ऑनलाइन पत्रकारिता की बुनियाद इंटरनेट पर टिकी : नलिन रंजन सिंह

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 17 Jul, 2024 08:34 PM

online journalism rests on the internet nalin ranjan singh

खबरों के लिए आज केवल अखबार या चैनल ही नहीं बल्कि यूट्यूब चैनल और वैब पोर्टल भी बड़े माध्यम बन गए हैं। सीधे तौर पर कहें तो आज ऑनलाइन मीडिया और कम्युनिटी जर्नलिज्म का जमाना है।

गुड़गांव, (ब्यूरो): खबरों के लिए आज केवल अखबार या चैनल ही नहीं बल्कि यूट्यूब चैनल और वैब पोर्टल भी बड़े माध्यम बन गए हैं। सीधे तौर पर कहें तो आज ऑनलाइन मीडिया और कम्युनिटी जर्नलिज्म का जमाना है। देश-दुनिया की खबरों के साथ इनसान अपने आस-पास घटनाओं के बारे में भी जानना चाहता है। ऑनलाइन मीडिया ने देश में वैसे तो 10 साल पहले ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। लेकिन सरकार के डिजिटाइजेशन पर जोर देने से इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में रोजगार की संभावनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। अगर आप की भी रूचि न्यूज, दुनिया में घट रही घटनाओं और उसे लिखने में है, तो इस फील्ड में चमकदार करियर बना सकते हैं।

 

इंटरनेट आने के बाद पत्रकारिता का भविष्य अब वेब पर आ गया है। वेब यानी ऑनलाइन मीडिया। इसे ही न्यू मीडिया भी कहते हैं। प्रिंट, रेडियो और टीवी की चकाचौंध के बीच तेजी से उभरता हुआ यह एक ऐसा मीडिया है, जहां आप कुर्सी पर बैठे-बैठे ही कोई भी अखबार देख और पढ़ सकते हैं। भले ही वे दुनिया भर में कहीं भी प्रकाशित हो रहे हों। किसी भी भाषा में हों। स्मार्ट मोबाइल के आ जाने से तो अब आप चलते-फिरते कहीं भी, जहां चाहें खबर पढ़ सकते हैं। दिनभर की खबरों से अपडेट रह सकते हैं। इसके लिए अब किसी अखबार और टीवी का इंतजार नहीं करना। इंटरनेट के माध्यम से की जाने वाली यह वेब पत्रकारिता बहुत हद तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से मेल खाती है। लेकिन इसकी व्यापकता और पुरानी खबरों को दोबारा देख सकने की सुविधा के कारण आज इसका अपना एक अलग वजूद कायम हो चुका है। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का भी मानना है कि आगे आने वाला दौर वेब जर्नलिज्म का है। क्योंकि ज्यों ज्यों देश में इंटरनेट तक लोगों की पहुंच बढ़ रही है। यह फील्डख भी तेजी से विकास कर रहा है। यही कारण है कि कुशल वेब पत्रकारों की मांग भी बढ़ रही है। जहां NRAI स्कूल ऑफ मॉस्क कॉम्युनिकेशन में दाखिला ले सकते हैं।  

 

जरूरी कोर्स और योग्यताः

देश में पत्रकारिता की पढ़ाई कराने वाले ढेरों संस्थान हैं, लेकिन इनमें अभी वेब जर्नलिज्म का अलग से कोई कोर्स संचालित नहीं होता है। परफैक्ट न्यूज के मुताबिक आमतौर पर सभी शिक्षण संस्था‍न प्रत्रकारिता पाठ्यक्रम के अंतर्गत ही न्यूज मीडिया/ऑनलाइन मीडिया/वैब पोर्टल/ यूट्यूब/साइबर मीडिया विषयों को भी सम्मिलित करते हैं, जिसके तहत स्टूडेंट को पत्रकारिता के भूलभूत सिद्धांत, कंप्यूटर पर विभिन्न सॉफ्टवेयर का प्रयोग और सूचना प्रौद्योगिकी के विषयों की जानकारी दी जाती है। वर्तमान में मासकम्युनिकेशन के तहत डिग्री, पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स संचालित हो रहे हैं। लेकिन इनके लिए शैक्षिक योग्यताएं अलग-अलग हैं। डिग्री कोर्स के लिए स्टूडेंट को किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास होना जरूरी है। जबकि पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यटता ग्रेजुएशन होनी चाहिए। इसी कोर्स में आगे चलकर आप मास्टर डिग्री और पीएचडी भी कर सकते हैं।

 

वेब जर्नलिज्म में अवसर

पत्रकारिता के अन्य प्लेटफार्म की तरह यहां भी आपको फील्ड और डेस्क दोनों तरह का काम करना पड़ सकता है। फील्ड वर्क में रिपोर्टर और रिसर्च डिपार्टमेंट का काम होता है। फील्ड का काम वे लोग ज्यादा अच्छे से कर सकते हैं जिन्हें सोसाइटी की समझ है, लोगों से मिलना जुलना अच्छा लगता है और शरीर से एक्टिव हैं। एक रिपोर्टर का मुख्य काम प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाना, इंटरव्यू लेना, किसी घटना की जानकारी इकट्ठा करना होता है। अगर आपकी दिलचस्पी फोटोग्राफी में है, तो फील्ड में कैमरामैन का काम भी मिल सकता है। वहीं, डेस्क पर खबरों को लिखना और उसकी एडिटिंग का काम करना होता है।

 

इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की हालिया स्टडी के अनुसार, देश में डिजिटल ऐड मार्केट करीब 33.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। जबकि पिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और रेडियो की ऐड ग्रोथ रेट क्रमश: 8.6 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 16.9 प्रतिशत तक ही रहने का अनुमान है। जाहिर है आगे भी वेब जर्नलिज्म में संभावनाएं बहुत हैं। अब तो ऑनलाइन खबरों को पढ़ने के लिए लोग कंप्यू्टर के अलावा स्माार्ट मोबाइल का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। यही कारण है कि आज कोई भी लीडिंग अखबार हो या फिर न्यूज चैनल हो, उनका अपना वेब एडिशन है। चूंकि इन्हें कंटेंट अपने मूल नेटवर्क से ही मिल जाता है, जिसे ठीक करके वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। ऐसी जगहों पर आपको कॉपी एडिटर, सीनियर कॉपी एडिटर, चीफ कॉपी एडिटर और संपादक के तौर पर नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा, कई स्वतंत्र न्यूज पोर्टल्स भी हैं, जिनके पास अपना कोई अखबार या न्यूज चैनल नहीं है। ऐसे में इन्हें खबरों को कवरेज करने के लिए रिपोर्टर के साथ साथ कॉपी एडिटर समेत तमाम अन्य स्टाफ की भी हर समय जरूरत रहती है। डॉटकॉम में जर्नलिस्टो के अलावा डिजाइनर और वेब डेवलपर्स के लिए भी बड़ी संख्या में नौकरी के मौके हैं। डिजाइनर जहां वेबसाइट को विजुअल लुक देने का काम करते हैं। वहीं, वेब डेवलपर डिजाइन किए गए पेज की कोडिंग करना, लिंक देना और पेज अपलोड करने का काम देखते हैं।

 

तकनीकी ज्ञान है जरूरीः

एक्टर नलिन रंजन सिंह का कहना है कि वेब पोर्टल और इसके जर्नलिज्म में सफल होने के लिए पत्रकारिता के गुणों के साथ-साथ आपको तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है। साथ में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं की अच्छी समझ भी होनी चाहिए। चूंकि इस ऑनलाइन पत्रकारिता की पूरी बुनियाद ही इंटरनेट पर टिकी है। इसलिए आपको सर्च इंजन, जैसे- गूगल, विकीपीडिया को अच्छे से इस्तेमाल करना आना चाहिए। सोशल मीडिया, ब्लॉ्गिंग, वीडियो एडिटिंग, फोटोशॉप, एचटीएमएल और सीएमएस का भी आधारभूत ज्ञान होना चाहिए। इस फील्ड के लिए एक दूसरी महत्वपूर्ण जो चीज है, वह है स्पीड और एक्यूरेसी। दरअसल, वेब पत्रकारिता एक फास्ट मीडियम है। यहां खबरों को फटाफट लिख करके, ठीक करके वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। इसके लिए न सिर्फ आपको तेजी से कॉपी ठीक करनी होगी, बल्कि वह त्रुटि रहित भी होनी चाहिए। इसके अलावा, अपनी खबरों को लोकप्रिय बनाने और अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए सर्च इंजन आप्टिमाइजेशन (एसईओ) तथा मेगा टैग का भी ज्ञान होना चाहिए।

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