Edited By Mohammad Kumail, Updated: 27 Apr, 2023 03:11 PM

यमुनानगर में विभिन्न संगठनों की महिला प्रतिनिधियों गुरुवार को समलैंगिक विवाह के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। साथ ही महिलाओं राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : समलैंगिक विवाह को लेकर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और केंद्र सरकार का फैसला आने वाला है। जिसमें समलैंगिक विवाह की अनुमति दी जा सकती है। इसी के खिलाफ सभी सामाजिक, धार्मिक महिला संगठनों की महिलाएं सड़कों पर हैं। जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के नाम ज्ञापन भेजे जा रहे हैं।
किसी भी दृष्टि से समलैंगिक विवाह सही नहीं
जिला सचिवालय में गुरुवार को विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक संस्थाओं की महिला प्रतिनिधियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। उसके बाद राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर महिला संगठनों की नेताओं का कहना था कि समलैंगिक विवाह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। प्रकृति ने जो नियम और सिस्टम बनाया है यह उसके खिलाफ है। देश की संस्कृति के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि यह भविष्य में युवा पीढ़ी को भारी नुकसान पहुंचाने वाला साबित होगा। इसको लेकर पूरे भारत में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि इस तरह के विवाह की अनुमति न दी जाए। यह किसी भी दृष्टि से सही व उचित नहीं है।
समलैंगिक विवाह का कोई लाभ नहीं
वहीं महिला संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि देश की संस्कृति व प्राकृतिक नियम इससे बुरी तरह प्रभावित होंगे। इसलिए इसे किसी भी स्थिति में लागू नहीं किया जाना चाहिए। इसका कोई लाभ नहीं है सिर्फ नुकसान ही नुकसान है।
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