Edited By Manisha rana, Updated: 02 Jun, 2023 06:15 PM

अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए साइबर थाना व साइबर सुरक्षा शाखा को समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते है। उनके नेतृत्व में काम करते हुए साइबर थाना की टीम ने ऑनलाइन फ्राॅड के मामले में पांच युवकों को काबू किया है।
जींद (अमनदीप पिलानिया) : अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए साइबर थाना व साइबर सुरक्षा शाखा को समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते है। उनके नेतृत्व में काम करते हुए साइबर थाना की टीम ने ऑनलाइन फ्राॅड के मामले में पांच युवकों को काबू किया है। आरोपियों ने ओएलएक्स पर विज्ञापन देकर एचडीएफसी बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर एक लाख चार हज़ार आढ़ सौ अड़सठ रूपये की धोखाधडी की थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अमित वासी बाडियान पाना खानपुर सोनीपत, विनय वासी शामडी सिसान सोनीपत, सागर वासी खानपुर कलां सोनीपत, राहुल उर्फ टिन्कु वासी शामडी सिसान सोनीपत, सोनू वासी धन्नासरी जिला चरखी दादरी के रूप में हुई है।
उप-पुलिस अधीक्षक जीन्द रोहताश ढुल ने बताया कि दिनांक 10 मई को सुमित ने शिकायत दी थी जिसमें उसने बताया कि उसका सैन्ट्रल बैंक आफॅ इण्डिया गांव निड़ाना में खाता है। उसने 1 मई को ओएलएक्स पर एचडीएफसी बैंक में नौकरी सम्बंधित एड देखी थी। उसने उस एड पर क्लिक किया तो उन्होंने अपना नम्बर दे दिया। उन्होंने उसके दस्तावेज मांगे और उनके कहे अनुसार दस्तावेज उनके व्हाटअप पर भेज दिए। उन्होंने उससे दो सौ बाहत्र रूपये स्कैनर के द्वारा मांगे जो उसने ये रूपये भी भेज दिए। उसके बाद उन्होंने नौकरी लगवाने के नाम पर और भी पैसे मांगे तो सुमित ने एक लाख चार हज़ार आढ़ सौ अड़सठ रूपये भेज दिए। फिर उन्होने उसके पास बैंक में कैशियर के पद पर ज्वाईनिंग के लिए नियुक्ति पत्र भेजा और इसी दौरान उन्होंने फोन करके कहा कि आपको जीन्द बैंक की ब्रांच से वर्दी, आईकार्ड व अन्य सामान दिया जाएगा। जिस पर शिकायतकर्ता को शक हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है जिसकी शिकायत पर थाना साईबर क्राईम जीन्द में मामला दर्ज किया गया।
आरोपी अमित ने गोहाना में मनी ट्रांसफर, मोबाईल व सिम बेचने की दुकान कर रखी थी जो कोई सिम लेने आता तो वह ग्राहक के नाम से दो सिम जारी कर लेता था। एक ग्राहक को दे देता था व दूसरी अपने पास रखा लेता था। उन्होंने यह काम छह महीने पहले शुरू किया था। आरोपी अमित व उसकी टीम ओएलएक्स पर एड देती थी जो मुकेश ने नाम से एड डाली जाती थी, जिसका मासिक किराया करीब ग्यारह हजार रूपये था। जिसका भुगतान आरोपी अमित स्वयं ही करता था। आरोपी अमित ने सभी आरोपियों को अलग-अलग क्षेत्र बांटा हुआ था। इससे जो भी पैसा आता उसमें से अमित पचास प्रतिशत हिस्सा लेता था बाकि पचास प्रतिशत दूसरों को देता था। अभी इस प्रकार के मामलों की शिकायतों के बारे मे पता लगाया जा रहा है। एक शिकायत उतर प्रदेश की पाई गई है व अन्य की जांच जारी है।
वहीं रिमांड के दौरान आरोपियों के साथ गहनता से पूछताछ की गई जिसमें आरोपी अमित से चार मोबाईल, एक लैपटाॅप-पचास हजार रूपये, आरोपी सोनू से दो मोबाइल-नौ हजार रूपये, आरोपी राहुल से दो मोबाईल-नौ हजार रूपये, आरोपी विनय से तीन मोबाईल-आठ हजार रूपये, आरोपी सागर से दो फोन-आठ हजार रूपये बरामद किए गए है।
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