Edited By Gourav Chouhan, Updated: 30 Aug, 2022 11:25 PM

जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया और जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी शंकर लाल ने बताया कि शामलात देह भूमि वह भूमि है। जो सरकारी रिकार्ड में शामलात देह के नाम से दर्ज है। यह वह जमीन है,जो प्राइवेट मालिकों के तरफ से किसानों की अपनी जमीन में से सामूहिक...
यमुनानगर(सुरेन्द्र): सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर जिस शामलात देह को पंचायती भूमि में बदला जाना है। जिसके लिए प्रदेश के सभी तहसीलदारों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। वास्तव में वह शामलात देह है क्या और उसे पंचायती भूमि में कैसे बदला जाएगा। यमुनानगर के जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया और जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी शंकर लाल ने बताया कि शामलात देह भूमि वह भूमि है। जो सरकारी रिकार्ड में शामलात देह के नाम से दर्ज है। यह वह जमीन है,जो प्राइवेट मालिकों के तरफ से किसानों की अपनी जमीन में से सामूहिक कार्यों के लिए रखी गई थी।
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक ऐसी शामलात देह भूमि को पंचायती जमीन के रूप में दर्ज किया जाना है। देश के लगभग हर गांव में ऐसी जमीन है। जो शामलात देह के रुप में दर्ज हैं और सामूहिक कार्य के लिए इस्तेमाल की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि राजस्व विभाग के एसीएस के तरफ से हरियाणा के सभी तहसीलदार को आदेश दिए गए। वह शामलात देह भूमि को पंचायती जमीन के रूप में सरकारी रिकार्ड में दर्ज करें। वहीं किसानों का कहना है कि देश की आजादी के समय किसानों ने अपनी जमीन पशु चराने, जोहड़ और अन्य कार्य के लिए छोड़ थी। किसानों की इस जमीन को अब सरकार हड़पना चाहती है। अगर इसे पंचायत जमीन में बदल दिया गया तो इससे किसानों को भारी नुकसान होगा।