हरियाणा में 11 अफसरों समेत कई कर्मचारियों पर गिरे सकती है गाज, विजिलेंस ने भेजी रिपोर्ट

Edited By Isha, Updated: 15 Oct, 2020 04:19 PM

vigilance sent report on several employees including 11 officers in haryana

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति पर काम करते हुए हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा अपने विशेष अभियान के तहत अगस्त व सितम्बर, 2020 के दौरान 23 जांचें दर्ज की गईं और 10 जांचें पूरी कर सरकार को रिपोर्ट भेजी गई।...

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति पर काम करते हुए हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा अपने विशेष अभियान के तहत अगस्त व सितम्बर, 2020 के दौरान 23 जांचें दर्ज की गईं और 10 जांचें पूरी कर सरकार को रिपोर्ट भेजी गई। ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन जांचों में छ: राजपत्रित अधिकारियों व पांच अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच करने की सिफारिश की है तथा एक प्राइवेट व्यक्ति के विरुद्घ मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, सात विशेष चैकिंग व तकनीकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई जिनमें पांच में संतोषजनक कार्य मिला तथा शेष दो मामलों में ब्यूरो ने पांच राजपत्रित अधिकारियों व पांच अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्घ आपराधिक मुकद्दमा दर्ज कर संबंधित ठेकेदार के विरुद्घ घटिया सामग्री इस्तेमाल करने के कारण एक करोड़ नौ लाख 20 हजार रुपये की राशि वसूलने की सिफारिश की है।

उन्होंने बताया कि इसी अवधि के दौरान छ: कर्मचारियों को 2,000 रुपये से 20,000 रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथों गिरफ्तार कर उनके विरुद्घ भ्रष्टïचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं उनमें जिला पानीपत की समालखा तहसील के पटवारी सुरेश को 4500 रुपये, पुलिस थाना सदर तावडू जिला नूंह में तैनात सहायक उप-निरीक्षक को 20,000 रुपये, थाना खेड़ी पुली जिला फरीदाबाद के मुख्य सिपाही को 3300 रुपये, हरियाणा रोडवेज सिरसा के लिपिक ओमप्रकाश को 2,000 रुपये, जिला रोहतक के जिला खाद्य आपूर्ति एवं नियंत्रक कार्यालय के निरीक्षक रविकांत को 5,000 रुपये तथा पटवार हलका उचाना, जिला जींद के कानूनगो अनिल कुमार को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना शामिल है।

प्रवक्ता ने बताया कि सितम्बर के दौरान ब्यूरो द्वारा आठ जाचों में से चार जांचों में आरोप सिद्घ हुए जिनमें से दो जांचों में एक राजपत्रित अधिकारी व दो अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्घ विभागीय कार्रवाई करने तथा एक प्राइवेट व्यक्ति से 3,21,650 रुपये की वसूली करने का सुझाव दिया है तथा तीसरी जांच में दो राजपत्रित अधिकारियों व एक अराजपत्रित अधिकारी तथा एक प्राइवेट व्यक्ति से 32,13,000 रुपये की वसूली करने सहित आपराधिक मामला दर्ज करने का सुझाव दिया है जबकि चौथी जांच में दो अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्घ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है।

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