Edited By Isha, Updated: 25 Oct, 2019 01:18 PM
हरियाणा में किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत ना मिलने की वजह से सूबे की सिसायत गरमा गई है। गुरुवार को आए नतीजों में भाजपा 40 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है
डेस्कः हरियाणा में किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत ना मिलने की वजह से सूबे की सियासत गरमा गई है। गुरुवार को आए नतीजों में भाजपा 40 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है लेकिन सरकार बनाने के लिए अब भी उसे 6 विधायकों का साथ चाहिए।
रियाणा में 10 सीटें जीतकर जननायक जनता पार्टी (JJP) न केवल राज्य में एक किंगमेकर के रूप में उभरा है, बल्कि इसने इस बहस को भी खत्म कर दिया है कि विरासत में मिली राजनीतिक पिच पर चौटाला कबीले का नेतृत्व कौन करेगा। JJP की आज हुई बैठक में दुष्यन्त चौटाला जी को नेता विधायक दल और ईश्वर सिंह को उपनेता अमरजीत ढांडया को मुख्य सेचतक चुना गया। बैठक के बाद दुष्यंत चौटाला अपने पिता अजय चौटाला से आशीर्वाद लेने तिहाड़ जेल के लिए निकल गए। बता दें कि शुक्रवार शाम 4 बजे दुष्यंत चौटाला प्रेस कांफ्रेंस करेंगे और पार्टी की आगे रणनीति के बारे में बताएंगे। चौटाला के नेतृत्व वाले इनेलो को भी इस चुनाव में कोई खास सफलता नहीं मिली। केवल दुष्यंत के चाचा अभय चौटाला ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से अपनी पार्टी के लिए एक सीट जीतने में कामयाब रहे, जबकि इनेलो को 18 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।
ऐसे में पार्टी आलाकमान ने पार्टी के बागी विधायकों और अन्य को साधने की कसरत शुरू कर दी है वहीं जननायक जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक की जिसमें सभी विधायक मौजूद रहे। दुष्यंत से पूछा गया कि क्या आप से अबतक भारतीय जनता पार्टी ने या पार्टी के किसी भी नेता ने संपर्क करने की कोशिश की है? इसपर चौटाला ने कहा कि नहीं मेरी इस बारे में भाजपा से कोई बात नहीं हुई है। वहीं क्या आप भाजपा को समर्थन देंगे ये पूछे जाने पर चौटाला ने साफ किया कि अभी तक उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं सोचा है और वह भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे।