Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 11 Aug, 2025 07:28 PM

मिलेनियम सिटी में गुंडे बदमाशों से ज्यादा आवारा कुत्तो का खौफ है। आदमखोर बन रहे शहर के अवारा कुत्ते जनवरी से अगस्त तक 20,253 आम लोगों को कुत्तों ने नोंच डाला।
गुड़गांव (ब्यूरो): मिलेनियम सिटी में गुंडे बदमाशों से ज्यादा आवारा कुत्तो का खौफ है। आदमखोर बन रहे शहर के अवारा कुत्ते जनवरी से अगस्त तक 20,253 आम लोगों को कुत्तों ने नोंच डाला। जिसके बाद शहर के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई ताजा टिप्पणी की सराहना की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ताजा बयान में कहा दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से दूर स्थानांतरित किया जाए। जो भी संगठन इस प्रक्रिया में बाधा डालेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शीर्ष अदालत का यह महत्वपूर्ण आदेश दिल्ली एनसीआर में कुत्तों के काटने के बढ़ते मामले व रेबीज से हो रही मौतों के बीच आया है।
7 माह में 20,253 डाग बाइट
दिल्ली की बात छोड दें तो मिलेनियम सिटी कहे जाने वाले गुडगांव में महज सात माह के दौरान यानि एक जनवरी से 11 अगस्त 2025 के बीच 20,253 डाग बाइट के मामले सामने आए। ये मामले सिविल अस्पताल में रैबिज का टीका लगावाने के लिए आए लोगों के पंजीकरण पर आधारित है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को शहरवासियों ने पूरी गंभीरता से लिया है।
क्या है रैबिज कब होता है असर
चिकित्सकों की मानें तो रैबिज असर कई बार वर्षो बाद भी देखा गया है। विशेषज्ञ बताते है कि कुत्ते के लार (स्लाइवा) में सूक्ष्म बैक्टिरिया होते है जो काटने के तैयार उसके दांतो के साथ सीधे हमारे शरीर के खून से मिल जाते हैं। धीरे धीरे इसका असर हमारी तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) पर होने लगता हैं। एक स्थिति ऐसी आती है मरीज धीरे धीरे नियंत्रण खोने लगता है। जिसका समय पर उपचार नही होने से मौत हो जाती हैं।
आकड़ों में डॉग बाइट
वर्ष-2016 में 4622 डाग बाइट
वर्ष-2017 में 5133 डाग बाइट
वर्ष-2022 में 3000 डाग बाइट
वर्ष-2025 में 20253 डाग बाईट- (जनवरी से 11 अगस्त तक)
वर्जन-
'' आवारा कुत्तो बंध्याकरण निगम द्वारा किया जाता है। पहले इसकी जिम्मेदारी मेरे पास थी लेकिन अब यह निगम के संयुक्त आयुक्त के हाथों में है।
डा. आशीष सिंगला, सीएमओ एमसीजी गुडगांव