दुष्यंत का आह्वान: प्रदेश के उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों को जबरन अवकाश पर न भेजा जाए

Edited By Shivam, Updated: 31 Mar, 2020 11:01 AM

workers employed in industries of state should not be sent on forced leave

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के उद्योग संघ के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे कोरोना के चलते राष्ट्रीय स्तर पर किए गए लॉकडाऊन के दौरान अपने-अपने संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों को जबरन अवकाश पर न भेजें।

चंडीगढ़ (बंसल): हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के उद्योग संघ के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे कोरोना के चलते राष्ट्रीय स्तर पर किए गए लॉकडाऊन के दौरान अपने-अपने संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों को जबरन अवकाश पर न भेजें। 

राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार की ओर से हर जिले के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक-एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। किसी भी प्रकार की समस्या उद्योग जगत उनके समक्ष रख सकता है जिसे केन्द्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। हाल ही में, निर्यातकों के लिए भी केन्द्रीय जहाज रानी मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

उपमुख्यमंत्री आज उद्योग, श्रम एवं रोजगार विभाग तथा उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ यहां हरियाणा सिविल सचिवालय, चण्डीगढ़ की चौथी मंजिल स्थित कमेटी कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में श्रम एवं रोजगार मंत्री अनूप धानक भी उपस्थित थे।

प्राइवेट सिक्योरिटी आवश्यक वस्तु अधिनियम की श्रेणी में शामिल
बैठक मे उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन के दौरान उद्योगों की सुरक्षा के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी को भी आवश्यक वस्तु अधिनियम की श्रेणी में रखा गया है। जहां-जहां उद्योगों में सुरक्षा की बात है वे अपने ई.एस.ई. अधिकारी को सूचित करें और संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कदम उठाने के लिए अवगत करवाया जाएगा।

बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने अवगत करवाया कि जिन संस्थानों के सरकार के साथ किए गए अनुबंध की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही है उनके अनुबंध में से लॉकडाऊन अवधि को हटा दिया जाएगा और आगे के लिए अनुबंध स्वत: लॉकडाऊन अवधि तक मान्य रहेगा। दुष्यंत चौटाला ने फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम, रेवाड़ी, करनाल, यमुनानगर, अम्बाला तथा पंचकूला के उद्योग संघ के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

अधिक मूल्य वसूलने वाले दुकानदारों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
दुष्यंत चौटाला ने बैठक में इस बात की भी जानकारी दी कि सभी जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे थोक एवं खुदरा व्यापारियों की दुकानों पर रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं राशन, करियाना व सब्जी के भाव की सूची सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों के अनुरूप प्रतिष्ठानों पर चिपकाना सुनिश्चित करें ताकि दुकानदार ग्राहकों से अधिक मूल्य न वसूल सके। उन्होंने कहा कि अगर दुकानदार अधिक मूल्य वसूलते हैं तो उनके विरुद्ध महामारी अधिनियम के उल्लघंन के अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जाने वाले अप्रैल माह का राशन का कोटा 5 अप्रैल तक तथा मई माह में वितरित किए जाने वाला कोटा भी 15 अप्रैल से पहले डिपो होल्डर के पास पहुंच जाएगा।

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