प्रदूषण फैला रही फैक्ट्रियों की खैर नहीं, डेढ़ दर्जन से अधिक कंपनियों रडार पर

Edited By Isha, Updated: 19 May, 2019 03:28 PM

not that the factories spreading pollution

प्रदूषण मुक्त होने का वायदा करके चोरी छिपे जहरीली हवाओं में इजाफा करने वाले उद्योगों की अब खैर नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने गुडग़ांव में ऐसी डेढ़ दर्जन

गुडग़ांव : प्रदूषण मुक्त होने का वायदा करके चोरी छिपे जहरीली हवाओं में इजाफा करने वाले उद्योगों की अब खैर नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने गुडग़ांव में ऐसी डेढ़ दर्जन से अधिक कंपनियों को नोटिस थमाया है, साथ ही इन कंपनियों पर अब प्रदूषण नियंत्रण विभाग का ताला लटक सकता है। गत दिनों राष्ट्रीय हरित न्यायालय के आदेश पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों की पहचान शुरू कर इनको बंद करने की कार्रवाई आरंभ कर दी है।

प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने गुडग़ांव, फरीदाबाद  सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में कार्यरत कंपनियों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है जिनमें एक वह जो प्रदूषण नहीं करने की अनुमति प्राप्त करके हवा और पानी को जहरीला बना रहे हैं। दूसरे श्रेणी में वह कंपनियां जो बिना किसी अनुमति के चलाई जा रही है और प्रदूषण पैदा कर रही हैं।  इस मामले में गुडग़ांव टॉप पर है जहां करीब डेढ़ दर्जन से अधिक कंपनियां पर्यावरण नियमों को ठेंगा दिखा रही है। ये कंपनियां नियमों को ताक पर रखकर कार्यरत है, जिनमें फरीदाबाद और पानीपत में तीन दर्जन कंपनियां है जो प्रदूषण फैला रही है।

रोहतक में 14 औद्योगिक कारखाने है जो पर्यावरण नियमों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके अलावा सोनीपत में 25, गुडग़ांव में 18 और पानीपत में 13 हैं। इन कंपनियों को तत्काल बंद करने का आदेश जारी किया गया है। इससे पहले अंबाला और पंचकूला में चल रही 15 औद्योगिक इकाइयों को घग्गर नदी में प्रदूषण फैलाने के चलते प्रतिबंधित किया जा चुका है। 

मिलीभगत करने वाले अफसरों पर गिरेगी गाज 
प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायालय के आदेश पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग फुलफार्म में है और न केवल प्रदूषण फैलाने और नियमों की अवहेलना करने वाले कंपनियों को निशाने पर ले रहा है, बल्कि मिलीभगत करके इन औद्यौगिक इकाइयों के संचालन में मदद करने वाले अफसरों को भी चिन्हित कर रहा है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक समिति बनाई है जो मानकों का उल्लघंन कर रही औद्योगिक इकाइयों से मोटा जुर्माना वसूलेगी। साथ ही मिलीभगत करने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी चिन्हित कर कार्रवाई करेगी। 

कुल 336 औद्यौगिक इकाइयां होंगी बंद 
वायु और जल प्रदूषण में इजाफा करने वाली कुल 336 औद्यौगिक इकाइयों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बंद करने के आदेश दिया है। इनमें 256 कंपनियां बोर्ड की मंजूरी के बिना चल रही थीं, जबकि 80 इकाइयां नदियों में प्रदूषित और अशोधित पानी छोड़ रही थी। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया हुआ है कि आवासीय क्षेत्रों में संचालित या फिर नदियों को प्रदूषित कर रही औद्योगिक इकाइयों को तुरंत प्रभाव से बंद कराया जाए। 

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