Edited By Yakeen Kumar, Updated: 06 Mar, 2025 09:15 PM

जींद नगर परिषद क्षेत्र में बंदर पकडऩे के मामले की जांच विजिलेंस द्वारा की जाएगी। हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा ने बंदर पकडऩे के मामले की जांच को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था।
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : जींद नगर परिषद क्षेत्र में बंदर पकडऩे के मामले की जांच विजिलेंस द्वारा की जाएगी। हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा ने बंदर पकडऩे के मामले की जांच को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। जिस पर कार्रवाई शुरू हो गई है। आरोप लगे थे कि बंदर पकडऩे के मामले में घोटाला किया गया है।
गौरतलब है कि जींद शहर में नगर परिषद द्वारा छह हजार बंदर पकड़वाने के दावे किए गए थे लेकिन 6 हजार बंदर पकडऩे के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिली थी। शहर में बंदरों के झुंड लगातार घूम रहे थे और आए दिन लोगों को काट भी रहे थे। जिस पर शहर के लोगों द्वारा मामला डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा के संज्ञान में लाया गया था। लोगों का कहना था कि बंदर पकडऩे के मामले में घोटाला किया गया है। क्योंकि अगर इतनी संख्या में बंदरों को पकड़ा गया है तो शहर में बंदरों का आतंक क्यों है।
नगर परिषद ने बंदरों को पकडऩे के लिए कंपनी को ठेका दिया था, उस कंपनी को प्रति बंदर 1700 रुपये का भुगतान नगर परिषद द्वारा किया गया था। इस हिसाब से एक करोड़ से ज्यादा के बंदर नगर परिषद द्वारा पकड़वाए गए थे लेकिन हैरानी की बात थी कि छह हजार बंदर पकड़े जाने के बाद भी शहर के लोगों को बंदरों से निजात नही मिली थी। अब मुख्य सचिव कार्यालय की तरफ से एसीबी के एडीजीपी को पत्र लिखकर इस मामले की जांच के लिए कहा गया है। मुख्य सचिव कार्यालय ने डिप्टी स्पीकर की शिकायत का हवाला देकर सभी दस्तावेज एसीबी को भेज दिए हैं।
हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि यदि बंदर पकडऩे के मामले में घोटाला किया गया है तो वो विजिलेंस की जांच में सामने आ जाएगा। भ्रष्टाचार करने वाले को किसी भी सूरत में बख्शा नही जाएगा। भाजपा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दिए जाने का काम किया जा रहा है।
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