Edited By Shivam, Updated: 14 Apr, 2018 09:04 PM
कॉमनवैल्थ गेम्स में भारतीय पहलवान सुमित मलिक ने 125 किग्रा. वर्ग में गोल्ड मैडल जीता है, सुमित को फाइनल मुकाबले में नाइजीरिया के सिनी बोल्टिक ने टक्कर देनी थी। लेकिन बोल्टिक ने चोट के कारण मैच लडऩे से इंकार कर दिया। इस तरह बिना फाइनल खेले ही सुमित...
रोहतक(दीपक भारद्वाज): कॉमनवैल्थ गेम्स में भारतीय पहलवान सुमित मलिक ने 125 किग्रा. वर्ग में गोल्ड मैडल जीता है, सुमित को फाइनल मुकाबले में नाइजीरिया के सिनी बोल्टिक ने टक्कर देनी थी। लेकिन बोल्टिक ने चोट के कारण मैच लडऩे से इंकार कर दिया। इस तरह बिना फाइनल खेले ही सुमित ने गोल्ड पर कब्जा जमा लिया।
गोल्ड कोस्ट में जैसे ही सुमित की जीत घोषणा हुई तो रोहतक जिले के कारोर गांव में खुशी का ठिकाना ना रहा। महिलाओं ने गीत गाने शुरू कर दिए और लड्डू बांट कर अपनी खुशी का इजहार किया।
पिता व मौसी मां ने कहा कि जब बेटा घर लोटेगा तो पलकों पर बिठाएंगे, सुमित ने विश्व देश प्रदेश व गांव का नाम रोशन किया है।
सुमित कुमार की मां का बचपन में ही देहांत हो गया था, जिसके बाद सुमित को बचपन में ही उसके नाना-नानी पालने के लिए दिल्ली ले गए। जहां मामा नरेंद्र छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान थे, सुमित भी अपने मामा जैसा पहलवान बनना चाहा। मामा नरेंद्र ने भी उसकी इच्छा पूरी की और अपने साथ ही पहलवानी शुरू करवा दी। आज सुमित ने गोल्ड कोस्ट में भारत का झण्डा लहरा दिया।
सुमित की मोसी मां सुनीता का कहना है कि इस जीत का श्रेय वे सुमित के नाना नानी व मामा को देते हैं। आज उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है, लोग बधाई देने आ रहे है। उनका कहना है कि एशियाड व ओलंपिक में भी सुमित इसी तरह का प्रदर्शन करेगा।
वहीं पिता किताब सिंह का कहना है कि आज बेटे की इस जीत ने पूरे गांव को खुशी मनाने का मौका दिया है। पूरे गांव में लड्डू बांटे जा रहे हैं। इस जीत का पूरा श्रेय सुमित के मामा को जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब सुमित गांव लौटेगा तो ढोल नंगाड़ों से स्वागत किया जाएगा।