Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 04 Oct, 2024 02:04 PM
राजस्थान में नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है. या यूँ कहें तो उसका यहां पर असर दिख रहा है. पंजाब में इस नशे ने बड़ा नुकसान किया है.
गुड़गांव, (ब्यूरो): राजस्थान में नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है. या यूँ कहें तो उसका यहां पर असर दिख रहा है. पंजाब में इस नशे ने बड़ा नुकसान किया है. पंजाब से सटे हुए राजस्थान के श्रीगंगनागर और हनुमानगढ़ में इसका असर पड़ने लगा है. श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं. ऐसे में नशे के खिलाफ राजस्थान के युवा नेता अभिषेक चौधरी ने "अवेकन' एक युद्ध नशे के विरुद्ध" प्रदेशव्यापी अभियान की शुरुआत की है. शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती पर जयपुर में इस अभियान की लांचिंग की गई और महात्मा गांधी की जयंती पर श्रीगंगानगर में इस अभियान के तहत कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है. अभिषेक चौधरी का कहना है कि महात्मा गांधी ने जब पहली बार आजादी को लेकर आंदोलन किया था तब उन्होंने कहा था कि जब तक लोग नशा नहीं छोड़ेंगे तब तक वो देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियां नहीं समझ पाएंगे. इसलिए देश को पहले नशे से आजादी की जरूरत है.
क्यों करना पड़ा ऐसा ?
अभिषेक चौधरी नुक्कड़ नाटक के जरिए नशे के खिलाफ रचनात्मक मैसेज देने का काम कर रहे हैं. कभी मशाल जुलूस के माध्यम से नशे के खिलाफ युवाओं की आवाज बुलंद करने का काम कर रहे हैं. अभिषेक चौधरी ने बताया कि नशा मुक्ति के इस अभियान को लेकर वह हर एक जिले, गांव, कस्बे में जाएंगे और रचनात्मक तरीके के कार्यक्रमों के जरिए बच्चों से लेकर युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों को नशे के खिलाफ जागरूक करेंगे. इसी कड़ी में अब तक वह राजधानी जयपुर और नशे से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके श्रीगंगानगर में कई कार्यक्रम कर चुके हैं.
बजट का इस्तेमाल नहीं ?
चौधरी का कहना है कि नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए 290 करोड रुपए जारी हुए लेकिन सरकार और सिस्टम की गैर जिम्मेदारी के चलते सिर्फ 90 करोड रुपए ही खर्च हो पाए और वह भी सिर्फ खानापूर्ति के कार्यक्रमों में खर्च हुए. जिसके कारण अलग अलग तरीके के नशे का जाल इतने बड़े स्तर पर फैल चुका है कि अब सरकार अकेले इससे नहीं लड़ सकती. ऐसे में अब समाज के प्रत्येक व्यक्ति को नशे के खिलाफ खड़ा होना होगा तभी नशे के खिलाफ लड़ाई जीती जा सकती है. अभिषेक चौधरी झोटवाड़ा विधान सभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी भी रहे हैं. इसके अलावा एनएसयूआई के राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.