Edited By kamal, Updated: 05 Apr, 2019 03:45 PM

शहर के अत्यंत व्यस्ततम इलाके बस स्टैंड से सदर बाजार तक सड़क पर के दोनों तरफ रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का कब्जा...
गुडग़ांव(मनोज): शहर के अत्यंत व्यस्ततम इलाके बस स्टैंड से सदर बाजार तक सड़क पर के दोनों तरफ रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का कब्जा है। दुकानें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ नगर निगम द्वारा दावा किया जा रहा है कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान लगातार जारी है तो दूसरी तरफ कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध रुप से रेहड़ी पटरी दुकानें लगवाई जा रहीं हैं। उधर सदर बाजार में भी अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है।
सदर बाजार को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए नगर निगम पिछले एक दशक से कार्रवाई का अभियान समय-समय पर चलाता रहा है। सैकड़ों बार बाजार में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई हुई लेकिन स्थिति यथावत है। बाजार से गुजरने वाली सड़कों और गलियों के आधे हिस्से तक दोनों तरफ से जहां स्थाई दुकानदारों ने अपनी दुकानों को सड़क तक आगे बढ़ा लिया है, वहीं पटरी दुकानदार भी काबिज हैं। इसके कारण बाजार से वाहनों का निकलना तो दूर, उन्हें पैदल पार करना भी दुश्वार है।
शनिवार और रविवार को तो बाजार में भारी भीड़ उमड़ पड़ती है और लोगों को धक्का मुक्की का सामना कर बाजार की सड़कों से गुजरना पड़ता है। निगमायुक्त के आदेश पर निगम की टीम द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ चेतावनी दी जाती है कि दोबारा अतिक्रमण हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी लेकिन जागरुक नागरिकों का मानना है कि यह कार्रवाई निगम की टीम द्वारा औपचारिकता के मौर पर की जाती है। कुछ दुकानदारों को संरक्षण प्रदान किया जाता है तो कुछ दुकानदारों को जान बूझकर निशाना बनाया जाता है। कारवाई में इसी भेदभाव का प्रतिफल है कि बाजार को कब्जा मुक्त करना असंभव जैसा प्रतीत हो रहा है और यह चिंता का विषय है।
बर्बाद होता है समय, पेश आती रहती हैं छिनैती की वारदात
बस स्टैंड से सदर बाजार तक सड़क पर अतिक्रमण होने के कारण बाजार आने वाले लोगों को भीड़भाड़ के कारण बाजार में प्रवेश करने और बाहर निकलने में समय तो बर्बाद करना ही पड़ता है, हादसों और वारदातों का शिकार भी होना पड़ता है। उधर बस स्टैंड से सदर बाजार तक हर समय जाम लगा रहता है क्योंकि अतिक्रमण के कारण सड़क से वाहनों को निकलने में समय लगता है। उधर भीड़भाड़ के दौरान बाजार में अराजक तत्व मौजूद रहते हैं और वे लोगों के पर्श और मोबाइल को निशाना भी बनाते हैं। कोई पुलिस से इन वारदातों की शिकायत करने की जहमत नहीं उठाना चाहता है, इसलिए ऐसी वारदातें सामने नहीं आ पातीं।
अब तो कार्रवाई का विरोध भी करने लगे नागरिक
नगर निगम द्वारा कार्रवाई में पक्षपात किए जाने का नतीजा है कि बाजार मेें अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आई टीमों को कई बार दुकानदारों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है और टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा है। नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव के आदेश पर एक बार सदर बाजार को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया था लेकिन कुछ दिनों पूर्व दूसरी बार पहुंची टीम को दुकानदारों को भारी विरोध का सामना करना पड़ और टीम को दुकानदारों ने वापस लौटा दिया। इसके बाद तो बाजार में जैसे अतिक्रमण की बाढ़ आ गई है।