Edited By Manisha rana, Updated: 30 Jun, 2024 03:18 PM
जिला परिषद में हुए 7 करोड़ रुपये के सफाई घोटाले की जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो टीम की कार्यशैली पर अब सवाल उठने लगे हैं। इस घोटाले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, इनमें से अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : जिला परिषद में हुए 7 करोड़ रुपये के सफाई घोटाले की जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो टीम की कार्यशैली पर अब सवाल उठने लगे हैं। इस घोटाले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, इनमें से अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस एफ.आई.आर में शहर के एक बड़े भाजपा के नेता का नाम भी शामिल है। जो मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के डर से लगातार भूमिगत चल रहा है। विजिलेंस का फेलियर तो देखिए जिन आरोपियों को पकड़ने के लिए दिन-रात छापेमारी करने की बात कही जा रही थी। उन आरोपियों में से कैथल निवासी एक आरोपी प्रवीण सरदाना सरेआम विजिलेंस की नाक के नीचे भाजपा पार्टी के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में भाग ले रहा है। जिसकी फोटो वह खुद शहर के कई वाट्सएप ग्रुपों में शेयर कर रहा है। विजिलेंस टीम द्वारा आरोपियों की धर-पकड़ के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन एक महीने का लंबा समय बीत जाने के बाद भी टीम अभी भी मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है, जिसको लेकर अब विजिलेंस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।
राजनीतिक दबाव में काम कर रही विजिलेंस
लोगों का कहना है कि विजिलेंस अब राजनीतिक दबाव में काम कर रही। इसलिए जानबूझकर बचे हुए घोटाले बाजों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। दावा यह भी किया जा रहा है कि घोटाले के आरोपियों ने राजनीतिक अप्रोच लगवा इस पूरे मामले को अब ठन्डे बस्ते में डलवा दिया है। इसलिए वह अब धीरे-धीरे अपने बिलों से बाहर निकलना शुरू हो गए हैं। जिनको शायद अब विजिलेंस की गिरफ्तारी का डर नहीं है। लोगों का यह भी कहना है जब विजिलेंस ने मामला दर्ज होने के तुरंत बाद सात आरोपियों को एक साथ गिरफ्तार कर लिया गया था, तो अब एक महीना बीत जाने के बाद भी बचे हुए शेष आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा, अगर लोगों की राय सही है तो जाहिर है कि विजिलेंस लाजमी राजनीतिक दबाव में काम कर रही है।
कोरोना काल में हुआ था करोड़ों रुपए का सफाई घोटाला
बता दें कि कैथल जिला परिषद में कोरोना काल के दौरान करोड़ों रुपए का सफाई घोटाला सामने आया था। इसमें 10 फर्मों के ठेकेदारों ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ग्रामीण क्षेत्र में बिना विकास कार्य किये ही सरकारी राशि का गबन कर लिया था। यह राशि सीधे अधिकारियों व ठेकेदारों के बैंक खातों में डाली गई थी। 3 साल की लंबी जांच के बाद विजिलेंस द्वारा मई 2024 में इस मामले को लेकर कुल 14 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसमें अधिकारियों से लेकर ठेकेदारों के नाम भी शामिल है। विजिलेंस ने इनमें से अभी तक केवल सात आरोपियों को ही गिरफ्तार कर पाई है। घोटाले में संलिप्त एस.डी.ओ, जे.ई व अकाउंटेंट सहित चार ठेकेदार जेल में बंद हैं। उधर विजिलेंस टीम शेष बचे आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर तमाम दावे कर रही है। लेकिन यह दावे असल में धरातल पर कहीं दिखाई नहीं दे रहे। घोटाले के आरोपी विजिलेंस की तमाम कार्रवाई को धता बता आज भी सरेआम खुले में घूम रहे हैं।
कैथल विजिलेंस इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर उनकी दो टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। घोटाले के आरोपी प्रवीण सरदाना की उनके पास कुछ फोटो और वीडियो आई है। जिसको लेकर वह जल्द ही अपनी टीम के साथ पंचकूला जाएंगे। जल्द ही शेष आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)