गेहूं के भुगतान को लेकर मंडी आढ़तियों ने की नारेबाजी

Edited By kamal, Updated: 25 Apr, 2019 01:34 PM

sloganeering by the market stalwarts about the payment of wheat

सरकार की ऑनलाइन स्कीम मंडियों में कदम रखते ही पहले चरण में बुरी तरह से फेल होती नजर आ रही है। सरकार...

ढांड(विनोद): सरकार की ऑनलाइन स्कीम मंडियों में कदम रखते ही पहले चरण में बुरी तरह से फेल होती नजर आ रही है। सरकार के 72 घंटे में भुगतान के दावे फेल हो गए हैं। जिसके विरोध में आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रकट किमंडी आढ़तियों बीरबल, नरेश घराड़सी, सुनील कुमार, कर्मबीर, राजकुमार, सतीश, ईश्वर, बलवान, खजान, रवि ने बताया कि सरकार द्वारा इस नई स्कीम के तहत गेहूं की खरीद को शुरू किए 12 दिन हो चुके हैं लेकिन खरीद की गई गेहूं का एक नया पैसा आढ़तियों के खाते में आज तक नहीं आया। 

जिससे मंडी में आढ़ती तथा किसान पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं। किसान मंडियों में गेहूं के पैसों की मांग आढ़तियों से कर रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा गेहूं का भुगतान समय न किए जाने से आढ़तियों की तिजोरी भी खाली पड़ी है। ऐसे में आढ़ती किसानों को एक ही बात कह रहे हैं कि सरकार की ऑनलाइन स्कीम से उनके खाते में जैसे ही राशि आएगी तुरंत भुगतान कर देंगे। आपको बता दें कि सीजन शुरू होने से पहले ही प्रदेशभर के आढ़तियों ने सरकार की इस स्कीम का विरोध करते हुए मंडियों में हड़ताल की थी। 

उस समय प्रदेश स्तर पर आढ़तियों की हड़ताल को देखते हुए सरकार ने इस स्कीम को टालने की बात कहकर मंडियों में हड़ताल समाप्त करवाई थी लेकिन सरकार ने आश्वासन के बावजूद ऑनलाइन स्कीम को लागू किया। जिसका खमियाजा आज आढ़तियों व किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

क्या कहना हैं खरीद एजैंसियों का
जब इस बारे में डी.एफ.एस.सी. विरेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि ऑनलाइन स्कीम नई-नईशुरू हुई है। जिसके लिए कुछ समस्या तो आ रही है। आज 6 आढ़तियों के खाते में पेमैंट डाल दी गई है। उम्मीद है कि कल 298 आढ़तियों के खाते में भी पेमैंट आ जाएगी। इसके बाद पेमैंट की समस्या धीरे-धीरे हल हो जाएगी।

बारदाने की कमी के चलते किसानों व आढ़तियों को आ रही है परेशानी
पूंडरी(अतुल): अनाज मंडी में बुधवार को दूसरे दिन भी बारदाने की कमी के चलते किसानों की ढेरियां तुलने के बैगर पड़ी रही, वहीं आढ़ती बारदाना प्राप्त करने के लिए खरीद अधिकारियों के आगे पीछे फिरते नजर आए। सबसे अधिक बारदाने की कमी डी.एफ.एस.सी. एजैंसी की तरफ से आ रही है। बारदाने की कमी के चलते किसानों की ढेरियां भरने के लिए आढ़ती आपस में भी एक दूसरे से उधारा बारदाना ले रहे हैं। मंडी में लगभग 50 हजार कट्टे गेहूं के पड़े हैं।

फूड ग्रेन डीलर एसोसिएशन के प्रधान बाबू राम उर्फ रूप चंद ने कहाकि खरीद एजैंसियों को पहले से ही बारदाने का प्रबंध करके रखना चाहिए थे। अधिकारी 2 दिनों से संतोषजनक जवाब देने की बजाय टालमटोल कर रहे हैं। डी.एफ.एस.सी. के खरीद अधिकारी बजेंद्र सिंह से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि विभाग के पास कट्टे नहीं है। जिस कम्पनी के पास बारदाने का टैंडर है।

कोलकाता की उस कम्पनी से बारदाना का रैक लगा हुआ है जो कि शुक्रवार तक कैथल पहुंच जाएगा। बारदाने की कमी से निपटने के लिए एफ.सी.आई. से उधारा बारदाना लेने की बात चल रही है। इसके अलावा फरीदाबाद से बारदाना भी मंगवाया गया है। अब तक वे 4 लाख कट्टे मंडी में वितरित कर चुके हैं और उन्हें लगभग 75 हजार कट्टों की जरूरत और है।  

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