Edited By Shivam, Updated: 25 Aug, 2018 10:40 PM
ट्रिप्पल तलाक और हलाला जैसे कानूनों में पिस रही मुस्लिम महिलाओं में एक महिला ने धर्म परिवर्तन की बात कही है। हरियाणा के यमुनानगर में पति की बेरूखी के चलते एक बैंक ऑफिसर लड़की ट्रिप्पल तलाक को लेकर अटके कानून का ताज़ा शिकार बनी हुई हैं। अपनी एक साल...
यमुनानगर(सुमित): ट्रिपल तलाक और हलाला जैसे कानूनों में पिस रही मुस्लिम महिलाओं में एक महिला ने धर्म परिवर्तन की बात कही है। हरियाणा के यमुनानगर में पति की बेरूखी के चलते एक बैंक ऑफिसर लड़की ट्रिपल तलाक को लेकर अटके कानून का ताज़ा शिकार बनी हुई हैं। अपनी एक साल की बच्ची को गोद में लेकर बैंक में जॉब कर रही पडि़ता सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रही हैं कि, ट्रिपल तलाक पर कानून जल्द लागू कर उसकी एवं उसकी बेटी की जिंदगी बर्बाद होने से रोकी जाए। उसने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो वह अपनी तरह अपनी बच्ची को ट्रिपल तलाक और हलाला जैसी जहन्नुम की आग में जलने नहीं देगी, वह अपनी बच्ची सहित अपना धर्म परिवर्तन कर लेगी। पीड़िता का आरोप हैं कि उसके पति ने कागज़ के एक टुकड़े पर तीन बार तलाक लिखकर उसे कोरियर कर दिया, और अब वह दूसरी शादी की तैयारियां कर रहा हैं।
दस रूपए के इस स्टांप पेपर ने बैंक ऑफिसर एक मुस्लिम लड़की एवं उसकी सवा साल की फूल सी बच्ची की जिंदगी सड़क पर लाकर खड़ी कर दी हैं। सॉयरा खान (काल्पनिक नाम) की माने तो इसके पति ने इस ईसटाम पेपर में तीन बार तलाक लिखकर उसकी मां के घर कोरियर कर दिया। स्टांप पेपर के साथ 51 सौ रूपए का चेक यह लिखकर अटैच कर दिया कि यह रकम उसे निकाह के समय तय की गई मेहर के मुताबिक भेजी जा रही है। मात्र 51 सौ 10 रूपए में सॉयरा के पति ने अपनी पत्नी और बच्ची की पूरी ज़िंदगी की कीमत अदाकर दोनों से अपना दामन छुड़ा लिया।
सॉयरा का कहना है कि वह एक पढ़ी-लिखी लड़की हैं, और वह इस तलाक को नहीं मानती। लेकिन इस तीन-तलाक के पीछे छिपे अपने ससुराल वालों के मनसूबे यह खूब समझती हैं। सॉयरा की माने तो इसके ससुराल वालें दहेज के लालची लोग हैं, और दूसरी बहू से दहेज में कार लेने के चक्कर में हैं और इसे बेटे की जगह बेटी पैदा होने के कारण तीन-तलाक का सहारा लेकर इससे अपना रिश्ता तोड़ रहें हैं।
सॉयरा अभी भी अपना घर बसाना चाहती हैं, औऱ इसी कारण उसने नई कार भी खरीद ली थी कि शायद कार के लालच में ससुराल वाले उसे व उसकी बच्ची को अपना लें। सॉयरा ने यह भी बताया कि वह अपने घर को बचाने के लिए हर महीने अपने लालची ससुराल वालों को अपनी पूरी सेलरी तक देती रही, मगर उनके दिल में इसके लिए हमदर्दी नहीं आई।
सॉयरा ने सरकार से गुहार लगाते हुए सवाल खड़े किए हैं कि वह और उसकी बच्ची देश की मुस्लिम बेटियों को बचाने के लिए तीन तलाक जैसे कानून को क्यों नहीं बैन किया जा रहा? सॉयरा ने चेतावनी भी दी, कि अगर अभी भी उसके समाज के लोग तीन तलाक और हलाला जैसी रूढि़वादी सोच से बाहर नहीं आए, तो वह अपनी बेटी के साथ किसी ऐसे धर्म में चली जाएगी, जहां वह दोनों सुरक्षित हों। सॉयरा आज भी वो क्षण याद कर भावुक हो उठती हैं, जब बेटी के जन्म के बाद इसने खुशी-खुशी पति को फोन पर इसकी सूचना दी, और उसने यह बोलकर फोन काट दिया कि उनके घर बेटियां पैदा ही नहीं होती।