स्वाइन फ्लू के अब तक 20 मरीज मिल चुके है संदिग्ध, एहतियात के निर्देश

Edited By Deepak Paul, Updated: 10 Jan, 2019 01:17 PM

swine flu has so far received 20 patients

हिसार में स्वाइन फ्लू से कई मरीजों की मौत के बाद अब गुडग़ांव में भी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। विभाग द्वारा पूर्व में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) को भेजी गई रिपोर्ट बुधवार को आई। जिसमें एक मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टी की गई है।...

गुडग़ांव(ब्यूरो): हिसार में स्वाइन फ्लू से कई मरीजों की मौत के बाद अब गुडग़ांव में भी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। विभाग द्वारा पूर्व में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) को भेजी गई रिपोर्ट बुधवार को आई। जिसमें एक मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टी की गई है। वहीं जिले में पहले मरीज की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जहां लोगों को एहतियात बरतने को कहा है वही मरीजों की देखते हुए अब रविवार को भी स्वाइन फ्लू की ओपीडी खुली रखने के निर्देश दिए है। 

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को मिली रिपोर्ट में गांव ढोरका निवासी रेखा (45) में स्वाइन फ्लू की पुष्टी की गई है। बताया गया है कि पीड़ित का इलाज किया जा चुका है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दी जा चुकी है। जिले में पहले मरीज की पुष्टी के बाद स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हो गए है। विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि सभी सीएचसी, पीएसचसी से लेकर निजी अस्पतालों को ऐसे मरीजों की रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके अलावा सभी छोटे बड़े निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर तैयार रखने के निर्देश दिए है। साथ ही आदेशों में कहा है कि फ्लू के सभी संदिग्ध मरीजों का जल्द से जल्द इलाज शुरू किया जाए। 

ऐसे बरतें एहतियात
बताया जाता है कि (एच1एन1) स्वाइन फ्लू का वायरस सबसे ज्यादा हवा के जरिए फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता हैं तो हवा के माध्यम से जमीन या किसी भी जगह पर मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरता हैं। इसलिए ऐसे में आसपास खड़े या बैठे व्यक्ति में इसका संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता हैं। बताया जा रहा है कि मौजूदा समय में अधिकतर लोग सर्दी व खांसी से परेशान है लिहाजा स्वाइन फ्लू के फैलने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है।

दवाएं पहुंचाई गई
सिविल हॉस्पिटल और पीएचसी पर भी टैमी फ्लू गोली और सीरप पहुंचा दी गई है। हॉस्पिटल में फ्लू के मरीजों के लिए अलग से आइसोलेशन वॉर्ड तैयार किया गया है। अस्पताल से स्वाइन फ्लू के 6 संदिग्ध मरीजों को इलाज दिया जा चुका है। 

किसे है ज्यादा खतरा    
बार बार खांसने वाले लोगों व सर्दी जुखाम से पीड़ित लोगों में बीमारी फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता हैं। इसके अलावा अस्थमा, क्रानिक समस्या या फिर पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित लोगों में बीमारी फैलने का खतरा ज्यादा रहता हैं। साथ ही गर्भवती महिलाएं व 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे व 50 वर्ष से ऊपर के लोगों को बीमारी अपने चपेट में ले सकती हैं। 

विभाग फ्लू के मरीजों को समय पर इलाज देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इसलिए रविवार या अन्य सरकारी छुट्टियों के दिनों में भी फ्लू के लिए ओपीडी खुली रखने के आदेश जारी किए है। 
 

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