्रदेश में हुड्डा के नेतृत्व में लड़ा गया। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बहन कुमारी शैलजा को हटा दिया। पूर्व विधायक उदय भान अध्यक्ष बनाए गए और उदय भान को अध्यक्ष बनाने पर सबसे पहला विरोध मैंने करते हुए कहा की खड़ाऊ को कुर्सी पर बिठाया गया है।

 

 प्रश्न:- क्या मानते हैं कि हुड्डा किस नीति और नियत से आगे बढ़ रहे हैं ?

उत्तर:- लड़ाई लड़ने के लिए सबको साथ लेकर चलना जरूरी है। अच्छे लीडरशिप के साथ नौजवानों और समर्पित लोगों की फौज की आवश्यकता होती है। मैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल करता हूं कि उन्होंने 18 वर्षों की लीडरशिप के दौरान हरियाणा में सेकंड और थर्ड पंक्ति की कौन सी लीडरशिप तैयार की है। किसी एक का भी नाम बताएं। 25 से 45 के नौजवानों को इन्होंने मारा है। इन्होंने नौजवानों की राजनीति को क्षति पहुंचाई है जिसमें से मैं भी एक हूं। मैं अपनी मेहनत और ईमानदारी की ताकत से यहां पहुंचा हूं। मेरे पिता नौकरी पर हैं। मैं परिवारवाद के खिलाफ नहीं हूं डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, व्यापारी का बेटा व्यापारी बन सकता है तो नेता का बेटा भी नेता बन सकता है। लेकिन वह उसके काबिल होना चाहिए। दीपेंद्र हुड्डा मेरा भाई है। लेकिन राजनीतिक रूप से पूरी तरह से अपरिपक्व वह है जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भरोसे और उसकी छत्रछाया में है।

 

 प्रश्न:- अपनी बात को क्लियर कहें, क्या कहना चाहते हैं ?

उत्तर:- हरियाणा में कहावत है कि बड़ के नीचे बढ़ नहीं जम सकता। पेड़ के नीचे पेड़ नहीं बढ़ सकता। जब तक इनका साया दीपेंद्र पर रहेगा, तब तक राजनीतिक रूप से वह नहीं पनप सकता। उनके पुत्र ने इतनी मेहनत नहीं की। 2005 -2009- 2014 में इनकी बदौलत से वह सांसद बने और 2019 में जब वह मुख्यमंत्री नहीं थे तो वह खुद और उनके पुत्र दीपेंद्र दोनों ही चुनाव हार गए। इन्होंने पुत्र मोह में सब को उजाड़ दिया। काबिलियत के आधार पर सभी को मौका मिलना चाहिए। कांग्रेस में आज युवाओं की फौज खड़ी होनी चाहिए थी।

 

 प्रश्न:- किस पार्टी से प्रभावित हैं ?

उत्तर:- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छत्रछाया में देश लगातार खुशहाल हो रहा है। क्योंकि वह परिवारवाद से दूर हैं। किसी को भी लाकर मौका दे देते हैं। मैं इस बात का कायल हूं। सबका साथ सबका विकास और सबके प्रयास से प्रभावित हूं। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम मनोहर ही नहीं बल्कि उनके काम भी मनोहर हैं। मनोहर नीतियों से हरियाणा को चलाने वाले हमारे मुख्यमंत्री बेहद सादा जीवन और सादे विचारों वाले हैं। उनके जीवन से प्रभावित हूं। वहीं दूसरी तरफ हुड्डा के कारण कांग्रेस समापन की ओर है और दावा करता हूं कि अगर हुड्डा के हाथ में चौधर और बागडोर रही तो अगले 20 साल तक भी कांग्रेस सत्ता में नहीं आएगी। 95 साल तक क्या वह राजनीति करते रहेंगे। किसी को आगे नहीं आने एक ही सोच बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

प्रश्न:- जीटी रोड बेल्ट पर कमजोर कांग्रेस को ताकत देने के लिए तंवर और शैलजा ने बहुत प्रयास किए, लेकिन उनके आज के हालातों को कैसे देखते हैं ?

 उत्तर:- मैं भारत से प्रेम करता हूं और ऋषि मुनियों, देवी देवताओं की धरती पर मैंने जन्म लिया मेरा सौभाग्य है। कुरुक्षेत्र की धरती पर भगवान श्री कृष्ण ने उपदेश दिया कि जब जब धर्म की हानि हुई, अधर्म बड़ा तब तब मैंने जन्म लिया।

 

 प्रश्न:- आप का तात्पर्य कांग्रेस के किस अधर्म से है ?

उत्तर:- परिवारवाद -क्षेत्रवाद का अधर्म जो हुड्डा कर रहे हैं। यमुनानगर- पंचकूला- कुरुक्षेत्र और अंबाला पांडवों की पावन धरती है और मैं अपने क्षेत्र से इस लड़ाई की शुरुआत कर रहा हूं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवादी हूं कि उन्होंने हरियाणा एक- हरियाणवी एक की सोच दी है। हुड्डा के 10 साल के कार्यकाल के दौरान क्षेत्रवाद हावी रहा। हमारे इस क्षेत्र को जानबूझकर विकास और रोजगार के नजरिए से दूर रखा गया। आज मनोहर लाल के नेतृत्व में पंचकूला से यमुनानगर -सहारनपुर तक का हाईवे, अंबाला- हिसार रोड जैसे अकल्पनीय कार्य किए गए हैं। हुड्डा के प्रति मेरा यह दर्द है। शैलजा की भरपूर कोशिश के कारण कांग्रेस फिर से मजबूत हुई थी। लेकिन हुड्डा ने शैलजा के क्षेत्र को जानबूझकर पिछड़ा रखा। हुड्डा के स्वार्थ की राजनीति ने हरियाणा को मारा है। जिसके लिए उन्हें भगवान और हरियाणा की जनता कभी माफ नहीं करेगी।

 

 प्रश्न:- मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रति स्नेह और मोदी की तारीख को क्या समझा जाए और त्रिपुरा में धनखड़ के साथ हुई वायरल पर स्थिति स्पष्ट करें ?

 उत्तर:- मैंने अभी भाजपा ज्वाइन नहीं की है। त्रिपुरा में भाजपा सरकार में मंत्री सुशांत चौधरी पिछले 17 साल के मेरे मित्र हैं। भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के वक्त त्रिपुरा का मैं प्रभारी था और वह वहां के अध्यक्ष थे। अब दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर धार्मिक आयोजन में मुझे उन्होंने आमंत्रित किया था। मेहमान के तौर पर वहां गया था और हवाई यात्रा में अचानक मेरी भेंट धनखड़ और उनकी टीम से हो गई। जब जहाज से उतरा तो स्वागत के लिए मेरा मित्र सुशांत अपने मंत्रिमंडल के साथ खड़ा था। वही ली गई फोटो वायरल हुई है। शाम को कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री पिल्ला देव जो भाजपा हरियाणा के प्रभारी हैं। उनके टीम से कुछ मशवरे के लिए धनखड़ वहां गए होंगे। मैं इनविटेशन पर मेहमान के तौर पर वहां भी गया। वहां भी मेरी फोटो ली गई। फिलहाल अभी जॉइनिंग नहीं की है।

 

प्रश्न:- आगामी विचारधारा किस ओर है ?

उत्तर:- पहले गर्मी का मौसम था, फिर बरसात का आया और कुछ दिन बाद सर्दी आने वाली है। अगर परिवर्तन नहीं हुआ तो हम सूख जाएंगे। विपदा की सूचना मिलने पर परिवर्तन जरूरी है और मैं वही कर रहा हूं। हरियाणा के युवाओं और क्षेत्र का भविष्य अंधकार में दिख रहा है। अच्छी श्रद्धा और नियत नीति से हम सभी सेवा कर सकते हैं जब लगे की पार्टी आगे बढ़ रही है और देश प्रदेश का भविष्य मोदी और खट्टर के हाथों में सुरक्षित नजर आ रहा है।

 

प्रश्न:- यह मान लिया जाए कि हुड्डा के सताए रवैया से कांग्रेस को अलविदा कह रहे हैं ?

 उत्तर:- मुझे कोई डर या भय नहीं है। मैं डरता नहीं हूं। भगवान कृष्ण ने कर्म को प्रधान बताया था और यही संदेश दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने दिया। मैं हुड्डा को कहना चाहता हूं कि 10 साल में हरियाणा को जिस तरह से उन्होंने मारा है, अब कांग्रेस प्रदेश में कभी नहीं पनपेगी और यह सब कुछ आपकी गलती के कारण हुआ है।

 

 प्रश्न:- कुलदीप बिश्नोई- अनिल धंतोडी के बाद कांग्रेस के कितने विकेट गिरने वाले हैं ?

 उत्तर:- यह मैं नहीं जानता। लेकिन इससे पहले बहुत कद्दावर नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह, राव इंदरजीत, अरविंद शर्मा जैसे नेता और फिर अशोक तंवर पार्टी को त्याग गए। हरियाणा में कांग्रेस बहुत मजबूत स्थिति में थी। लेकिन हुड्डा का पुत्र मोह और खुद का स्वार्थ कांग्रेस को ले बैठा। उनकी सोच केवल मैं ही मैं रहूं कोई ना रहे की है।

 

 प्रश्न:- केवल भाजपा ही क्यों हरियाणा में आम आदमी पार्टी भी मजबूत कदम बढ़ा रही है ?

 उत्तर:- भाजपा में दूरदर्शी नियत के नेताओं की फौज है और हरियाणा में कांग्रेस और हुड्डा के दाएं-बाएं चंडू-मंडू लोग हैं। जिनका चाल चरित्र और चेहरा सबके सामने आ चुका है। वही आम आदमी पार्टी के एक मुख्यमंत्री जब जर्मन से आ रहे थे, उनके हालात सभी ने देखें। केजरीवाल एक दिशा विहीन नेता हैं। जिनकी सोच देश हित में नहीं है। मोदी और खट्टर के नेतृत्व में देश प्रदेश तरक्की की ओर अग्रसर है।

 

प्रश्न:- भाजपा के सिपाही बनने के बाद आपका अगला रोड मैप क्या है?

 उत्तर:- मैं केवल कार्यकर्ता हूं और जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी उसे बड़ी जिम्मेदारी से निभाऊंगा। जहां से भी जो भी आवाज लगेगी खड़ा नजर आऊंगा। मेहनत करके यहां तक पहुंचा हूं। दादा किसान थे और छोटे से परिवार में पैदा हुआ और मेहनत से ही आगे बढ़ना सीखा हूं।

 

प्रश्न:- कांग्रेस के हालात और खराब ना हो इसके लिए क्या सलाह है ?

उत्तर:- मैंं केवल यही कहूंगा कि अलविदा कांग्रेस। अभी कांग्रेस में स्टिल हूं। लेकिन आपके अभी  इंटरव्यू के बाद तुरंत ट्विटर और मेल के माध्यम से रिजाइन डाल दूंगा। लेकिन मेरा यही एक सुझाव है कि युवाओं को मौका दें। देश प्रदेश के बारे में सोचे। भारत का भविष्य भारत का भविष्य यूथ है और उनकी सोच रखना राजनेताओं की जिम्मेदारी है।

 

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