Edited By Isha, Updated: 03 Aug, 2024 11:27 AM
हरियाणा के करनाल में 3 बेटों ने अपनी मां की महत्वाकांक्षा को पूरा किया। 65 साल जलवती का सपना उनके बेटों ने सच कर दिखाया। दरअसल जलवती चाहती थी कि वह हरिद्वार जाए और सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने के लिए प
करनाल: आधुनिकता के इस युग में बहुत सी जगहों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां मां- बाप को सताया जा रहा है या फिर मार- पीट कर घर से बाहर निकाल दिया जाता है, लेकिन हरियाणा में इसके बिलकुल विपरीत मामला सामने आया है। यहां 3 भाइयों ने मिलकर सतयुग के श्रवण कुमार की ही तरह अपनी मां को अपने कंधों पर कांवड़ में बैठाकर तीर्थ यात्रा करा रहे हैं।
हरियाणा के करनाल में 3 बेटों ने अपनी मां की महत्वाकांक्षा को पूरा किया। 65 साल जलवती का सपना उनके बेटों ने सच कर दिखाया। दरअसल जलवती चाहती थी कि वह हरिद्वार जाए और सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने के लिए पवित्र गंगा जल के साथ नंगे पैर ले कर आए। उनके समर्पित बेटों की बदौलत शुक्रवार को यह हकीकत बन गई। हरिद्वार से उनके तीन बेटे उन्हें अपने कंधों पर उठाकर वापस घर ले आए।
एक तरफ उनकी मां उनके कंधों पर लटकी थी तो दूसरी तरफ कांवड़ थी। तीनों भाई हर दिन 10 किमी तक पैदल चलते थे। करनाल पहुंचने पर उनके परिवार द्वारा बेटों औऱ मां का स्वागत किया गया। जल लेकर जलवती सराफा बाजार स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंची।य़ तीन भाइयों में सबसे छोटे राजा कश्यप ने कहा कि वे अपनी मां के साथ ट्रेन से हरिद्वार गए थे और 19 जुलाई को हर की पौड़ी से वापस चलना शुरू किया। यात्रा शुक्रवार को समाप्त हुई।