Edited By Isha, Updated: 06 Nov, 2019 07:16 PM
पंचकूला में हरियाणा पुलिस को लगा एक और बड़ा झटका। जिसमें आज पंचकूला दंगा व हिंसा मामले की मुख्य आरोपी हनीप्रीत को जमानत मिल सकती है। हनीप्रीत आज जमानत पर बाहर आ सकती .....
अंबाला\पंचकूला (अमन\उमंग) : डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की करीबी हनीप्रीत को पंचकूला कोर्ट ने जमानत दे दी। सूत्रों के मुताबिक अंबाला जेल से रिहा होने के बाद हनीप्रीत का काफिला दिल्ली की तरफ रवाना हुआ। हनीप्रीत ने गाड़ी बदल ली है। हनीप्रीत डेरा की सुरक्षा व परिजनों के साथ है। पंचकूला में 25 अगस्त 2017 को हुए दंगों के मामले में कोर्ट ने हनीप्रीत को जमानत दी है। 2 नवंबर को कोर्ट ने इस मामले में हनीप्रीत समेत 15 आरोपियों पर से राजद्रोह की धारा हटा दी थी। इसके बाद हनीप्रीत ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। पिछली सुनवाई में हनीप्रीत से से देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया था। इसके बाद हनीप्रीत को वकील ने कोर्ट में जमानत याचिका दर्ज की थी। अंबाला जेल में बंद हनीप्रीत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी।
हिंसा में 36 लोगों की गई थी जान
साध्वी यौन शोषण केस में राम रहीम को सजा होने के बाद पंचकूला में 25 अगस्त 2017 को हिंसा भड़की थी, इसमें 36 लोगों की जान गई थी। डेरा समर्थकों ने कई गाड़ियों, पेट्रोल पंप और दफ्तरों में आगजनी की थी। पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में हनीप्रीत को गिरफ्तार किया था। उस पर राजद्रोह समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
38 दिन बाद हनीप्रीत गिरफ्तार हुई थी
पंचकूला हिंसा के बाद से पुलिस हनीप्रीत को ढूंढ रही थी, लेकिन वह 38 दिनों तक पुलिस के हाथ नहीं आई। पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने हनीप्रीत को पंजाब से पकड़ा है। जेल में बंद हनीप्रीत की वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई होती थी।
1200 पेज की चार्जशीट
पुलिस ने शुरुआत में 1200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी जिन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें हनीप्रीत, उसकी साथी सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान इंसा, चमकौर सिंह, दान सिंह, गोविंद राम, प्रदीप गोयल इंसा और खैराती लाल पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किए थे।
यहां हुई थी हिंसा
पंचकूला में 25 अगस्त को माजरी चौक, कोर्ट कॉम्प्लेक्स, सूरज थिएटर नाका, सेक्टर 3, हाईवे, सेक्टर 2/4रोड, हैफेड बिल्डिंग की बैक साइड, हैफेड के सामने, सेक्टर 5 के पास हिंसा हुई थी। इसकी साजिश 17 अगस्त को सिरसा डेरे में रची गई।