दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव जलाने के आरोपी को मिली फांसी की सजा, 120 घंटे में पुलिस ने पेश की थी चार्जशीट

Edited By Saurabh Pal, Updated: 18 Sep, 2023 05:29 PM

accused of murder and burning dead body after rape got death sentence

कलायत के एक गांव में मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के मामले में उप मंडल मुख्यालय डीएसपी सज्जन कुमार ने कानूनी के साथ-साथ सामाजिक एवं नैतिक जिम्मेदारी निभाई। इसका प्रमाण डीएसपी द्वारा भरी महापंचायत में 10 अक्टूबर 2022 को लोगों की मांग...

कैथल (जयपाल रसूलपुर): कलायत के एक गांव में मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के मामले में उप मंडल मुख्यालय डीएसपी सज्जन कुमार ने कानूनी के साथ-साथ सामाजिक एवं नैतिक जिम्मेदारी निभाई। इसका प्रमाण डीएसपी द्वारा भरी महापंचायत में 10 अक्टूबर 2022 को लोगों की मांग पर सफेद कागज पर लिखकर किया गया वायदा रहा। इसमें पुलिस अधिकारी ने लिखकर दिया था कि जो केस इस संबंध में दर्ज किया गया है। उसका फास्ट ट्रैक से चालान न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस दौरान न्यायालय से मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक से करने का निवेदन करते हुए आरोपी पवन को सख्त सजा दिलवाई जाएगी। कैथल स्थित पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ.गगनदीप कौर द्वारा शनिवार को दोषी पवन को सुनाई गई फांसी की सजा ने डीएसपी वायदे को हकीकत में बदल कर रख दिया। जिला कैथल के इतिहास में न्यायालय के इस निर्णय ने यह साबित कर दिया कि डीएसपी सज्जन कुमार अपनी पुलिस टीम के साथ इस गंभीर मामले में साक्ष्य जुटाने में अक्षर-अक्षर खरा उतरे। 

सात वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या और साक्ष्य मिटाने के लिए शव को पेट्रोल डालकर जलाने के दोषी को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में पुलिस की त्वरित कार्रवाई एवं ठोस साक्ष्य बेहद महत्वपूर्ण रहे। देश भर में चर्चित इस मामले में जांच निगरानी की कमान तत्कालीन जिला पुलिस कप्तान मकसूद अहमद के निर्देश पर कलायत उप मंडल मुख्यालय डीएसपी सज्जन कुमार के हाथ रही। उनकी निरंतर देखरेख में पुलिस जांच अधिकारी थाना प्रभारी बलदेव सिंह मलिक ने सीआइए-1 व कलायत थाना टीम के साथ तालमेल कायम करते हुए 120 घंटें के रिकार्ड समय में जांच पूरी करते हुए 254 पेज की चालान सीट न्यायालय में दाखिल की गई। इसमें दुष्कर्म व हत्या के इस जघन्य वारदात के 37 गवाह शामिल रहे। 

सात वर्षीय मासूम बच्ची के दुष्कर्म व हत्या मामले में कुशलता से कार्य करते हुए पुख्ता सबूत जुटाने व निरंतर पैरवी करते हुए दोषी को फांसी की सजा तक पहुंचाने पर हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कलायत उप मंडल मुख्यालय डीएसपी सज्जन कुमार का उत्साहवर्धन किया है। डीजीपी शनिवार को करनाल में पुलिस अधिकारियों की बैठक लेने पहुंचे थे। इसी दौरान कैथल न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले की जानकारी जब डीएसपी ने महानिदेशक को दी तो उन्होंने पुलिस जांच अधिकारी बलदेव सिंह मलिक व पूरी टीम के कार्य की प्रशंसा की। 

मासूम बच्ची की निर्मम हत्या के मामले की सुनवाई कैथल की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में चली। हरियाणा प्रदेश का शायद यह ऐसा पहला मामला है जिसमें महज 120 घंटें में पुलिस ने एसआईटी ने जांच रिपोर्ट पूरी करते हुए चालान कोर्ट में पेश किया। इस कुशलता के लिए कलायत उप मंडल डीएसपी सज्जन कुमार, जांच अधिकारी बलदेव सिंह मलिक, एसआई धनपति देवी, सीआईए टीम और दूसरे संबंधित कर्मियों को जिला पुलिस कप्तान मकसूद अहमद ने प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया था।

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