महाभारत के धर्तराष्ट्र ने जो पुत्र मोह में किया वहीं कांग्रेस हरियाणा और देश में कर रही है: कृष्ण बेदी

Edited By Isha, Updated: 06 Feb, 2025 06:16 PM

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दिल्ली के विधानसभा चुनाव और हरियाणा के अलावा देश भर में कांग्रेस के हालात को लेकर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने जमकर कटाक्ष किया है। बेदी ने कांग्रेस को महाभारत

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): दिल्ली के विधानसभा चुनाव और हरियाणा के अलावा देश भर में कांग्रेस के हालात को लेकर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने जमकर कटाक्ष किया है। बेदी ने कांग्रेस को महाभारत के धर्तराष्ट्र की संज्ञा देते हुए कहा कि महाभारत में धर्तराष्ट्र ने किया, वहीं कांग्रेस हरियाणा और देश में कर रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से लौटे हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी से देश के मौजूदा राजनीतिक हालात समेत कईं अन्य मुद्दों पर हमने खास बातचीत की। बेदी ने हर सवाल का बेबाकी के साथ जवाब दिया। पढ़िए यह साक्षात्कार...।

 

सवालः-बेदी जी कैसा लगता है, क्या 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा अपना झंडा बुलंद कर पाएगी ?
जवाबः-
हमारी केंद्रीय टीम और दिल्ली के नेताओं के साथ हरियाणा की टीम ने जबरदस्त काम किया है। मैं खुद करीब 35 दिन तक दिल्ली चुनाव में लगाकार आया हूं। करीब 32 विधानसभा सीट पर व्यक्तिगत तौर पर लोगों के बीच गया हूं। वहां पर हर वर्ग में अरविंद केजरीवाल को लेकर नाराजगी है। लोगों का मोह भंग हो चुका है। इस बार 100 फीसदी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है।

सवालः- किन मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। अब तो मतदान हो चुका है। केवल मतगणना का इंतजार है।
जवाबः
-12 साल लगातार इस व्यक्ति ने दिल्ली के लोगों को बहकाने का काम किया है। गुमराह करने का काम किया है। जब कुछ देने की बात आई तो यह मैदान छोड़कर भाग जाता है। फिर दोषारोपण केंद्र पर करता है। दोषारोपण वहां के एलजी पर करता है। कहता है मेरी फाइलें नहीं निकालता। जब अपने मंत्री और विधायकों की सैलरी बढ़ानी होती है, तब तो फाइल निकल जाती है। शराब घोटाले में शराब की कोई नीति परिवर्तित करनी होती है तो फाइल निकल जाती है। परंतु जनता के लिए राहत देने की बात है तो कहता है नहीं। पहले आरोप लगाता था कि एमसीडी मेरे पास नहीं है। दिल्ली के नगर निगम मेरे पास नहीं है। कैसे काम करू ? अब दिल्ली की नगर निगम उसके पास है। बदबू वाला पानी, सीवरेज ओवर फ्लो, नालिया ओवरफ्लो और सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। पार्कों की बुरी स्थिति है। सड़कों की बुरी स्थिति है। दिल्ली में लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। लोगों का पूरी तरह से केजरीवाल से मोह भंग हो चुका है। इस बार जैसे लोगों ने जमकर मतदान किया है 100 प्रतिशत दिल्ली में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनेगी। लोगों ने मोदी जी और बीजेपी पर विश्वास किया है। बीजेपी की नीतियों पर विश्वास किया है।

सवालः-यमुना का पानी एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। आप वहां प्रेक्टिक्ली रहे हैं। राजनीति में भी हैं। आपकों यह मुद्दा इतना बड़ा लगता है कि यमुना का मुद्दा, जितना उठाया गया, राजनीति में आना चाहिए था।
जवाबः-
उस आदमी की अपनी कमजोरियां है। अपनी कमजोरी छिपाने के लए कितना बड़ा आरोप लगाया। मानव जाति पर कलंक लगाने का काम किया है। हरियाणा सरकार को कहां यमुना में जहर घोल रही है और दिल्ली के लोगों को मारना चाहती है। 34 प्रतिशत लोग दिल्ली में हरियाणा से गए हुए है। दिल्ली देश की राजधानी है। दिल्ली में हम सभी आते-जाते रहते हैं। क्या हम जहर पीने जाते हैं। वह आदमी झूठा भी है और मक्कार भी है, जिस प्रकार से लोगों ने उसका झूठ पकड़ा फिर मैदान छोड़कर भाग गया। कहता है मुझे फांसी लगा दोगे क्या ? वह अपने बयानों पर खुद घइरा और पहली बार ऐसा हुआ कि केजरीवाल जी अपने बयान कर खुद फंस गए हो। इसलिए अब कोई मुद्दा नहीं बचा है। दिल्ली में डबल इंजन की सरकार बनेगी। 100 फीसदी बनेगी।

सवालः-यमुना का पानी पूरी तरह से प्रदूषित है। पूरी तरह जहरीला है। इस मुद्दे पर शाहबाद में एफआईआर भी हुई है।

जवाबः-हरियाणा प्रदेश की जनता में बहुत रोष था। उन्होंने हमारी सरकार पर ही आरोप नहीं लगाया बल्कि हरियाणा के अस्तित्व पर और हरियाणा की एक विचारधारा पर उसने ऐसा आरोप लगाने का काम किया। एफआईआर शाहबाद में हुई है। लोगों में रोष है और केजरीवाल इसे भुगतेगा। राजनीति में एक प्रकार की सीमा होती है। हम विपक्ष में भी रहे हैं। 40 से 45 साल देश में भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में रही है। हरियाणा में भी बीजेपी विपक्ष मेंरही है। हमसे ज्यादा विपक्ष किसी ने काटा ही नहीं। परंतु देश, प्रदेश और समाज हित में कभी इस प्रकार की नीच हरकत हमने नहीं की। हमारे नेतृत्व ने समुचित संपूर्ण देश की राजनीति की है। आगे बढ़ते हुए लोगों के जनहित के मुद्दे उठाने का काम किया। इस प्रकार के उल जलूल बयान देकर अपनी गरिमा कम नहीं की। केजरीवाल जी ने हरियाणा प्रदेश का होते हुए हरियाणा के ही लोगों का अपमान किया है और लोग उसे सजा देंगे।

*महाभारत के धर्तराष्ट्र ने जो पुत्र मोह में किया वहीं कांग्रेस हरियाणा और देश में कर रही है – कृष्ण बेदी*

4 तारीख शाम से लेकर हम लगातार बैठक कर रहे हैं। 3 को भी बैठक हुई थी। 4 को भी, 5 को भी हुई। हर जिला हेडक्वार्टर पर पर्यवेक्षक के तौर पर लोगों से आवेदन लेने के लिए, जो पार्षद का चुनाव लड़ना चाहते हैं और मेयर का चुनाव लड़ना चाहते हैं और काउंसलर का चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन सभी से आवेदन मांगे जा रहे हैं। 2 दिन उस पर मंथन के बाद 8 फरवरी को उसकी छटनी करेंगे औ र 9 फरवरी को दिल्ली में चुनावा समिति की बैठक में जो पैनल होंगे, उनमें मेयर के पैनल को केंद्र के पास भेज देंगे। वहीं से मेयर की टिकट का फैसला होगा। नगर पालिका और नगर परिषद की टिकट पर हरियाणा की चुनाव कमेटी फैसला करेगी। सभी को निमंत्रण दिया गया है, जो बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन सभी के आवेदन लेंगे और समीकरण के हिसाब से जिताऊ उम्मीदवार होने के साथ-साथ उन्हें हम अपना सिंबल देंगे।

सवालः-हरियाणा में भी बजट सत्र आने जा रहा है। तारीख घोषित होनी रह गई है, क्यूंकि चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें देखा जाए कांग्रेस के पास अभी ना सेनापति है और ना ही सेना प्रमुख।

जवाबः-देखिए, ये हास्यस्पद बात है कि कांग्रेस को तो कहते हुए शर्म आने लगी है। वह कांग्रेस नहीं रही। अब वह परिवार से भी ऊपर उठ गया एक दल है और सवा सौ साल पुरानी पार्टी की क्या स्थिति हो गई है ? 37 नेताओं में से एक नेता प्रतिपक्ष चुनना है और वह भी चुनने वाले लोग 3 लोग है, उनमें से किसी एक को चुनना है। परंतु कांग्रेस नेता, नेतृत्व और नीति विहिन हो चुकी है। अब वह कैसे यह फैसला नहीं कर पा रही। पहले कहते थे महाराष्ट्र चुनाव के बाद फैसला ले लेंगे। अब कहते हैं कि दिल्ली चुनाव के बाद फैसला लेंगे। मुझे लगता है कि 5 साल के बाद भी ये नेता प्रतिपक्ष के बारे में सोच सकते है।

सवालः-कांग्रेस की इन चीजों के लए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं, क्योंकि वह भी मौजूदा राजनीतिक हालात पर लगातार नजर बनाए रखते हैं।

जवाबः-महात्मा गांधी जी ने कहा था कि देश की सत्ता से ज्यादा विपक्ष की जिम्मेदारी होती है। शायद हम से ज्यादा विपक्ष किसी ने नहीं झेला। लंबे समय  तक केंद्र में भी विपक्ष में रहे और प्रदेश ममें भी विपक्ष में रहे। परंतु हर चीज की एक सीमा होती है। इस पार्टी का कोई वारिस नही बहचा। अब जिन नेताओं के हाथ में कांग्रेस है। वह खुद ही विचलित है। दिशाहीन है। अब वह पंजाब में केजरीवाल के साथ लोकसभा चुनाव लड़ते हैं। हरियाणा और दिल्ली में भी साथ लोकसभा चुनाव लड़ते हैं। अब दिल्ली विधानसभा में खिलाफ चुनाव लड़ते हैं। पूरे देश के इंडी गठबंधन को उन्होंने बनाया। अगले दिन वह बिखर भी गया। इतनी ताकत लगाने पर भी कांग्रेस की केवल 99 सीट ही आई। आज के जो हालात है, पूरे देश में कांग्रेस नेता विहिन है। विपक्ष का कमजोर होना लोकतंत्र के लिए एक बहुत बड़ा खतरहा है।

सवालः-हरियाणा का भी बजट सत्र आने वाला है। मुख्यमंत्री ही वित्त मंत्रा भी है। हरियाणा का कैसा बजट आना चाहिए ?

जवाबः-जनता, किसान, कर्मचारी के हित का बजट होगा। आम व्यक्ति के लिए मिडिल क्लास के लिए प्रोविजन लाया जाएगा। स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बच्चें कैसे रोजगारमुखी हो, इसका प्रावधान किया जाएगा।

सवालः-दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का आप या कांग्रेस किसके साथ मुकाबला रहा।

जवाबः-दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस नहीं लड़ रही थी। कांग्रेस की बहुत दयनीय स्थिति थी। हां कहीं पर उन्होंने आम आदमी पार्टी के साथ हाथ मिला लिया हो तो अलग बात है।

 

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