हरियाणा की नई विधानसभा के लिए केंद्र की हरी झंडी, जारी होगा नोटिफिकेशन...जल्द मिलेगी फोरेस्ट क्लीयरेंस

Edited By Isha, Updated: 28 Jun, 2024 06:41 PM

center s green flag for haryana s new assembly notification will be issued

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के शासन काल में हरियाणा की नई विधानसभा बनाने को लेकर शुरू की गई पहल अब सिरे चढ़ते नजर आ रही है। प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ में नई विधानसभा के लिए जमीन को लेकर आ रही दिक्कतें

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के शासन काल में हरियाणा की नई विधानसभा बनाने को लेकर शुरू की गई पहल अब सिरे चढ़ते नजर आ रही है। प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ में नई विधानसभा के लिए जमीन को लेकर आ रही दिक्कतें अब जल्द ही दूर हो जाएंगी। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्रालय की ओर से इको सेंसेटिव जोन के लिए नए नियम बनाने के बाद अब चंडीगढ़ की ओर से हरियाणा को मिलने वाली 10 एकड़ जमीन के ट्रांसफर होने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके चलते अब जल्द ही हरियाणा की ओर से भी चंडीगढ़ से मिलने वाली 10 एकड़ जमीन के बदले 12 एकड़ जमीन ट्रांसफर कर दी जाएगी।

बता दें कि हरियाणा सरकार की ओर से चंडीगढ़ से नई विधानसभा के भवन के लिए मिलने वाली 10 एकड़ जमीन के बदले में पंचकूला के एमडीसी के सेक्टर-2 के नजदीक 12 एकड़ जमीन देने की ऑफर की थी। इसे लेकर दोनों प्रदेश आपस में सहमत भी हो गए थे, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने साफ कहा था कि वह जमीन को तभी लेगा, जब वह इको सेंसेटिव जोन से बाहर होगी, क्योंकि हरियाणा की ओर से ऑफर की गई 12 एकड़ की सुखना लेक के एंडिंग प्वाइंट वाली जमीन इको सेंसेटिव जोन में आती थी, जिसके चलते वहां निर्माण कार्यों पर रोक लगी हुई थी। इसलिए इसका पेच फंस गया था।

इस पर हरियाणा सरकार की ओर से इस बारे में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से बात की गई और उन्हें एक प्रपोजल बनाकर भेजा गया। इसके बाद मंत्रालय ने सुखना लेक के समीप के एरिया में इको सेंसेटिव जोन के लिए नए नियम बनाकर ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन के जरिए लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे थे। आपत्ति और सुझाव के लिए दो महीने का समय दिया गया समय अब पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि इसके लिए कोई खास आपत्ति नहीं आई है। ऐसे में अब मंत्रालय की ओर से इसे लेकर जल्द ही फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है, जिसके बाद चंडीगढ़ और हरियाणा को आपस में जमीन ट्रांसफर करने में कोई आपत्ति और परेशानी नहीं होगी। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से इसे लेकर बात भी की गई थी।

जल्द शुरू करवाएंगे निर्माण कार्य
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि विधानसभा के नए भवन के लिए जमीन फाइनल की जा चुकी है। इको सेंसेटिव जोन का ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। अब जल्द ही फाइनल नोटिफिकेशन जारी होने वाला है। इसके बाद यूटी को एमडीसी सेक्टर-2 की 12 एकड़ जमीन लेने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। पर्यावरण मंत्रालय ने इको सेंसेटिव जोन के लिए नये नियम तय किए हैं। जमीन मिलते ही जल्द भवन का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। 

हरियाणा को मिलेगी 55 में से 10 एकड़ जमीन
चंडीगढ़ की ओर से हरियाणा को नई विधानसभा के भवन के लिए तीन स्थानों पर जमीन दिखाई गई थी। इनमें से हरियाणा की ओर से रेलवे लाइट प्वाइंट के पास आईटी पार्क रोड पर लगती जमीन को फाइनल किया गया था। यहां यूटी प्रशासन के पास कुल 55 एकड़ जमीन है, जिसमें से 10 एकड़ जमीन हरियाणा को नई विधानसभा के लिए मिलेगी।

कईं राज्यों की विधानसभा का किया था दौरा
हरियाणा की नई विधानसभा बनाने को लेकर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया हुआ है। इस कमेटी ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे बड़े राज्यों के अलावा तेलंगाना और अरुणाचल प्रदेश के नए विधानसभा भवनों का दौरा किया गया था। इसके बाद ही हरियाणा की नई विधानसभा के लिए रुपरेखा तैयार की गई।

परिसीमन को ध्यान में रखकर होगा निर्माण
अभी तक पंजाब के साथ पुराने भवन में चल रहे हरियाणा विधानसभा के लिए अलग से भवन की जरूरत के पीछे एक बड़ा कारण है। दअरसल वर्तमान में विधानसभा भवन में 90 सदस्यों से अधिक के बैठने की क्षमता नहीं है, जबकि 2028 के संभावित परिसीमन में विधायकों की संख्या बढ़ना तय है। नए परिसीमन में यदि हरियाणा की लोकसभा सीट बढ़कर 14 हुई तो विधानसभाओं की संख्या 90 से बढ़कर 126 हो जाएगी। इसी प्रकार से लोकसभा सीट की संख्या 10 से बढ़कर 15 होने पर विधानसभा सीटों की संख्या 135 हो जाएगी। इसलिए आने वाले दिनों में विधायकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हरियाणा के लिए अलग से नए विधानसभा भवन की जरूरत महसूस की गई। नई विधानसभा के भवन में स्पीकर सचिवालय अलग से होगा। इसके अलावा सभी मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष, सीएम और डिप्टी सीएम के कार्यालय समेत उनके स्टाफ के बैठने के लिए भी व्यवस्था होगी। नई विधानसभा का भवन अगले 50 से 60 वर्षों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।

 

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