पाकिस्तान का पानी रोकने पर पांच राज्यों में पानी की समस्या होगी खत्म

Edited By Shivam, Updated: 23 Feb, 2019 03:40 PM

water problem will be solved in five states over pakistan water stop

पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री नितिन गटकरी द्वारा पाकिस्तान को भारत की नदियों के माध्यम से जाने वाले पानी को रोके जाने के बयान का एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति ने स्वागत किया। समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र नाथ ने कहा कि रावी,...

भिवानी(अशोक): पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री नितिन गटकरी द्वारा पाकिस्तान को भारत की नदियों के माध्यम से जाने वाले पानी को रोके जाने के बयान का एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति ने स्वागत किया। समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र नाथ ने कहा कि रावी, व्यास व सतलुज नदी का पानी जो बहकर पानी जाता है, उसका प्रयोग अब देश के पांच राज्य हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, जम्मू व दिल्ली कर पाएंगे।

भिवानी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में प्रोजेक्टर के माध्यम से समिति के अध्यक्ष ने इन नदियों के नक्शे पत्रकारों को साथ सांझा करते हुए कहा कि 1960 में हुई भारत-पाक संधि के तहत रावी, व्यास व सतलुज नदियां भारत के हिस्से आई थी तथा चिनाब, झेलम व सिंधु नदियां पाकिस्तान के हिस्से आई थी। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री द्वारा भारत के हिस्से की नदियों का पानी पाकिस्तान में जाने से रोकना अंतर्राष्ट्रीय संधि का पूर्ण पालन करना ही होगा।

इस मौके पर उनका कहना था कि उनके द्वारा चलाई जा रही एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति ने पिछले तीन सालों की अपनी रिसर्च के दौरान हरियाणा में एसवाईएल का पानी आए इसका रास्ता खोजने का कार्य किया था। इस बारे में केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री के भी लिखा था। अब पाकिस्तान का पानी रोके जाने से उनकी इस मुहिम को बल मिला है। उन्होंने कहा कि इन नदियों के माध्यम से 35 लाख एकड़ फसल को सिंचित करने वाली 6500 क्यूसिक पानी पाकिस्तान में बहकर जाता है।

जल संसाधन मंत्रालय द्वारा इस पानी को रोके जाने तथा इस पानी के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए उनकी समिति जल्द ही केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से मिलेगी तथा भारत को बचने वाले इस अतिरिक्त पानी के प्रबंधन के बारे में अपनी रिसर्च उन्हें सौंपेेंगी, ताकि देश के पांच राज्यों में पानी की समस्या खत्म हो सके।

उन्होंने कहा कि भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड की मदद से पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोककर हरियाणा के हिस्से का पानी लिफ्ट इरीगेशन व बड़ी पाईपों के माध्यम से यमुना में डाला जा सकता है। यह कार्य मात्र चार महीनों में भी पूरा किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोककर इसे यमुना में डालने के अलावा टांगरी, घग्गर व मारकंडा जैसी बरसाती नदियों में डालकर राजस्थान में भी पानी पहुंचाया जा सकता है।

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