Rohtak: विश्व हिंदू परिषद ने कनाडा में हिंदू मंदिर हमले को बताया शर्मनाक, अकाल तख्त को दी ये सलाह

Edited By Saurabh Pal, Updated: 04 Nov, 2024 03:29 PM

vhp called the hindu temple attack in canada shameful gave advice to akal takht

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा है कि कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को खालिस्तानियों द्वारा हिन्दू मंदिर पर जिस तरह से हमला किया गया वह केवल शर्मनाक है। यह कनाडा सरकार की नियत पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

रोहतक (दीपक भारद्वाज) : विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा है कि कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को खालिस्तानियों द्वारा हिन्दू मंदिर पर जिस तरह से हमला किया गया वह केवल शर्मनाक है। यह कनाडा सरकार की नियत पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। मासूम बच्चे, औरत और वहां बैठे हिंदूओं पर जिस प्रकार से खालिस्तानियों ने डंडे में अन्य हथियार लेकर पुलिस की उपस्थिति में हमला किया है, यह साफ दिखाई दे रहा है कि वहां की कानून व्यवस्था कितनी जर्जर हो गई है।

ऐसा लगता है कि कनाडा भारत विरोधी व हिंदू विरोधियों का अभ्यारण बन गया है। वह जब चाहे हिंदुओं पर हमला कर सकते हैं और जब चाहे हमारे तिरंगे का अपमान कर सकते हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।  वही एक आतंकवादी निज्जर की किसी कारण से उसकी हत्या हो जाती है किसने की यह किसी को नहीं मालूम, उस कारण इतने लंबे समय से भारत को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। वहां के मंत्री भारत के गृहमंत्री को कटघरे में खड़ा करने का साहस करते हैं, इससे स्पष्ट होता है कि वहां की सरकार की शय पर ही यह खालिस्तानी आतंकवादी व राष्ट्र विरोधी गतिविधियां चलती है। ट्रूडो का बयान केवल आईवॉश करने वाला है, वह केवल अपनी खाल बचाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। 

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उन्होंने कहा कि ट्रूडो को स्वार्थ में इतना नहीं बहाना चाहिए कि उनके स्वार्थ के चलते उनकी छवि एक आतंकवादी की ना बन जाए। संपूर्ण विश्व की बिरादरी से सभी देश खुलकर सामने आए, सभी देशों की जिम्मेदारी बनती है कि कनाडा के अंदर जिस प्रकार से भारत विरोधी गतिविधि चल रही है उन पर पूर्ण विराम लगना चाहिए। यूएनओ की भूमिका महत्वपूर्ण बन जाती है, यूएनओ में ट्रुडो सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास होना चाहिए। किसी भारतीय पर किसी प्रकार का हमला स्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत के सिख नेतृत्व की भी जिम्मेदारी बनती है कि आखिर खालिस्तान का नाम लेकर क्यों बार-बार सिख प्रतीकों को लेकर किस प्रकार की भारत विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं। अकाल तख्त की भी भूमिका महत्वपूर्ण बन जाती है, अकाल तख्त का इतिहास गौरवशाली रहा है। किसी भी भारत विरोधी गतिविधि का विरोध होना ही चाहिए। खलिस्तान का नाम आना अकाल तख्त के लिए भी चुनौती है, इन गतिविधियों को रोकने के लिए अपने प्रभाव का प्रयोग करना चाहिए।

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