Edited By Parminder Kaur, Updated: 28 Sep, 2024 02:36 PM
हरियाणा में चुनावी गतिविधियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां लोगों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रही हैं, लेकिन इस बार जनता ने ठान लिया है कि वे झांसे में नहीं आएंगे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 77 साल की प्रेमवती (अम्मा) हैं, जो करीब 49 साल...
हरियाणा डेस्क. हरियाणा में चुनावी गतिविधियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां लोगों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रही हैं, लेकिन इस बार जनता ने ठान लिया है कि वे झांसे में नहीं आएंगे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 77 साल की प्रेमवती (अम्मा) हैं, जो करीब 49 साल से वोट डाल रही हैं, लेकिन इस बार उन्होंने वोट डालने से मना कर दिया है। प्रेमवती 2007 से बल्लभगढ़ की तिरका कॉलोनी में रह रही हैं, उम्रदराज होते हुए भी हर चुनाव में सक्रिय रूप से भाग लेती थीं। लेकिन इस बार उनका स्पष्ट कहना है कि मैं किसी पार्टी को वोट नहीं दूंगी।
सरकार से निराश
मीडिय से बात करते हुए अम्मा ने सरकार के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनका मोहल्ला पिछले 10 वर्षों से विकास कार्यों के लिए तरस रहा है। हर चुनाव में नेता बड़े वादे करके आते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनकी नजरें जनता की समस्याओं से हट जाती हैं। उन्होंने कई सरकारों और नेताओं को आते-जाते देखा है, लेकिन विकास नहीं हुआ। इस बार वे किसी पार्टी को वोट नहीं देंगी।
नेताओं के वादे खोखले
अम्मा ने कहा कि नेता अपने चुनावी वादों को नहीं निभाते। वे चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनका ध्यान जनता से हट जाता है, जिससे उनकी उम्मीदें और अधिक टूट गई हैं। उनके मोहल्ले के अन्य लोगों की भी यही राय है। लोग लंबे समय से वादों के पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं और अब उनकी उम्मीदें टूट चुकी हैं। हालांकि, कुछ लोग अभी भी मानते हैं कि वोटिंग उनका अधिकार है और वे इसका इस्तेमाल जरूर करेंगे।