Interview- राम मंदिर की तरह एस.वाई.एल. मामले की हो रोजाना सुनवाई: दुष्यंत

Edited By Shivam, Updated: 11 Nov, 2019 03:44 PM

हरियाणा विधानसभा चुनाव से 10 महीने पहले जननायक जनता पार्टी का गठन करने वाले दुष्यंत चौटाला ने उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद पंजाब केसरी को सबसे पहला इंटरव्यू दिया। हमारे प्रतिनिधि सुधीर पांडे से विशेष बातचीत में उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने...

  • उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटला सुप्रीम कोर्ट से करेंगे अपील

हरियाणा विधानसभा चुनाव से 10 महीने पहले जननायक जनता पार्टी का गठन करने वाले दुष्यंत चौटाला ने उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद पंजाब केसरी को सबसे पहला इंटरव्यू दिया। हमारे प्रतिनिधि सुधीर पांडे से विशेष बातचीत में उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद उन पर उठने वाले सभी सवालों का जवाब भी दिया। दुष्यंत ने प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली एस.वाई.एल. नहर की सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर की तरह रोजाना सुनवाई के लिए अपील करने की बात भी कही। पेश है उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश...

सवाल: चुनाव से 10 महीने पहले बनी पार्टी आज प्रदेश की सत्ता में भागीदार है। नायक किसे मानते हैं?
जवाब :  10 महीने पहले बनी जननायक जनता पार्टी को हरियाणा की जनता का बहुत प्यार और आशीर्वाद मिला है। मैं उन सभी साढ़े 18 लाख वोटरों का आभारी हूं जिन्होंने इस नई शुरूआत में अपनी भागीदारी डालकर हमें ताकत दी जिसके कारण ही आज प्रदेश में 10 माह पुरानी पार्टी 10 विधायक बना पाने में कामयाब रही है। मेरा मानना है कि एक-एक वह साथी जो अजय चौटाला के संघर्ष में उनके साथ खड़ा रहा और चौधरी स्व.देवी लाल की नीतियों से जुड़ा रहा वह इस जीत का नायक है। मैं खासतौर पर मेरी उम्र के उन लोगों जिन्होंने मेरे साथ संघर्ष किया, मेरी मां के साथ जिन महिलाओं ने संघर्ष किया उनका आभारी हूं और इसी परिश्रम का नतीजा है कि आज हम सरकार में भागीदार हैं।

सवाल : आप छल्ला बनाने की बात करते थे,अब चाभी का छल्ला कौन है?
जवाब :  जजपा चाभी और छल्ला भाजपा है। हम दोनों मिलकर साथ चल रहे हैं। मैं मानता हूं कि दोनों संगठन जिस सोच के साथ चल रहे हैं वह प्रदेश के लिए हितकारी ही होगा। हमारे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के लिए अनिल विज के नेतृत्व में बनी कमेटी ने भी काम करना शुरू कर दिया है। इसमें गांव से शराब के ठेके हटाने से लेकर 50 किलोमीटर के अंदर परीक्षा का केंद्र बनाए जाने की बात थी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के पटल पर भी इसे रखा। इस तरह के कई वायदों पर काम शुरू हो चुका है जो दोनों संगठन के कॉमन भी हैं और मिनिमम प्रोग्राम में भी आते हैं। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द अधिकतम वायदे पूरे किए जाएं। प्रदेश के अंदर ज्यादा खर्च की ओर न देखते हुए रैवेल्यूशन तथा प्रदेश को प्रगति पथ पर कैसे लाया हमारा ध्यान इस तरफ ज्यादा है। 

सवाल :  जिन्हें यमुना और घग्गर पार करने वाले थे आज उनके साथ सरकार में हैं, ऐसा क्यों?
जवाब :  हमारी पार्टी का जन्म क्या कांग्रेस या लोकदल के पक्ष में हुआ था। प्रदेश में हमारी लड़ाई लोकदल,कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ थी। प्रदेश को प्रगति पथ पर स्थायी तौर पर चलाने के लिए भाजपा के साथ आना जरूरी था। कांग्रेस के पास सरकार बनाने के लिए नंबर नहीं थे। कांग्रेस व निर्दलीय मिल जाते फिर भी स्थायी सरकार नहीं चलती और हरियाणा को स्थायी तथा मजूबत सरकार देने के लिए हमें यह कदम उठाना पड़ा।

सवाल : चुनाव के नतीजे आए 15 दिन से ज्यादा हो गए मंत्रिमंडल का गठन क्यों नहीं हो पा रहा?
जवाब : शनिवार को राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आया उसे मॉनीटर करना जरूरी था। राज्यपाल से समय मिलने के बाद तारीख तय कर ली जाएगी और मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।

सवाल : जजपा के कुछ विभागों को लेकर अडऩे की भी चर्चाएं हैं। क्या इसी कारण मंत्रिमंडल गठन में देरी हो रही है?
जवाब : विभाग मांगना,मंत्रियों की संख्या ये हमारे दोनों संगठनों का अंदरूनी मामला है। प्रदेश सरकार को स्थाई व प्रगति के पथ पर कैसे चलाया जाए यह मेरा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सपना है। इसी सपने को 5 साल लेकर हम दोनों पूरी मजबूती के साथ लेकर चलेंगे।

सवाल : आपके डिप्टी सी.एम. बनने के बाद अजय चौटाला अभय से मिले। क्या चौटाला परिवार की दूरियां खत्म होंगी?
जवाब : चौटाला परिवार राजनीतिक तौर पर बेशक अलग है लेकिन पारिवारिक तौर पर हम हमेशा एक हैं और एक रहेंगे। खून के रिश्तों को तोड़ा नहीं जा सकता। राजनीतिक तौर पर इनैलो अलग संगठन है और जजपा अलग। संगठन को एक करने पर अगर कोई निर्णय होगा तो अकेले दुष्यंत की सोच नहीं बल्कि दोनों संगठनों की सोच को मिलना होगा और इनैलो के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को भी निर्णय लेना पड़ेगा। क्या निर्णय होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है।

सवाल : दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं क्या वहां भाजपा का साथ देंगे?
जवाब :  दिल्ली के विधानसभा चुनाव में दोनों दल मिलकर चलेंगे। दिल्ली के चुनाव आने से पहले इस पर निर्णय भी लिया जाएगा।

सवाल : लोकसभा में जजपा आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी,अब दिल्ली में उनका विरोध कैसे करेंगे?
जवाब : अगर विधानसभा चुनाव के इतिहास की बात करें तो दिल्ली में हमारा विधायक नजफगढ़ से जीता। स्व.देवीलाल ने जब जनता पार्टी की स्थापना की थी तब भी दिल्ली में कई विधायक हमारे जीते थे। विधानसभा चुनाव लडऩा या न लडऩा यह संगठन का फैसला है। आउटर दिल्ली के लोगों की हरियाणा में रिश्तेदारियां और कनेक्शन होने से दिल्ली से हमारा विशेष लगाव रहा है।

सवाल : क्या भाजपा-जजपा गठबंधन 5 साल तक चलेगा?
जवाब : बिल्कुल चलेगा। भाजपा और जजपा एक ही विचारधारा की पार्टी है। अतीत में भी हमने साथ मिलकर सत्ता संभाली है और हरियाणा का विकास किया है। मैं तो कहता हूं कि जजपा-भाजपा गठबंधन 5 साल क्या उससे भी ज्यादा चलेगा।

सवाल : बसपा और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन लंबा क्यों नहीं चल पाया?
जवाब : गठबंधन तोडऩा इन दोनों दलों का निर्णय था। हम गठबंधन धर्म निभाते आए हैं और निभाते रहेंगे लेकिन उन दोनों दलों ने इसे नहीं निभाया जिसके कारण गठबंधन टूट गया। गठबंधन का लंबा चलना परिस्थितियों व राजनीतिक पार्टी की सोच पर निर्भर रहता है। मैं नहीं मानता कि मेरी और मनोहर लाल जी की सोच में कोई अंतर है।

सवाल : ग्रामीण इलाकों में शराब के ठेकों पर तालाबंदी कब होगी?
जवाब : शराब और नशे पर लगाम लगाना हमारे जनसेवा पत्र तथा भाजपा के संकल्प पत्र में भी था। मनोहर लाल ने विधानसभा में भी यह बात कही। अगर मीडिया हमारा साथ दे,ग्राम पंचायतों से ज्ञापन लिया जाए कि अगले 5 वर्षों में गांव में शराब का ठेका ना खुले तो हम इसे लागू करके दिखाएंगे। 6,847 ग्राम सभाओं में एक साल के भीतर ही 50 प्रतिशत रोक हमारी गठबंधन की सरकार लगाएगी।

सवाल :  आपके गृह जिले सिरसा में नशा सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। चिट्टा खूब पैर पसार रहा है उसे रोकने के लिए आप क्या करेंगे?
जवाब : पंजाब का बॉर्डर अंबाला से शुरू होता है। अंबाला से डबवाली तक 12 विधानसभाओं में नशे का कारोबार सबसे ज्यादा बढ़ा है। मैं डी.जी.पी. से आग्रह करूंगा कि नशा तस्करों का डाटा तैयार किया जाए। नशा तस्करों पर रोक कैसे लगाई जाए इस पर सख्त फैसला लिया जाएगा।

सवाल : नशे के खिलाफ पंजाब की तर्ज पर क्या हरियाणा में कानून लाएंगे?
जवाब :  नशे के खिलाफ हरियाणा सरकार सख्त कदम उठाएगी। पंजाब की तरह हमारी सरकार भी नशे के खिलाफ कड़ा कानून लाएगी। नशा तस्कर पर बड़े से बड़ा दंड लगवाने का हमारी सरकार काम करेगी।

सवाल : प्रदूषण रोकने के लिए हरियाणा सरकार क्या कदम उठाएगी?
जवाब : प्रदेश के अलग-अलग ब्लॉक में पायलर्स भिजवाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद हमने पराली को खरीदने का निर्णय लिया है। 100 रुपए किं्वटल रेट सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है लेकिन हम उससे ज्यादा देंगे। आने वाले दिनों में पराली जलाने की समस्या खत्म की जाएगी। मैं मानता हूं कि ये अच्छा तरीका है। किसानों को जो जरूरत है उसे सरकार पूरा करने का हर संभव प्रयास करेगी।

सवाल : धान की खरीद ना हो पाने से किसान परेशान हैं। सरकार क्या कर रही है?
जवाब : हरियाणा प्रदेश में धान की खरीद 55 लाख मीट्रिक टन है। चुनाव के कारण सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं हो पाने से उत्तर प्रदेश का धान हरियाणा में आ गया और उसकी मात्रा 61 लाख मीट्रिक टन को पार कर गई जोकि हमारी एवरेज प्रोडक्शन से 6 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है। अब भी प्रदेश का 15 प्रतिशत धान मंडी में आना बाकी है। हमारी सरकार का वायदा है कि हम धान का एक-एक दाना खरीदेंगे और उसको ठीक ढंग से खरीदकर विभागों को भेजेंगे। अगर कोई व्यापारी गड़बड़ी कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सवाल : विधानसभा में अभय चौटाला द्वारा उठाए गए मुद्दों को कैसे देखते हैं?
जवाब : अभय चौटाला को विधानसभा में एस.वाई.एल. का मुद्दा उठाते देख मैं हैरान था जिस एस.वाई.एल. के लिए इनैलो ने अकाली दल से सारे रिश्ते तोड़े आखिर चुनाव में ऐसा क्या हुआ कि उनके साथ खड़ा होना पड़ा। आज उसी एस.वाई.एल. के मुद्दे को लेकर आते हैं। हैरानी होती है कि आज एक व्यक्ति अपनी खुद की कही हुई बात को कैसे भूल जाता है जब उसे चुनाव में वोट लेने होते हैं।

सवाल : अब जजपा भी भाजपा की सत्ता सहयोगी पार्टी है। तो क्या आप केंद्र से एस.वाई.एल. का मुद्दा हल करवाएंगे?
जवाब :  एस.वाई.एल. का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। आखिरी तारीख में सुप्रीम कोर्ट ने नहर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को 3 महीने का समय दिया था अगर सरकार निर्माण नहीं करवाएगी तो कोर्ट उस पर निर्णय लेगा। कुछ ही सप्ताह के अंदर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी आने वाला है।

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