अतीत के झरोखे से: जब बंसीलाल ने बेटे की जनसभा में कर दिया था शराबबंदी हटाने से मना

Edited By Isha, Updated: 20 Oct, 2019 10:34 AM

when bansi lal refused to remove liquor ban in son s public meeting

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल अपनी बात के धनी और जिद के इतने पक्के थे कि 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भिवानी से हविपा प्रत्याशी अपने बेटे सुरेंद्र सिंह की कमजोर हालत होने के बावजूद शराबबंदी

जींद(जसमेर): प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल अपनी बात के धनी और जिद के इतने पक्के थे कि 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भिवानी से हविपा प्रत्याशी अपने बेटे सुरेंद्र सिंह की कमजोर हालत होने के बावजूद शराबबंदी हटाने से साफ मना कर दिया था।1998 के लोकसभा चुनाव में भिवानी से हविपा प्रत्याशी के रूप में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह मैदान में थे। उनका मुकाबला इनैलो के डा. अजय सिंह चौटाला के साथ था। चुनावी दौर में तोशाम हलके के एक गांव में चौ. बंसीलाल सभा को संबोधित कर रहे थे।

उस दिन मंच पर मौजूद प्रदेश के पूर्व मंत्री रामकिशन बैरागी बताते हैं कि मंच पर बैठे चौ. बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह ने बंसीलाल सरकार में मंत्री जगन्नाथ से कहा कि वह उनके पिता के कान में यह बात कह दें कि शराबबंदी से काफी लोग नाराज हैं और इसको हटा दिया जाए तो हविपा को फायदा होगा। 

जगन्नाथ ने सुरेंद्र सिंह की यह बात चौ. बंसीलाल के कान में कही तो माइक से ही चौ. बंसीलाल ने बोल दिया कि जगन्नाथ शराबबंदी हटाने की बात कह रहे हैं और बता रहे हैं कि शराबबंदी हट गई तो हविपा व सुरेंद्र सिंह की जीत आसान हो जाएगी लेकिन मेरा नाम बंसीलाल है। 200 बार चुनाव हार जाऊं तो भी शराबबंदी नहीं हटाऊंगा, तब सुरेंद्र सिंह को लोकसभा चुनाव में भिवानी से इनैलो के अजय सिंह चौटाला पर मामूली मतों के अंतर से जीत मिल पाई थी। उल्लेखनीय है कि 1996 में प्रदेश में शराबबंदी के नारे की हवा पर सवार होकर ही चौ. बंसीलाल और उनकी हविपा सत्ता में आए थे। 

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