Edited By Isha, Updated: 29 Jun, 2023 01:50 PM

हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव कादमा की रहने वाली 106 वर्षीय राम बाई एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उत्तराखंड के देहरादून में मंगलवार को 18वीं नैशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप का समापन हुआ। इस प्रतियोगिता में राम बाई ने 100 और 200 मीटर दौड़ में भाग...
भिवानी: हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव कादमा की रहने वाली 106 वर्षीय राम बाई एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उत्तराखंड के देहरादून में मंगलवार को 18वीं नैशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप का समापन हुआ। इस प्रतियोगिता में राम बाई ने 100 और 200 मीटर दौड़ में भाग लेकर गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने शॉटपुट इवेंट में भी अपने दमदार प्रदर्शन दिखाया। बता दें कि राम बाई का पूरा परिवार ही खेलों में नाम कमा रहा है। उनकी बेटी 62 वर्षीय संतरा देवी रिले रेस में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। राम बाई के बेटे 70 वर्षीय मुख्तयार सिंह ने 200 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। बहू भतेरी भी रिले रेस में गोल्ड और 200 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं।
गांव कादमा की रहने वाली राम बाई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ 100, 200 मीटर दौड़, रिले, लंबी कूद में चार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास बना चुकी हैं। इससे पहले नवंबर 2021 में हुई प्रतियोगिता में चार गोल्ड मेडल जीते थे। दावा है कि राम बाई गांव की सबसे बुजुर्ग महिला हैं। सभी उन्हें उड़नपरी दादी के नाम से बुलाते हैं।

बुजुर्ग एथलीट राम बाई ने खेतों के कच्चे रास्तों पर खेल की प्रैक्टिस की है। उन्होंने बताया कि वह सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करती हैं। लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास करती हैं। इसके अलावा वे इस उम्र में भी 5-6 किलोमीटर तक दौड़ लगाती है। आम तौर पर 80 की उम्र तक पहुंचकर अधिकतर लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं। यानी की चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। इसके विपरीत राम बाई 105 की उम्र में भी मिसाल बनी है और खेलों में हिस्सा ले रही है। वह चूरमा, दही खाती हैं और दूध भी खूब पीती हैं।