Edited By Deepak Kumar, Updated: 30 Jun, 2025 06:41 PM

तेज आंधी के दौरान कालांवाली से बड़ागुढ़ा के बीच रेलवे ट्रैक पर करीब 10 पेड़ गिर गए। इसी दौरान बठिंडा-रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन वहां से गुजर रही थी। 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन के चालक ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ा हादसा...
डेस्कः रेलवे ट्रैक के साथ-साथ लगे वन विभाग के पेड़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। रेलवे प्रशासन इन पेड़ों को हटाने के लिए कई बार वन विभाग को पत्र लिख चुका है, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जानकारी के अनुसार रविवार शाम आई तेज आंधी के दौरान कालांवाली से बड़ागुढ़ा के बीच रेलवे ट्रैक पर करीब 10 पेड़ गिर गए। इसी दौरान बठिंडा-रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन वहां से गुजर रही थी। 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन के चालक ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ा हादसा टाल दिया। घटना के कारण यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और कई की सांसें फूल गईं।
रेल सेवाएं रहीं प्रभावित
पेड़ गिरने के कारण करीब तीन ट्रेनों को दो से चार घंटे की देरी का सामना करना पड़ा।
- बठिंडा-रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन जो सामान्यतः शाम 6:47 बजे सिरसा पहुंचती है, वह रात 10:43 बजे पहुंची।
- किसान एक्सप्रेस जो सिरसा से 7:50 बजे बठिंडा के लिए रवाना होती है, वह 10:10 बजे रवाना हो सकी।
- बठिंडा-जयपुर ट्रेन, जो रात 11:00 बजे सिरसा पहुंचती है, वह 1:57 बजे पहुंची।
- ट्रेन संख्या 04783, जो सामान्यतः 9:25 बजे सिरसा आती है, वह 11:32 बजे पहुंची।
हजारों पेड़ हादसे को दे रहे न्योता
जानकारी के अनुसार, जिले में 2063 पेड़ रेलवे ट्रैक के बेहद पास स्थित हैं, जिनमें से 1000 से अधिक पेड़ कालांवाली-बड़ागुढ़ा खंड के पास हैं। आंधी और तूफान के समय ये पेड़ सीधे रेलवे ट्रैक पर गिर जाते हैं, जिससे रेल यातायात बाधित होता है और दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
रेलवे की अपील, वन विभाग कर रहा अनदेखी
रेलवे विभाग ने कई बार जिला वन अधिकारी और मुख्यालय को पत्र लिखकर खतरनाक पेड़ों को हटाने की मांग की है। बावजूद इसके वन विभाग ने अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की है। प्रत्येक वर्ष आंधी-तूफान में पेड़ों के गिरने से ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ता है। यदि समय रहते ट्रैक पर गिरने की सूचना न मिले, तो भविष्य में बड़ा हादसा हो सकता है।
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