Edited By Isha, Updated: 30 Mar, 2020 02:38 PM
लॉकडाऊन के बावजूद प्रवासी मजदूर फैक्टरियों से निकलकर पैदल अपने गांव में जा रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण उनकी बेबसी है क्योंकि मजदूरों को न तो खाने...
बापौली : लॉकडाऊन के बावजूद प्रवासी मजदूर फैक्टरियों से निकलकर पैदल अपने गांव में जा रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण उनकी बेबसी है क्योंकि मजदूरों को न तो खाने के लिए राशन मिल रहा है और न ही फैक्टरी मालिक उन्हें उनका वेतन दे रहे हैं। इससे मजबूरन प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गांव में जा रहे हंै। रविवार को पानीपत-हरिद्वार रोड पर भारी संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही उत्तर प्रदेश की ओर जाते दिखाई दिए।
लखनऊ से करीब 30 किलोमीटर और आगे अपने गांव बाराबंकी के लिए पैदल ही जा रहे मनीष, ललित, रवि, मलखान, आकाश, रबिन बाबा, खुशबू आदि प्रवासी मजदूरों सहित पैदल ही कानपुर जा रहे रोहित ने बताया कि वे कु राड़ फ ार्म के पास बनी एक फैक्टरी में काम करते हैं लेकिन कोरोना वायरस को लेकर फैक्टरी बंद होने से उनका काम भी बंद हो गया है और उनके पास जो कु छ था, वह भी खत्म हो चुका है, उन्हें खाने के भी लाले पड़े हुए हैं।
मालिक से जब वे पैसे मांगते हैं तो वह कहता है कि अब अपने घर चले जाएं और बाद में आकर अपना हिसाब कर लेना। वहीं दूसरी ओर मुजफ्फ रनगर जाने वाले रिजवान ने बताया कि वह इंसार बाजार स्थित हैंडलूम की फैक्टरी में काम करता है लेकिन अब खाने के लिए कु छ नहीं है और मालिक पैसे नहीं दे रहा है। जिस कारण वह अपने परिवार के साथ अपने गांव पुखालियान जा रहा है। फैक्टरी संचालक अपना पीछा छुड़वाने के लिए मजदूरों की छुट्टी कर रहे हैं और उन्हें उनका मेहनतनामा भी नहीं दे रहे हैं।