रेपो रेट में संभावित कटौती को लेकर उत्साहित है गुरुग्राम का रियल एस्टेट सेक्टर

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 05 Jun, 2025 08:06 PM

gurugram s real estate sector is excited about

गुरुग्राम का रियल एस्टेट सेक्टर एक बार फिर तेजी की उम्मीदों से उत्साहित है, क्योंकि 6 जून को होने वाली रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कटौती की संभावना जताई जा रही है।

गुड़गांव, ब्यूरो : गुरुग्राम का रियल एस्टेट सेक्टर एक बार फिर तेजी की उम्मीदों से उत्साहित है, क्योंकि 6 जून को होने वाली रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कटौती की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कमी करता है, तो इससे होम लोन सस्ता होगा और ईएमआई  घटेगी।

 

गुरुग्राम जैसे प्रीमियम रियल एस्टेट बाजार में यह बदलाव ग्राहकों की खरीद क्षमता को बढ़ाएगा। डेवेलपर्स का कहना है कि लंबे समय से लोग ब्याज दरों में स्थिरता के कारण “वेट एंड वॉच” मोड में थे, लेकिन अब अगर दरें कम होती हैं, तो प्रॉपर्टी बुकिंग में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है।

 

गुरुग्राम के सेक्टर 79, गोल्फ कोर्स रोड, और न्यू गुरुग्राम जैसे इलाकों में हाल के वर्षों में तेज़ डिमांड देखी गई है। अब ब्याज दरों में संभावित राहत से इन इलाकों में निवेश और रहने दोनों के लिए लोगों की रुचि और बढ़ सकती है। डेवेलपर्स इसे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत मान रहे हैं।

 

गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि रियल एस्टेट मार्केट संभवत देश का सबसे बड़ा और महत्वपूर्व सेक्टर है और ये पिछले दो साल से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और हम आशा करते हैं कि इस बार भी रेपो रेट में कुछ कटौती की जाए जिससे की रियल एस्टेट मार्केट और अच्छा परफॉर्म करे। रियल एस्टेट सेक्टर की रफ्तार काफी हद तक ब्याज दरों पर टिकी होती है। अगर इस बार भी आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो इसका सीधा फायदा बाजार को मिलेगा, खासकर त्योहारों से पहले। जैसे ही होम लोन की किस्तें कम होती हैं, प्रॉपर्टी की बुकिंग बढ़ने लगती है। एनसीआर के इलाकों जैसे ग्रेटर नोएडा वेस्ट, यमुना एक्सप्रेसवे और राजनगर एक्सटेंशन में पहले ही बुकिंग में तेजी दिख रही है। अगर ईएमआई और घटती है, तो आने वाले 3 से 6 महीने में प्रॉपर्टी की बिक्री रिकॉर्ड बना सकती है। कम ब्याज दरों का फायदा सिर्फ घर खरीदने वालों को ही नहीं, बल्कि निवेश करने वालों को भी होगा, क्योंकि उन्हें अच्छा रिटर्न मिलने के मौके मिलेंगे।

 

कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग कहते हैं, होम लोन की ईएमआई  पर ब्याज दरों का सीधा असर पड़ता है। अगर आरबीआई फिर से कटौती करता है, तो मिडिल क्लास के लिए घर खरीदना और आसान हो जाएगा। बेटर चॉइस रियलटर्स के डायरेक्टर नयन रहेजा ने कहा, "फरवरी और अप्रैल में लगातार रेपो रेट में कटौती ने पहले ही मार्किट में पॉजिटिव रुख स्थापित कर दिया है, जिससे बायर्स की भावना और हाउसिंग एक्टिविटीज में स्पष्ट वृद्धि हुई है। यदि आगामी मॉनेटरी पालिसी में एक और रेट कट होता है, तो यह एक स्ट्रॉंग ग्रोथ ट्रिगर के रूप में कार्य कर सकता है, खासकर फेस्टिव सीजन के करीब होने के कारण। उल्लेखनीय बात यह है कि गति अब केवल अफोर्डेबल हाउसिंग यूनिट्स तक ही सीमित नहीं है; मिड इनकम और प्रीमियम केटेगरी में भी डिमांड बढ़ रही है। 

 

संजीव अरोरा , डायरेक्टर 360 रियलटर का कहना है, "अब भारत फाइनेंसियल स्टेबिलिटी के साथ तेज़ी से विकास की ओर अग्रसर है। ऐसे समय में यदि आरबीआई इंटरेस्ट रेट में कटौती करता है, तो इससे रियल एस्टेट सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी। इससे न केवल डेवलपर्स को लाभ होगा, बल्कि ग्राहक भी अधिक आत्मविश्वास और सहजता से प्रॉपर्टी बुकिंग करेंगे। सस्ती ईएमआई का लाभ सीधे खरीदारों तक पहुंचेगा, जिससे बाजार में पॉजिटिव माहौल बनेगा। यह स्थिति दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित होगी।"

 

एआरआईपीएल (ARIPL) के फाउंडर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेंद्र कौशिक का कहना है, "रेपो रेट में केवल 1% की कटौती भी 20 साल के होम लोन पर ग्राहकों को लाखों रुपये की बचत दिला सकती है। यह बचत घर खरीदारों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन बनती है। इससे न केवल वे तेजी से निर्णय लेते हैं, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में उनका भरोसा भी मजबूत होता है, जो समग्र रूप से मांग को बढ़ावा देता है।"

 

एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है, "रेपो रेट में कटौती का सबसे अधिक लाभ पहली बार घर खरीदने वालों को मिलेगा। जब ईएमआई कम होगी, तो किराए पर रहने वाले भी अपना घर खरीदने का निर्णय ले पाएंगे। इससे उनके लिए घर खरीदना अधिक सुलभ और संभव हो जाएगा। यह कदम न केवल रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती देगा, बल्कि लोगों के सपनों को साकार करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।"

 

डॉ विशेष रावत, वाईस प्रेजिडेंट- हेड मार्केटिंग, सेल्स & सीआरएम, एम2के ग्रुप का कहना है, "आज की तारीख़ में घर खरीदना सिर्फ एक ज़रूरत नहीं, बल्कि एक बड़ा फाइनेंशियल डिसीजन बन चुका है। ऐसे में अगर इस साल आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करता है, तो बायर्स का कॉन्फिडेंस काफी बढ़ेगा। महामारी के बाद रियल एस्टेट सेक्टर ने अच्छी रिकवरी की, लेकिन लगातार ऊंची ब्याज दरों ने खरीदारों को सतर्क बना दिया था। अब अगर लोन सस्ते होते हैं, तो 'वेट एंड वॉच' की सोच की जगह 'बाय नाउ' का ट्रेंड बढ़ेगा। इसका असर केवल सेल्स पर नहीं, बल्कि इंटीरियर, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स पर भी दिखेगा, जिससे पूरी इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी।

 

ओक्स ग्रुप के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश मेहता का कहना है, "अगर फेस्टिव सीजन से पहले आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इसका सीधा असर रियल एस्टेट बाजार पर पड़ेगा। ईएमआई कम होने से ग्राहक अधिक संख्या में प्रॉपर्टी देखने और बुक करने के लिए आगे आएंगे। इससे ना केवल बाजार में गतिविधि बढ़ेगी, बल्कि मांग में भी उल्लेखनीय इज़ाफ़ा होगा, जो पूरे सेक्टर को स्थिरता और मजबूती प्रदान करेगा।"

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